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केन्द्र सरकार कृषि क्षेत्र को भी कॉर्पोरेट्स के हाथों में सौंपना चाहती है : चौ. अनिल कुमार

नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा संसद में बिना विपक्षी पार्टियां से चर्चा किए किसान विरोधी बिलों को पास करने के खिलाफ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ.अनिल कुमार जैसे ही शांतिपूर्ण तरीके से किसान मजदूर न्याय मार्च के लिए राजघाट पहुंचे अमित शाह की शह पर दिल्ली पुलिस ने मौजूद भारी संख्या में किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं कि घेराबंदी करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की संख्या इतनी अधिक थी कि उन्हें गिरफ्तार करके दिल्ली के कई पुलिस स्टेशनों पर ले जाया गया। बड़ी संख्या में मौजूद किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता राजघाट से राज निवास तक न्याय मार्च करके किसान विरोधी बिलों को वापस लेने के लिए उपराज्यपाल द्वारा महामहिम भारत के राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन सौंपना चाहते थे। प्रदेश अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने बाद में उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
चौ. अनिल कुमार के साथ पूर्व सांसद रमेश कुमार और उदित राज, प्रदेश उपाध्यक्ष जय किशन, मुदित अग्रवाल, अभिषेक दत्त, सुश्री शिवानी चोपड़ा, अली मेहंदी, किसान सेल के चेयरमैन राजबीर सिंह सौलंकी, पूर्व विधायक चौ. मतीन अहमद, वीर सिंह धींगान, विजय लोचव, आदर्श शास्त्री, भीष्म शर्मा संदीप गोस्वामी, परवेज आलम, दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन, विधि एवं मानव अधिकार विभाग चेयरमैन एडवोकेट सुनील कुमार, जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार एडवोकेट, मौ. उस्मान, हरी किशन जिंदल, राजेश चौहान, विष्णु अग्रवाल, डॉ. नरेश कुमार, ब्लाक अध्यक्ष के साथ सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके हरी नगर पुलिस स्टेशन के अन्तर्गत हरी नगर खाटूश्याम जी स्टेडियम ले जाया गया। चौ. अनिल कुमार ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है कि गृहमंत्रालय के अन्तर्गत दिल्ली पुलिस किसानों के देश में किसानों के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को किसानों को शांति पूर्ण मार्च निकालने पर बल पूर्वक कठोर पांबदी लगा रही है, जबकि हमारा प्रतिष्ठित ‘जय जवान-जय किसानÓ का नारा दुनिया भर में गूंजता है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा की केन्द्र की सरकार दूसरे सरकारी क्षेत्रों और विभागों की तरह कृषि क्षेत्र को भी कॉर्पोरेट्स के हाथों में सौंपने के लिए दृढ संकल्प दिख रही है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली पूरी तरह से तानाशाही हूकूमत की गिरफ्त में है, दिल्ली पुलिस द्वारा मुख्यत: कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को निशाना बनाया जाता है जब वे लोगों की आवाज उठाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश करते है, परंतु जब यही विरोध प्रदर्शन भाजपा और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता, बिना कोविड दिशा निर्देशों का पालन किए करते है तो पुलिस उन्हें संरक्षण देती है।

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