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मनीष सिसोदिया ने दंगा पीड़ितों के फार्मों को जल्द निपटाने के आदे दिये

नई दिल्ली । दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ उत्तर पूर्वी जिले के जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारियों एवं राजस्व जिला अधिकारी और दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर समेत तमाम उच्चाधिकारियों के साथ मुआवजा वितरण और राहत कार्यों के संदर्भ में एक विशेष बैठक की ।
इस दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब दंगा प्रभावित परिवार अपने घरों में वापस जाने की तैयारी में हैं। वह पिछले कुछ सप्ताह से राहत शिविरों में थे। ऐसे में पुलिस अधिकारियों से अधिक पुलिस बलों की तैनाती के लिए कहा गया। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दंगा पीड़ित परिवार अब राहत शिविरों को छोड़कर अपने घर की तरफ वापस जाने के लिए लगभग तैयार हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें एक सुरक्षापूर्ण वातावरण मुहैया कराया जाए। ऐसे में यह जरूरी है दंगा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की जाए। पुलिस के इस कदम के द्वारा लोगों में जो भय बना हुआ है वह समाप्त होगा। और वे अपने जीवन को सामान्य रूप से शुरू कर पाएंगे। यह शांति व्यवस्था को स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
सहायता और मुआवजे के लिए आए हुए आवेदनों के विषय में बात करते हुए उनकी कमियों को दूर करने और एक ही व्यक्ति के दोहरे फॉर्म के विषय में श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि – “मैं चाहता हूं कि जल्द से जल्द मुआवजा वितरण की प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके संबंध में जो कुछ भी अनियमितताएं हैं जैसे कि दंगा पीड़ितों का नाम एवं अन्य कमियाँ उन्हें शीघ्र दूर किया जाए। उन्होंने इस संदर्भ में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए दोहरे फॉर्म छटनी की प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि – “आप सभी अपने उच्च अधिकारियों को निर्देश जारी करें कि वह फॉर्म के सत्यापन की प्रक्रिया तेज करें। और यदि फॉर्म में किसी तरह की कमी है या कोई दोहरा फॉर्म उपलब्ध है तो उसे छांटें। मैं और मेरी टीम रात-दिन सत्यापन की प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने के लिए समर्पित है।”
दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गये आँकड़ों के अनुसार – अब तक ₹13,51,51,590 (तेरह करोड़, इक्यावन लाख, इक्यावन हजार, पाँच सौ नब्बे रूपये) का मुआवजा अब तक वितरित किया गया है। मृत्यु के 42 मामलों में फॉर्म मिले जिनमें से सभी के परिवारों को मदद दी जा चुकी है। घरों को गंभीर नुकसान के 214 फॉर्म प्राप्त हुए जिनमें से 203 को पूरा मुआवजा दिया जा चुका है। 221 मकानों में कम नुकसान के आवेदन आये थे। जिनमें से 163 को अब तक सहायता दी जा चुकी है।
दिल्ली सरकार के दंगा सहायता समूह के रिस्पांस टीम द्वारा 3 बच्चों के ऐसे मामले सामने लाए गए उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान तेजाब के हमले के पीड़ित थे। इन मामलों के विषय में स्वास्थ्य मंत्री श्री सतेंद्र जैन ने कहा की “एसिड अटैक विक्टिम को गंभीर रूप से घायल की श्रेणी में रखा जाना चाहिए और उन्हें उसके अनुसार से ही मुआवजा दिया जाना चाहिए। क्योंकि इस तरह के हमलों से ना केवल शारीरिक क्षति पहुंचती है बल्कि पीड़ित को मानसिक प्रताड़ना का भी शिकार होना पड़ता है।”
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सहायता शिविरों में बाहरी लोगों की आवाजाही की रोकने के लिए सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत करने की बात कही। जिसके लिए उन्होंने सिविल डिफेंस पर्सनल की नियुक्ति पर जोर दिया।

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