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महामारी में जान गंवाने वाले सभी लोगों को 4 लाख रुपये का मुआवजा मिले : चौ. अनिल कुमार

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मांग की कि कोविड-19 महामारी में जान गंवाने वाले सभी लोगों को डीडीएमए एक्ट 2005 के तहत 4 लाख रुपये का मुआवजा दें, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को मुआवजा देने के संबध में 6 सप्ताह में दिशा निर्देश बनाने के साथ मुआवजा राशि तय करने की हिदायत दी है, जिसको नजर अंदाज करके केजरीवाल ने आज लोगों को सिर्फ 50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा करके पल्ला झाडऩा चाहती है। जबकि भाजपा की मोदी सरकार ने कोविड मौतों के लिए कोर्ट में एफिडेविट देकर मुआवजा देने से साफ इंकार कर दिया था। प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में चौ. अनिल कुमार के साथ पूर्व सांसद उदित राज और उपाध्यक्ष अली मेंहदी भी मौजूद थे।
संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए चौ. अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पिछले 15 महीनों से लगातार देशवासियों को कोविड काल में राहत देने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध करने के साथ-साथ कोविड से जान गंवाने वालों को मुआवजा देने की बात कहते रहे है, जबकि राहुल गांधी ने कहा था कि जान की कीमत नही लगाई जा सकती। चौ. अनिल कुमार ने कहा कि पिछले 15 महीनों में अरविन्द केजरीवाल सरकार ने कोविड संक्रमण से दिल्लीवासियों को राहत देने के लिए कोई उचित व्यवस्था नही की। कोविड काल में अव्यवस्था के दौर में केजरीवाल का कुप्रबंधन प्रशासन पूरी तरह हावी रहा और केजरीवाल ने पेनिक बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि कोविड नियंत्रण करने में अरविन्द केजरीवाल सरकार पूरी तरह विफल रही। उन्होंने कहा कि केजरीवाल केवल बयानबाजी के द्वारा लोगों में विश्वास बनाने का काम कर रहे है जबकि लोगों के लिए काम करने की जरुरत है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि कोविड संक्रमण काल में लोगों की परेशानियों को कम करने की दिशा में भाजपा की मोदी सरकार और दिल्ली की अरविन्द सरकार ने बढ़ती मंहगाई को रोकने, पेट्रोल-डीजल की दरों को रोकने, बढ़ती बेरोजगारी और गैस सिंलेडर की कीमतों को कम करने के लिए कोई कदम नही उठाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की विशेष नीति है कि जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमते निचले स्तर पर है, पंरतु भारत में तेल कम्पनियां प्रतिदिन पेट्रोल डीजल की दरें बढ़ाती जा रही है, क्योंकि बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर केन्द्र सरकार ने लगभग 20 लाख करोड़ एक्साईज ड्यूटी तथा केजरीवाल सरकार ने वेट द्वारा 25000 करोड़ रुपये अर्जित किए है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार कोविड मौतों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए पेट्रोलियम पदार्थों से अर्जित किए गए टैक्स की मद से 10 लाख रुपये मुआवजा दे सकती है।

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