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केजरीवाल के पांच साल के झूठ और बवाल का मीनाक्षी लेखी ने किया पर्दाफाश

नई दिल्ली । प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता में नई दिल्ली की सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने केजरीवाल का पांच साल का झूठ और बवाल कार्यक्रम के तहत केजरीवाल के झूठ का खुलासा किया। प्रेसवार्ता में मीडिया के समक्ष तीन विडियो दिखाये गये जिसमें केजरीवाल के झूठ का खुलासा किया गया। इस अवसर पर मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा एवं मीडिया कमेटी के सह-संयोजक श्री विरेन्द्र सचदेवा उपस्थित थे।
श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि देशभक्त अरविन्द केजरीवाल से यह सवाल पूछना चाहती हूं कि आखिर वो कैसे देशभक्त हैं, जो सीएए के विरोध में हुये दंगों में शामिल लोगों को मुआवजा देकर अपनी देशभक्ति साबित करते हैं। वो दंगों में शामिल लोगों को पांच लाख मुआवजा और नौकरी देते हैं। आखिर वो कैसे मुख्यमंत्री हैं, जो उन लोगों का साथ देते हैं, जो दिल्ली को जलाते हैं। केजरीवाल एक टीवी चैनल पर दिए साक्षात्कार के माध्यम से आम लोगों में भ्रम फैलाते हैं कि अगर आधे भी शरणार्थियों को नागरिकता दी जायेगी तो उन्हें नौकरी कैसे मिलेगी, उन्हें कहां बसाया जाएगा। जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल इतर है। वो सिर्फ सीएए कानून को लेकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं और दिल्ली के चुनावी तवे पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंक रहे हैं।
श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उनके उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया भी लोगों को भ्रमित करने के लिए झूठी खबर फैलाते हुए ट्विट करते हैं कि दिल्ली पुलिस ने ही डीटीसी बसों में आग लगाई थी। जबकि मीडिया द्वारा की गई पड़ताल में ये साफ हो गया कि मनीष सिसोदिया का ये आरोप बिल्कुल निराधार है क्योंकि पुलिस ने बस में पानी डाल कर उसे जलने से बचाया था न कि जलाया था। एक शिक्षा मंत्री और राज्य के उप मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें दिल्ली के लाखों छात्रों को इस मुद्दे पर समझाना चाहिए न कि उलझाना चाहिए।
श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आज तक अपना झूठा ट्विट भी डिलीट नहीं किया है। अब आप केजरीवाल के राष्ट्रविरोधी लोगों के प्रति लगाव को भी समझिए और देखिए कि उनकी पार्टी में कौन कौन लोग हैं, जोकि सिर्फ दिल्ली को जलाने का काम करते हैं। दिल्ली के जामिया नगर इलाके में आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने एक विरोध प्रदर्शन बुलाया था। इस रैली में उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया और लोगों को उकसाया। उसी भाषण के बाद भीड़ उग्र हो गई और जगह जगह हिंसात्मक घटनाएं देखने को मिलीं। आप का विधायक हाजी इशराक दंगों में शामिल लोगों की बेल कराने थाने में आधी रात को पहुंचते है और उनकी बेल करा कर ही घर लौटता है। कासिम उस्मानी जो कि जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में आम आदमी पार्टी की छात्र विंग सीवाईएसएस का उपाध्यक्ष है, उसने सबसे पहले जामिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुये उसकी कॉपियां जलाई। दिल्ली पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में उस्मानी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। बात इतने पर ही खत्म नहीं होती है, गौर करिएगा कि इन्होनें कन्हैया कुमार के देश विरोधी नारों के खिलाफ दर्ज केस की फाइल भी तीन साल से दबाकर रखी है, क्योंकि इन्हें ऐसे लोगों से प्रेम है और ये नहीं चाहते हैं कि ऐसे लोगों को सजा मिले।

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