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सेंट मारग्रेट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ‘निर्मिती 2020’ वार्षिक कला प्रदर्शनी का आयोजन

नई दिल्ली। निर्मिती का अर्थ है ‘निर्माण’ प्रकृति नित नव निर्माण की तरफ अग्रसर रहती है क्योंकि पुरातन से ही नवीन ताका जन्म होता है और वह नवीन फिर से एक दिन पुरातन हो जाता है। यही जीवन की सतत प्रक्रिया भी है।
सेंट मारग्रेट सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रशांत विहार में ऑनलाइन ‘निर्मिती’ वार्षिक प्रदर्शनी का योजनाबद्ध तरीके से शानदार आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी के अंतर्गत विभिन्न विभागों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिसमें छात्रों की सहभागिता, प्रदर्शन, उत्साह सराहनीय था।
कार्यक्रम का आरंभ विद्यालय के प्रबंधकीय सदस्यों, आमंत्रित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। चेयरमैन बी.आर. गोस्वामी ने अपने भाषण में प्रेरणास्पद शब्दों से शिक्षकों एवं छात्रों का उत्साहवर्धन किया। प्रधानाचार्या श्रीमती रेनू जैन ने सभी का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि-
सीखने के लिए हुनर हो तो संघर्ष की जरुरत नहीं,
बच्चों की सराहना हो तो सहारे की जरुरत नहीं।
तत्पश्चात संगीत विभाग द्वारा गणेश वंदना, मिले सुर मेरा तुम्हारा, विदेशी गीत, शास्त्रीय संगीत आदि के माध्यम से रंगारंग कार्यक्रम का प्रदर्शन किया। निर्मिती-2020 का उद्घाटन समारोह केवल आयोजन का एक पवित्र प्रारंभ नहीं था, बल्कि कोविड-19 के काले बादलों के नीचे सुरक्षा और विश्वास के साथ चलते रहने के लिए आशा और विश्वास की एक किरण थी।
कंप्यूटर विभाग ने विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति द्वारा दिखाया कि किस तरह से करोना काल के कठिन समय में टेक्नोलॉजी ने ‘जादू के चिराग’ का काम किया और हमारे जनजीवन को सामान्य बनाने में सहायक बनी।
प्री-स्कूल से कक्षा दो तक के विद्यार्थियों ने ‘अलर्ट टुडे लाइव टुमारो थीम’ को चुना जिसके माध्यम से उन्होंने हमें बताया कि यदि हम आज सावधान रहेंगे तभी हम भविष्य में पृथ्वी पर जीवन को बचा पाएंगे द्यविभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से उन्होंने बताया कि हमें सदा अपनी सोच को सकारात्मक रखना चाहिए और घर के बने पदार्थों को महत्व देना चाहिए।
‘खेल विभाग’ ने प्राचीन भारतीय योग विज्ञान को महत्व देते हुए समझाया कि करो योग भगाए रोग अर्थात जहाँ योग हमें स्वस्थ रखता है वहीं इस प्राचीन पद्धति से हम अपने संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं और बीमारियों को दूर भगा सकते हैं।
विज्ञान विभाग द्वारा संदेश दिया गया कि सभी आयु वर्ग के लोग किस तरह से विज्ञान का सामान्य जनजीवन में बहुआयामी प्रयोग कर लाभ उठ सकते है।
सामाजिक विज्ञान ने उत्तर भारत में बसे सिक्किम प्रदेश की खूबसूरती को दिखाया और बताया कि यह एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। वर्चुअल पी.पी.टी.के माध्यम से उन्होंने पूरे सिक्किम प्रदेश की यात्रा करवाई।
अंग्रेजी विभाग के द्वारा बच्चों को अंग्रेजी के प्राचीन साहित्य की जानकारी दी गई व लेखकों से परिचित करवाया गया। कॉमर्स विभाग के द्वारा भारत भाग्य नाटक की प्रस्तुति की गई।
हिंदी व संस्कृत विभाग द्वारा ‘प्रकृति संरक्षण विकल्प नहीं संकल्प’ विषय को चुना गया, जिसमे विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा आज के संदर्भ में प्रकृति की आवश्यकता, प्रकृति की उपयोगिता व प्रकृति के महत्व को दर्शाया गया। सारे कार्यक्रमों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि कभी-कभी कठिन परिस्थिति अवसर बन कर आती है व जीने की नई राह दिखा जाती है।
आइए मिलकर नव निर्माण करें।
सृजन का आह्वान करें।।
कला और कलाकारों का उचित सम्मान करें।
विद्यालय के प्रबंधकीय सदस्यों ने छात्रों द्वारा प्रस्तुत सभी कार्यक्रमों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की व प्रधानाचार्य श्रीमती रेनू जैन ने सराहनीय शब्दों से बच्चों का उत्साह वर्धन किया।

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