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मुख्यमंत्री ने नरेला क्षेत्र में बायो डीकंपोजर घोल के छिड़काव का शुभारंभ किया

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पराली की समस्या से निपटने के पूसा रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार बायो डीकंपोजर घोल के छिड़काव का आज शुभारंभ नरेला क्षेत्र के हिरंकी गांव से किया। इस मौके पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के करीब 700 से 800 हेक्टेयर जमीन पर इस घोल का नि:शुल्क छिड़काव किया जाएगा। हमें इस मुद्दे पर एक-दूसरे पर अरोप-प्रत्यारोप लगाने की जरूरत नहीं है, बल्कि सभी राज्य सरकारों को एक-दूसरे के साथ मिल कर काम करना होगा। यदि दिल्ली सरकार कर सकती है, तो बाकी राज्य सरकारें भी कर सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में पिछले 10 महीने से प्रदूषण नियंत्रण में था, लेकिन पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली का धुंआ अब दिल्ली के अंदर पहुंचने लगा है। मुझे पराली से होने वाले प्रदूषण को लेकर दिल्ली के साथ पंजाब और हरियाणा के लोगों की भी चिंता है। इस मौके पर उपस्थित पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार पराली की समस्या पर सभी का सहयोग चाहती है। सभी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को सहयोग करना चाहिए, ताकि दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से मुक्ति मिल सके।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पराली की समस्या से निपटने के पूसा रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए बॉयो डीकंपोजर घोल के छिड़काव का आज शुभारंभ किया। पराली के डंठल पर घोल के छिड़काव की शुरूआत नरेला क्षेत्र के हिरंकी गांव में किसानों के खेतों से की गई। मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पराली की समस्या से निजात पाने के लिए पूसा रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बॉयो डीकंपोजर तकनीक से घोल बनाने का तरीका निकाला है। इस घोल का पराली पर छिड़काव करने के कुछ दिनों बाद वह गल कर खाद में तब्दील हो जाता है और लोगों को पराली जलाने की आवश्यकता नहीं होती है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पराली जलाने से छुटकारा पाने के लिए सभी को बहुत गंभीरता के साथ काम करना पड़ेगा। कई वर्षों से हर साल अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की वजह से दुखी हो जाता है, फिर भी ऐसा क्यों है कि सरकारों की तरफ  से कोई कदम नहीं उठाए जाते हैं। सभी सरकारों को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना छोडऩा पड़ेगा, हमें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने की जरूरत नहीं है। हम सभी को मिल कर इस समस्या का समाधान निकालना है।

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