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आयुर्वेद जीवन जीने की एक पद्धति है : सतेंद्र जैन 

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन आज आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सक संगठन (आईएसएम डॉक्टर सेल दिल्ली) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बातौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2020 को मनाने के लिए रखा गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों पर अपने विश्वास के बारे में बताया और कहा कि यह दुनिया कि सबसे पुरानी और विश्वसनीय पद्धति है।

स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि आयुर्वेद केवल मेडिकल सिस्टम नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक पद्धति है। इसके अंदर भोजन से लेकर भजन तक के बारे में बताया गया है। प्राणायाम, योग सब इसके अन्दर आते हैं। उन्होंने कहा कि यह हजारों साल से चली आ रही पद्धति है और आज के युग में इसकी महत्ता पहले से भी ज्यादा बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि बहुत सारी ऐसी बीमारियां हैं, जिसकी एलोपैथिक दवा लेने से तुरंत आराम तो मिल जाता है, लेकिन वह जड़ से खत्म नही होती अर्थात उस बीमारी से छुटकारा नहीं मिलता है। वहीं, आयुर्वेदिक पद्धति में थोड़ा समय जरूर लगता है, लेकिन बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है। उन्होंने कहा कि मेरी आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सकों से विनती है कि वह शॉर्टकट का रास्ता न अपनाएं और अपने पद्धति पर पूरा विश्वास रखें। यह अभी के दौर की सबसे अच्छी पद्धति है।

चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि आयुर्वेद को किसी के नकल की कोई जरूरत नहीं है। यह पद्धति दुसरी सारी पद्धतियों से काफी अच्छी हैं। कुछ चीजें हैं, जैसे कि एक्सीडेंट, उस केस में आयुर्वेद के लिए काम करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। वैसे केस को रेफर कर देना चाहिए। 20 प्रतिशत केस को रेफर किया जा सकता है, लेकिन 80 प्रतिशत केस को आराम से ठीक किया जा सकता है। मंत्री ने रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), मधुमेह (डायबिटीज ) का उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही थोड़ा ज्यादा समय लगे, लेकिन आयुर्वेद में इन बीमारियों का  पूर्णतयाः इलाज संभव है, जबकि एलोपैथिक या दुसरे किसी पद्धति में नहीं है। सतेंद्र जैन ने कहा कि अगर आप अपनी पद्धति पर काम करते रहेंगे, तो धीरे-धीरे ही सही, लेकिन आपको सफलता मिलेगी। आपकी ख्याति बढ़ती जाएगी और आपके काम के ऊपर लोगों का विश्वास बढ़ता जाएगा। मंत्री ने कहा कि आयुर्वेदिक् चिकित्सक को सिर्फ दवा के बारे में नही बताना चाहिए, बल्कि लोग अपने जीवन शैली को कैसे बेहतर कर सकते हैं यह भी बताएं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर हम लोग इस पद्धति को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे, तो जल्द ही ऐसा होगा कि आयुर्वेद पढ़ने के लिए भी हमें इंग्लैंड जाना होगा और वह हमें पढ़ाएंगे कि आयुर्वेद क्या होता था, कैसे होता था। वह हमारी किताबों से ही पढ़ कर हमें बताएंगे। मंत्री ने सभी से अपील करते हुए कहा कि इस पद्धति को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सब लोगों की है। स्वस्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मुझे इस पद्धति पर अटूट विश्वास है। जब मुझे कोरोना हुआ था, तब अस्पताल में इमरजेंसी में भी रहना पड़ा। लेकिन बाद में प्राणायाम और योग करने से काफी फायदा हुआ।  इस कार्यक्रम में पटेल नगर के विधायक आनंद भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ प्रदीप कुमार अग्रवाल, चेयरमैन पारा मेडिकल बोर्ड ने की। डॉ अशोक शर्मा विशिष्ट अतिथि के अतिरिक्त संगठन के पदाधिकारियों एवं दिल्ली के गणमान्य चिकित्सक भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

 

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