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हमने अपनी चीजें सस्ती कीं, पेट्रोल पर टैक्स केंद्र घटाएः सिसोदिया

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के बजट की थीम इस बार देशभक्ति पर आधारित है। शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई बड़ी योजनाएं इस बजट का खास हिस्सा हैं। बजट में दिल्ली में ओलिंपिक के आयोजन, दिल्ली के नागरिक की प्रति व्यक्ति आय को सिंगापुर के बराबर लाने का बड़ा सपना और विजन भी इस बजट में है। इस बजट के विजन पर उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री  मनीष सिसोदिया ने एनबीटी के सवालों के जवाब दिएः

अगले साल हम देश की आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे है। दिल्ली सरकार यह चाहती है कि पूरी दिल्ली देशभक्ति के माहौल से ओत-प्रोत हो। दिल्ली में जगह-जगह देशभक्ति के कार्यक्रम हों और इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है। 12 मार्च 2021 से लेकर 15 अगस्त 2022 तक हम 75 हफ्ते का देशभक्ति कार्यक्रम मनाने जा रहे है। देशभक्ति पर आधारित होने वाले इन कार्यक्रमों के माध्यम से हम महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोष, शहीद भगत सिंह, बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर, चंद्रशेखर आजाद जैसे महान देशभक्तों का देश के लिए निस्वार्थ भाव से किए कामों को लोगों तक पहुंचाएंगे। दिल्ली के 500 जगहों पर बड़े-बड़े तिरंगा झंडा लगाने वाले हैं कि जब दिल्ली के लोग शान से लहराते तिरंगे को देखेंगे तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा और मन देशभक्ति में सराबोर हो जाए। केवल तिरंगे को देखकर खुश होना ही देशभक्ति नहीं है। एक व्यक्ति जब अपने घर से बाहर निकले तो ट्रैफिक नियमों का पालन करना भी देशभक्ति है। महिलाओं का सम्मान करना, समाज के लिए काम करना, लोगों की मदद करना, अपने आसपास सफाई रखना, ईमानदार बने रहना असल देशभक्ति है। दिल्ली सरकार आने वाले नए शैक्षणिक सत्र से अपने स्कूलों में बच्चों के लिए देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहे है, ताकि उसमें असल देशभक्ति की भावना जगे और वह अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद कट्टर देशभक्त बनकर निकले, जिसमें देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा हो।

दिल्ली के सरकारी स्कूल लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे है। सरकारी स्कूलों के बच्चे अब देश- विदेश में नाम कमा रहे हैं। हमारे शिक्षकों ने कड़ी मेहनत करके दिल्ली के बच्चों को इतना प्रतिभाशाली बना दिया है कि सरकारी स्कूलों के बच्चे अंतरराष्ट्रीय ओलिंपियाड में देश का नेतृत्व कर रहे है और देश के लिए मेडल लेकर आ रहे है। दिल्ली सरकार का इस शैक्षणिक सत्र में यह प्रयास रहेगा कि हम अपने 100 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील करें। साथ ही इसी शैक्षणिक सत्र में हमारी सरकार का ये लक्ष्य रहेगा कि हम दिल्ली में विश्व का खुद में अनूठा पहले ‘वर्चुअल स्कूल’ की शुरुआत करेंगे, जिसकी खुद की आईडी होगी, स्कूल में प्रिंसिपल्स होंगे, शिक्षक होंगे, बच्चे होंगे, जहां पढ़ने-पढ़ाने का काम आराम से हो रहा होगा। बस उस स्कूल में ईंट-सीमेंट से बनी कोई दीवार नहीं होगी। यह स्कूल बच्चों को वर्चुअल लर्निंग स्पेस देगा, जहां बच्चा कहीं से भी अपनी पढ़़ाई पूरी कर सकता है। नई लॉ यूनिवर्सिटी व टीचर यूनिवर्सिटी पर भी सरकार तेजी से काम करेगी। सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं और देश- विदेश में दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल की तारीफ हो रही है।

हमें सपने देखने चाहिए। जो सपने नहीं देखते वह मुर्दो के समान है। यदि हम देश के लिए प्रोग्रेसिव सोच रखते है तो हमें सपने देखने चाहिए। अगले साल जब हम आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ बनाने जा रहे है। सोचिए 1947 से 100 साल पहले किसी ने सपना देखा होगा कि देश आजाद होना चाहिए। आज हम 2047 की बात कर रहे हैं पता नहीं हम तब हों या ना हों। लेकिन 2047 में देश कैसा होना चाहिए इसका सपना हमें देखना चाहिए। जब 2047 में हम देश की 100वीं सालगिरह मना रहे हों तो हम ओलिंपिक के आयोजन की तैयारी कर रहे हों। इसके लिए दिल्ली सरकार ने शुरुआत कर दी है। दिल्ली सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। खिलाड़ियों को हरसंभव सहायता मुहैया करवाई है। हमने दिल्ली में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की शुरुआत कर दी है और हमारा लक्ष्य है कि उनमें दस खेलों के खिलाड़ी ऐसे हो, जो देश के लिए ओलिंपिक मेडल लेकर आए। अगले 15 साल के भीतर दिल्ली सरकार का ये लक्ष्य रहेगा कि दिल्ली में खेल और उनसे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर का ऐसा वातावरण तैयार हो कि 2048 ओलिंपिक की मशाल दिल्ली में आकर रुके।

साभार: नवभारत टाइम्स

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