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वायरस से बचने के लिए मोबाइल ऐप से कर रहे चालान

नई दिल्ली। कोरोना का संक्रमण फैलने की आशंका को टालने के लिए वैसे तो ट्रैफिक पुलिस आजकल फिजिकल चालान कम ही काट रही है, लेकिन तकनीक का उपयोग करते हुए डिजिटल तरीके से खूब चालान काटे जा रहे हैं। लॉकडाउन-4 के तहत दिल्ली के बाजारों, दफ्तरों और सरकारी और निजी संस्थानों के खुलने के साथ ही सड़कों पर ट्रैफिक भी बढ़ गया है। खासतौर पर डीटीसी की बसों और ऑटो-टैक्सी और ई-रिक्शों का परिचालन शुरू होने से चहल-पहल काफी बढ़ गई है। इसे देखते हुए ट्रैफिक पुलिस भी एक्टिव हो गई है।
लॉकडाउन-1 से 3 के दौरान जहां दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ओवरस्पीडिंग और रेडलाइट जंपिंग के जमकर चालान काटे थे, वहीं अब लॉकडाउन-4 में ट्रैफिक पुलिस अवैध पार्किंग को रोकने पर विशेष फोकस कर रही। इसी को ध्यान में रखते हुए इन दिनों बाकायदा अभियान चलाकर बाजारों, दफ्तरों और अन्य जगहों पर अवैध या गलत तरीके से सड़क किनारे पार्क की गई गाड़ियों के चालान काटे जा रहे हैं। गाड़ियों को क्रेन से उठाने या उनके पहिए लॉक करने की बजाय या ई-चालान मशीनों के जरिए ऑन द स्पॉट चालान काटने की जगह ऐसी गाड़ियों की फोटो खींचकर ऑनलाइन तरीके से चालान काटकर गाड़ी के ओनर के मोबाइल पर मेसेज के साथ चालान भेजा जा रहा है। इससे संक्रमण के खतरे को टालने में भी काफी मदद मिल रही है।
ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, कोरोना के खतरे से ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए ही इस अभियान में फिजिकल टच और फिजिकल प्रेजेंस को कम से कम रखा जा रहा है। केवल उन्हीं जगहों से गाड़ियों को क्रेन बुलाकर हटवाया जा रहा है, जहां उनकी वजह से ट्रैफिक के मूवमेंट पर असर पड़ रहा हो। बाकी मामलों में ट्रैफिक पुलिसकर्मी अपने मोबाइल के जरिए ही गलत तरीके से पार्क की गई गाड़ियों की फोटो खींचकर उसे ट्रैफिक पुलिस के मोबाइल ऐप में अपलोड कर देती हैं और फिर नोटिस ब्रांच में तैनात टीआई उसे वेरिफाई कर देते हैं। इसके बाद गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर उसके ओनर का पता लगाकर उनके मोबाइल पर एसएमएस के जरिए चालान का लिंक और फोटो भेज दिया जाता है। इसमें ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को ई-चालान मशीन का इस्तेमाल भी नहीं करना पड़ता है।
ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि अवैध पार्किंग के मामले में इस साल जितने ऑन द स्पॉट चालान काटे गए हैं, लगभग उतने ही चालान मोबाइल ऐप के जरिए भी काटे जा चुके हैं। ट्रैफिक पुलिस के अलावा आम लोग भी मोबाइल के जरिए ऐसी गाड़ियों के फोटो खींचकर ट्रैफिक पुलिस को भेजते हैं, जिन्हें वेरिफाई करने के बाद चालान भेज दिए जाते हैं। इस साल 1 जनवरी से लेकर 27 मार्च तक जहां ई-चालान मशीनों के जरिए गलत तरीके से पार्क की गई गाड़ियों के 1,05,111 चालान आन द स्पॉट काटे गए थे। वहीं, 1 जनवरी से 24 मई के बीच मोबाइल ऐप के जरिए भी 1,04,313 चालान काटे गए थे। वहीं, लॉकडाउन के दौरान भी करीब 8 हजार चालान मोबाइल ऐप के जरिए ही काटे गए और गाड़ी के रजिस्टर्ड ओनर्स को नोटिस भेजे गए। अब लॉकडाउन-4 शुरू होने के बाद और सख्ती के साथ अवैध पार्किंग को रोकने के लिए इसी तरह से चालान काटे जा रहे हैं।
(साभार : नवभारत टाइम्स)

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