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हिन्दुओं के खिलाफ गहरी साजिश का हिस्सा हैं पश्चिम बंगाल की घटनाएं : रविंद्र गुप्ता 

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा देखने को मिली। सोशल मीडिया पर मारपीट, आगजनी और दुकानों को लूटे जाने के वीडियो वायरल हो रहे हैं जो बंगाल के बताए जा रहे हैं। बीजेपी का आरोप है कि बड़ी संख्या में उसके कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। महिलाओं एवं बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। बंगाल की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विश्व हिन्दू परिषद् के दायित्वधारी एवं समाज चिंतक रविंद्र गुप्ता ने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है। लोकतंत्र की खूबसूरती इसी में है कि हमें हारने एवं जीतने वालों सभी का सम्मान करना चाहिए। लेकिन बंगाल में जो हो रहा है वह हिन्दुओं के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश है। वहां हिन्दुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि हिन्दू समाज यह सब कुछ होते हुए चुपचाप देख रहा है। निर्दोष हिन्दुओं का खुलेआम कत्लेआम हो रहा है, उनके घर जलाए जा रहे हैं, दुकाने लूटी जा रही हैं, हिन्दू बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी जा रही है, लेकिन हिन्दू समाज मौन है।

रविंद्र गुप्ता ने कहा कि संगठित एवं सुनियोजित तरीके से हिन्दुओं के ऊपर हो रहा यह अत्याचार अक्षम्य एवं दंडनीय है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए धरना-प्रदर्शन एवं निंदा की बजाय मुहतोड़ जवाब देने की जरुरत है। अपने निजी स्वार्थ के चलते जो हिन्दू इन घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं, उन्हें भलीभांति समझना होगा कि अगर यही हाल रहा तो पूरे देश को कश्मीर बनते बहुत देर नहीं लगेगी। कश्मीर के बाद आज जिस तरह से बंगाल से हिन्दू डर के मारे दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं, वह दिन दूर नहीं जब हिन्दुओं को इस पूरे देश से ही खदेड़ दिया जायेगा। ऐसे में वे जायेंगे भी तो कहां, क्योंकि इकलौता भारत ही तो हिन्दुओं की शरणस्थली रहा है।

रविंद्र गुप्ता ने कहा कि यह बेहद ही शर्मनाक स्थिति है कि मुट्ठी भर लोग बहुसंख्य हिन्दुओं पर अत्याचार कर रहे हैं। अगर ‘सोए हुए हिन्दू’ जग जाएं तो उनकी मजाल नहीं है कि वे नजर उठाकर भी देख सकें। लेकिन शायद हिन्दुओं की अंतरात्मा ही मर चुकी है जो वे अपने भाईयों एवं बहन-बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार को चुपचाप देख रहे हैं। कहते हैं कि जिस क़ौम के मर्द नामर्द हो जाएं उसका खामियाजा उनकी औरतों को भुगतना पड़ता है। बंगाल की घटनाएं इसकी बानगी भर है। अगर हम अब भी नहीं चेते तो ये ‘शांतिदूत’ हमारे घरों में घुसकर हमारी औरतों के साथ हमारे सामने ही अत्याचार करेंगे। हिन्दू तभी एकजुट होते हैं जब पांचवां उनके कंधे पर होता है, हमें इस धारणा को बदलनी होगी। हम हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्रीराम एवं श्रीकृष्ण ने भी अधर्म एवं अत्याचार के खिलाफ हथियार उठाया था और आततायियों का समूल नाश किया था। वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप एवं सभी सिख गुरुओं आदि ने भी अन्याय के खिलाफ खड़े होने की सीख दी है। हिन्दुओं को अब एकजुट होकर अन्याय के खिलाफ लड़ना होगा। हमें ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा।

रविंद्र गुप्ता ने कहा कि उन अधर्मियों-आततायियों के धर्म गुरु एवं बड़े नेता खुलेआम भड़काऊ भाषण देकर हिन्दुओं के खिलाफ अत्याचार के लिए उकसाते हैं, लेकिन सियासी दांवपेंच के चलते उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं होती। अपने आपको हिन्दू हितों की रक्षक बताने वाली इकलौती पार्टी भी सिर्फ निंदा एवं धरना-प्रदर्शन को ही अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ रही है। जबकि इन अत्याचारियों को यह भाषा समझ में आने वाली नहीं है। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी होगी। हिन्दू धर्मगुरुओं को भी चाहिए कि वे अपने-अपने स्तर पर हिन्दुओं को जगाने का कार्य करें। मेरी केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से भी मांग है कि वे इन अत्याचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें, अन्यथा हिन्दू समाज उन्हें भी कभी माफ नहीं करेगा।

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