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यमुना सफाई के नाम पर हजारों करोड़ रुपये भ्रष्टाचार की भेट चढाऐ :अनिल भारद्वाज

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय मे आयोजित संवाददाता सम्मेलन को मुख्यमंत्री के पूर्व संसदीय सचिव एवं पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, दिल्ली बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष चौ. मतीन अहमद और पूर्व विधायक विजय सिंह लोचव ने दिल्ली की अरविन्द सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले 7 वर्षों में दिल्लीवासियों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के नाम पर गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि अरविन्द सरकार ने पर्यावरण सुधारने के लिए कुछ नहीं किया, करोड़ो रुपये यमुना सफाई के नाम पर खर्च किए, दिल्ली जल बोर्ड घाटे में पहुंचा दिया, इसकी सीबीआई जांच की जानी चाहिए।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि यह दिल्ली की अरविन्द सरकार के लिए शर्म की बात है सुप्रीम कोर्ट को यमुना में अत्यधिक अमोनिया की मात्रा के कारण प्रदूषित पानी के कारण दोबारा संज्ञान लेना पड़ा, यमुना का पानी इतना प्रदूषित है जो संयत्रित भी नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अरविन्द सरकार यमुना के प्रदूषित जल को संशोधित करने की बजाय केन्द्र सरकार, हरियाणा सरकार और भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम पर आरोप लगा रहे है। श्री भारद्वाज ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने एन.जी.टी. को निर्देश दिए है कि यमुना की देख-रेख के लिए एक कमेटी गठित की जाए जबकि इससे पहले भी एनजीटी के निर्देशों पर सरकारों ने संवेदनशीलता नही दिखाई है।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि यमुना के जल में अमोनिया की मात्रा नार्मल 0.5-0.75 से लेकर 4 पीपीएम वाटर ट्रीटमेंन्ट के बाद उसे पीने योग्य बनाया जा सकता है परंतु आज यमुना जल अमोनिया की मात्रा 10-12 पीपीएम जिसे भविष्य में यमुना जल को संशोधित करने के लिए टेक्नोलॉजी को वाटर ट्रीटमेंट करने की योजना है वह संयत्र भी यमुना जल को संशोधित नहीं कर सकते, इनके लिए पूरी तरह से मुख्यमंत्री अरविन्द के आधीन दिल्ली जल बोर्ड जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि जल में अमोनिया की इतनी अधिक मात्रा के कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए खतरा हो सकता है।
अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में जल प्रदूषित होने कारण सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी 2020 को स्वयं संज्ञान लिया और एनजीटी को कार्यवाही के लिए भी कहा, परंतु एनजीटी के तमाम आदेशों के बावजूद भी सरकारें सोई हुई है। दिल्ली सरकार ने स्वयं के अध्ययन में यह पाया है कि वर्ष 2020 में 33 दिन अमोनिया का स्तर उच्चतम मानक से अधिक रहा जिसके कारण ओखला, चंद्रवाल व वजीराबाद प्लांट जो दिल्ली की एक तिहाई सप्लाई के कारक है, पूर्णत: प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम और दिल्ली की अरविन्द सरकार दिल्ली में 56 एसटीपी योजना के जमीन की उपलब्धता को लेकर नूराकुश्ती कर रहे है, 1739 अनधिकृत कॉलोनियों में से मात्र 434 कॉलोनियों में ही सीवर लाईन बिछी है। भाजपा और आम आदमी पार्टी जिम्मेदारी निभाने की बजाय एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
श्री भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस के शासन में दिल्ली जल बोर्ड फायदे में चल रहा था और अरविन्द केजरीवाल टैंकर माफिया के आरोप लगाते थे परंतु आज पिछले तीन बार से शासित अरविन्द के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड घाटे में चल रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की शीला सरकार के 15 वर्षों के दौरान 1998-99 के 284 एमजीडी सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता को 2012-2013 में दुगना करके 545 एमजीडी किया।

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