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कोरोना वैक्सीन की तरह कवि सम्मेलन भी जरूरी : सिसोदिया

नई दिल्ली। कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग (दिल्ली सरकार) के अंतर्गत हिंदी अकादमी ने राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया। गणतंत्र महोत्सव के तहत यह कार्यक्रम हिंदी भवन सभागार में हुआ। मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोरोना काल में सांस्कृतिक गतिविधियों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोरोना वैक्सीन आवश्यक है, उसी प्रकार कवि सम्मेलन भी आवश्यक है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर कवि सम्मेलन का आयोजन करना आजादी के बाद से अब तक की परंपरा रही है। उसे कायम रखने के लिए यह कवि सम्मेलन आयोजित करना जरूरी था। भविष्य में कोई यह न कहे कि वर्ष 2021 में कवि सम्मेलन की परंपरा टूट गई। इसलिए कोरोना संबंधी सभी आवश्यक सावधानी बरतते हुए यह आयोजन किया जा रहा है। यह कवि सम्मेलन मुश्किल के दौर में हमारी एकजुटता का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर मंच गुलज़ार होना बहुत खुशी की बात है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजनैतिक राजधानी के साथ-साथ सांस्कृतिक राजधानी भी है। भारत की भाषाएं समृद्ध होंगी तो राष्ट्रभाषा समृद्ध होगी। उन्होंने इस मुश्किल के समय में प्रशंसनीय कार्य करने वाले कोरोना योद्धाओं की सराहना की।
हिंदी अकादमी के सचिव डॉ. जीतनराम भट्ट ने कहा कि आजादी के समय से ही गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन आयोजित होता आया है। कोरोना के कारण इस बार लाल किला के बदले इसे हिंदी भवन में किया जा रहा है। कवि-सम्मेलन डॉ. कुंअर बैचैन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। सुरेंद्र शर्मा के संचालन में भारत के विभिन्न स्थानों से आए कवि, कवित्रियों ने काव्य-पाठ किया। इनमें डॉ.कीर्तिं काले, गुणवीर राणा, ताराचंद ‘तन्हाÓ, दिनेश रघुवंशी, डॉ. मालविका हरिओम, डॉ. विष्णु सक्सेना सम्पत सरल जैसे गणमान्य कवि उपस्थित रहे।

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