महापौर ने महाराणा प्रताप को अर्पित की श्रद्धांजलि
http://wactransport.se/864-dse53469-strömsnäsbruk-dejting.html नई दिल्ली। महावीर शिरोमणि महाराणा प्रताप को उनके जन्म दिवस के अवसर पर दिल्ली के नागरिकों की ओर से उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह ने भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की । उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह ने अन्तर्राजीय बस अड्डे के सामने ऐतिहासिक कुद्सिया बाग में स्थापित महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस अवसर पर पूर्व पार्षद सुमन गुप्ता, निदेशक बागवानी आशीष प्रियदर्शी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
महाराणा प्रताप को भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए श्री अवतार सिंह ने कहा कि वे भारतीय इतिहास की एक गौरवपूर्ण विभूति हैं। हालांकि वे मेवाड़ के सिंहासन पर 25 वर्ष रहे लेकिन इतने अल्प समय में ही उन्होंने ऐसी कीर्ति अर्जित की जो देशकाल की सीमा को पार कर अमर हो गई। वे और उनका राज्य वीरता, बलिदान और देश अभिमान की मिसाल बन गए। महाराणा प्रताप उन लोगों में से थे जो संकट को चुनौती मानकर और भी दृढ़ संकल्प हो जाते हैं। उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि वे अपनी जननी के दूध का मान रखेंगे और अन्तिम क्षण तक उन्होंने इस प्रतिज्ञा का पालन किया। वे अकेले 25 वर्षों तक मुगल सम्राट की चालों से जूझते रहे।
इस अवसर पर महापौर ने यह भी कहा कि महाराणा प्रताप एक ऐसे व्यक्तित्व थे जो हार कर भी जीतना जानते थे। स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वालों में आज भी महाराणा प्रताप का नाम सबसे ऊपर आता है। महाराणा प्रताप अगर चाहते तो अकबर से संधि करके आराम की जिंदगी जी सकते थे लेकिन, वैसा उन्होंने नहीं किया। जानबूझ कर अपने और अपने परिवार, परिजनों व संबंधियों के लिए कष्ट, बलिदान एवं देशहित का रास्ता चुना।