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दिल्ली में हर निर्माण श्रमिक का पंजीकरण हमारी प्राथमिकता : उपमुख्यमंत्री

नई दिल्ली। श्री सिसोदिया ने श्रम एवं रोजगार विभाग का कार्यभार संभालते हुए विभागीय अधिकारियों के साथ पहली बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि श्रम विभाग का काम हर हाल में मजदूरों की मदद करना है। अगर किसी नियम के कारण कोई बाधा हो, तो उसको मजदूरों के पक्ष में व्याख्या करते हुए उनके मददगार के रूप में खड़ा होना ही हमारा एकमात्र सिद्धांत है।
श्री सिसोदिया ने दस लाख श्रमिकों का पंजीकरण-सत्यापन जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश श्रम विभाग को दिया।
श्री सिसोदिया ने हिदायत दी कि दिल्ली में एक भी निर्माण श्रमिक अपंजीकृत नहीं छूटना चाहिए। उन्होंने निर्माण श्रमिकों के पंजीयन और सत्यापन में आने वाली बाधाओं को तत्काल दूर करने का निर्देश दिया।
श्री सिसोदिया कहा कि हमारा लक्ष्य समस्त प्रक्रियाओं को सरल करते हुए दस लाख निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण और सत्यापन जल्द-से-जल्द पूरा करना है। इसमें एक भी श्रमिक छूटना नहीं चाहिए। दिल्ली सरकार बड़े पैमाने पर अभियान चलाएगी ताकि आने वाले महीनों में दस लाख निर्माण श्रमिकों को पंजीकृत किया जा सके। हमारा मकसद है कि सभी मजदूरों को उनका जायज हक और योजनाओं का लाभ मिल सके।
श्री सिसोदिया ने श्रमिकों को ‘बिल्डर्स ऑफ द सिटी’ की संज्ञा देते हुए कहा कि जिनलोगों ने हमारी दिल्ली को बसाया है, उन्हें हक दिलाना हमारी प्राथमिकता है।
मालूम हो कि भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम के तहत दिल्ली सरकार द्वारा श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए श्रमिकों को दिल्ली भवन और अन्य विनिर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण कराना होता है। वर्तमान में इसमें 52,000 सदस्य हैं। साथ ही, 66,000 श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है लेकिन उनका सत्यापन लंबित है।
श्री सिसोदिया ने कहा कि इन लंबित 66,000 श्रमिकों को तत्काल सत्यापित करना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने बड़े पैमाने पर अन्य श्रमिकों के पंजीकरण और सत्यापन के लिए एक दीर्घकालिक एजेंडा भी निर्धारित किया। उन्होंने श्रम विभाग को ऐसे कार्य कुशलतापूर्वक त्वरित गति से करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इन निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण और सत्यापन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ठोस उपाय करेगी। इससे पहले दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण के लिए 23 अगस्त को अभियान चलाया था। इस दौरान दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में पंजीकरण शिविर लगाए गए थे।

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