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रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए 50 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता देगी केजरीवाल सरका

नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार, दिल्ली में बारिश के पानी के संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता देगी। जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की प्रक्रिया को और सरल बनाने पर चर्चा करते हुए कई अहम फैसले लिए। केजरीवाल सरकार अब रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने वालों को  50 हजार रुपये तक की वित्तीय सहायता देगी। साथ ही, पानी के बिलों पर 10 फीसद की छूट भी देगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल में बने घरों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य किया है। इसके लिए केजरीवाल सरकार ने नियमों में काफी ढील दी हुई है। अब लोग दिल्ली जल बोर्ड के बजाय काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में पंजीकृत किसी भी आर्किटेक्ट से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए ध्यान रखना होगा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही बनाया जाए। दिल्ली सरकार ने रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लगाने के की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दी है।
भूजल स्तर को बढ़ाने और वर्षा जल का कुशलता पूर्वक उपयोग करने के लिए दिल्ली सरकार ने कई अनोखे प्रयोगों का आध्यान किया, जिसमे से एक डूंगरपुर (राजस्थान का एक डिस्ट्रिक्ट) रेन वाटर हार्वेस्टिंग मॉडल भी हैं।  इस मॉडल को ‘इनलाइन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के नाम से जाना जाता है। यह मॉडल काफी किफायती है, जिसे सफलता पूर्वक राजस्थान के डूंगरपुर जिले में अपनाया गया है। जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह जल संचय करने वाली प्रणाली नई तकनीकों का उपयोग करके बनाई गई है और बारिश के पानी को जल संचयन करने वाले गड्ढे के बजाये सीधा बोरवेल में भेजती है। इस प्रणाली में बारिश का पानी पाइप के अंदर ही फिल्टर हो जाता है और इसे अलग से फिल्टर सिस्टम या हार्वेस्टिंग पिट बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। ‘इनलाइन’ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में बारिश के पानी का पाइप सीधा एक फिल्टर पाइप से जुड़ा होता है। इस फिल्टर पाइप में जियोटेक्सटाइल की झिल्ली, बालू और बजरी-पत्थर होते हैं, जो पानी को उसके प्रवाह के दौरान ही साफ कर देते हैं। इस फिल्टर की कुल लंबाई लगभग 90 सेंटीमीटर होती है।
इसके अलावा, यह पारंपरिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग मॉडल की तुलना में काफी सस्ता होता है। जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस संबंध में कहा कि  इस प्रणाली के लागत प्रभावी होने का यह कारण है कि इसके लिए बड़ी संरचनाओं की आवश्यकता नहीं होती है। एक तरफ, जहां पारंपरिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए  75 हजार से एक लाख रुपये तक का खर्च आता है। वहीं दूसरी तरफ, इनलाइन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में सिर्फ 16 हजार रुपए की लागत ही आती है।
वहीं, अब दिल्ली सरकार रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। दिल्ली सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जो लोग अपने घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम  लगाएंगे, सरकार इसे बनवाने में आने वाली लागत पर 50 फीसद की वित्तीय सहायता देगी, जो अधिकतम 50 हजार रुपये निर्धारित की गई है। इसके अलावा, दिल्ली की जनता को पानी के बिलों पर 10 फीसद की छूट भी दी जाएगी।

*केजरीवाल सरकार की ओर से दी जाने वाली वित्तीय सहायता*

1) 100 से 199.99 वर्ग मीटर की जमीन पर बने मकानों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की कुल लागत का 50 फीसद या  10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता (जो भी कम हो) दी जाएगी।
2) 200 से 299.99 वर्ग मीटर की जमीन पर बने मकानों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की कुल लागत का 50 फीसद या 20,000 रुपये की वित्तीय सहायता (जो भी कम हो) दी जाएगी।
3) 300 से 399.99 वर्ग मीटर की जमीन पर बने मकानों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की कुल लागत का 50 फीसद या 30 हजार रुपये की वित्तीय सहायता (जो भी कम हो) दी जाएगी।
4) 400 से 499.99 वर्ग मीटर की जमीन पर बने मकानों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की कुल लागत का 50 फीसद या 40 हजार रुपये की वित्तीय सहायता (जो भी कम हो) दी जाएगी।
5) 500 वर्ग मीटर और उससे अधिक जमीन पर बने मकानों के लिए, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की कुल लागत का 50 फीसद या 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता (जो भी कम हो) दी जाएगी।
इस परियोजना का लाभ उठाने के लिए लोगों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के सही होने के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी, जो अब काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में पंजीकृत किसी भी आर्किटेक्ट से लिया जा सकता है।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं। यह दिशानिर्देश 100 वर्ग मीटर और उससे अधिक की मौजूदा और नई संपत्तियों के मालिकों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के लिए अनिवार्य हैं। इस परियोजना को सक्रिय रूप से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है, जिसमें लोगों को वित्तीय सहायता और अनुपालन मानदंडों में छूट देना शमिल हैं। इन दिशा-निर्देशों की अधिक जानकारी दिल्ली जल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद है। केजरीवाल सरकार ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दी है।
साथ ही, दिल्ली सरकार ने नियमों के अनुपालन कराने के लिए दिशा-निर्देशों में भी ढील दी है। इससे पहले, इस प्रणाली को केवल दिल्ली जल बोर्ड द्वारा प्रमाणित किया जाता था। दिल्ली सरकार के आदेश के बाद अब दिल्ली के लोग काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में पंजीकृत किसी भी आर्किटेक्ट से अपनी रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को प्रमाणित करवा सकते हैं। बशर्ते इसको डीजेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार बनाया गया हो। सत्येंद्र जैन ने कहा, “लोगों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं होगी। वे इसे काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में पंजीकृत किसी भी आर्किटेक्ट से प्राप्त कर सकते हैं। इससे बहुत से लोगों का समय बचेगा और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।”
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को कुशलता पूर्वक लागू करने करने के लिए, डीजेबी ने दिल्ली के सभी जिलों में 12 जल शक्ति केंद्र स्थापित किए हैं। यह केंद्र लोगों को तकनीकी सहायता प्रदान करके रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाने में सहायता करेंगे। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के दिशा-निर्देश और शक्ति केन्द्रों की सूची दिल्ली जल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। (http://delhijalboard.nic.in/content/rain-water-harvestingground-water-management)
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बारिश के पानी का संचय करने की एक सरल, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक है। लगातार बढ़ती आबादी के साथ, उपलब्ध पानी के संसाधनों पर बोझ बढ़ता जा रहा है। ऐसे में दिल्ली के नागरिकों की बढ़ती पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को व्यापक स्तर पर अपनाने की जरूरत है। बारिश के पानी का संचयन करने के कई लाभ हैं, जैसे- भूजल की गुणवत्ता में सुधार, मिट्टी के कटाव में कमी, स्टॉर्म ड्रेन में चोकिंग की समस्या और सड़कों पर बाढ़ को कम करना शामिल हैं।

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