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मार्शल भर्ती घोटाले पर मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं : विजेन्द्र गुप्ता

नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश कार्यालय पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता एवं दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार द्वारा महिला सुरक्षा के लिए डी.टी.सी. बसों में 10,000 मार्शलों की भर्ती प्रक्रिया में हुये बहुत बड़े स्तर के भ्रष्टाचार को दिल्ली की जनता के सामने उजागर करने को लेकर संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे। मार्शलों की भर्ती प्रकिया में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत सी.बी.आई से भी की है।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता से साड़े चार वर्ष पूर्व महिला सुरक्षा के लिए डीटीसी बसों में मार्शलों की नियुक्ति करने का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया। अब अचानक दिल्ली विधानसभा चुनाव को नजदीक पाकर और पहले निगम और फिर लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद दिल्ली से अपनी राजनीतिक विदाई का आभास होने पर केजरीवाल ने दिल्ली परिवहन निगम की बसों में 10 हजार मार्शलों की नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू तो कर दिया, लेकिन भर्ती प्रक्रिया में एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। वैसे हर छोटे-बड़े कामों को बढ़ा-चढ़ा कर अखबारों में विज्ञापन देने वाले मुख्यमंत्री ने मार्शलों की भर्ती के लिए कोई भी विज्ञापन नहीं दिया और न ही किसी भी तरह का कोई आवेदन प्रक्रिया का पालन किया गया। संविधान के अनुसार किसी भी तरह की भर्ती करने में सरकार को अनुसुचित जाति, जनजाति एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देना अनिवार्य है, लेकिन दिल्ली सरकार ने मार्शलों की नियुक्ति में आरक्षण को दूर रखकर संविधान की धज्जियां उड़ा दी। भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर दिल्ली की सत्ता में आई केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के मूल रूप से निवासी युवकों का अधिकार छीन कर दो-दो लाख रूपये बतौर रिश्वत लेकर लगभग 4.5 सौ मार्शलों की भर्ती भी कर ली।
श्री गुप्ता ने कहा कि भर्ती नियमों को ताक पर रखते हुये आयु सीमा से अधिक 45-60 वर्ष के लोग जो मार्शल नियुक्त होने के लिए किसी भी तरह से योग्य नहीं है उन्हें नियुक्त कर लिया गया। इन लोगों के फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड एवं मूल निवास प्रमाण पत्र बनाये गये। 12 से 15 अगस्त के बीच सरकारी अवकाश थे जिनमें स्वतंत्रता दिवस जैसा राष्ट्रीय पर्व भी था। ऐसे में नोटिफिकेशन जारी कर दिल्ली सरकार के दफ्तरों को खोला गया और अधिकारियों ने भर्ती के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किये। विपक्ष ने इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरों से की है, जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने भर्ती प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों को रफा दफा करने की कोशिश की। एंटी करप्शन ब्यूरों ने मामले पर संज्ञान लेते हुये दिल्ली के उपराज्यपाल को चिठ्ठी लिखी और जांच करने की अनुमति मांगी है। दिल्ली भाजपा भर्ती प्रक्रिया में हुये भ्रष्ट्राचार के स्वतंत्र जांच की मांग करने के साथ ही एंटी करप्शन ब्यूरों को जांच के अनुमति देने की भी मांग करती है। मार्शल भर्ती प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों को तत्काल निष्काशित किया जाये। भ्रष्टाचार का यह मामला करोड़ों रूपये के गमन का है जिसे लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल को चुप्पी तोड़ दिल्ली की जनता को जवाब देना चाहिए।
सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि कांग्रेस की दमनकारी नितियों के कारण परेशान दिल्ली की जनता ने प्रयोग के तौर पर भ्रष्टाचार को लेकर सर्वाधिक हल्ला मचाने वाली आम आदमी पार्टी को दिल्ली की सत्ता में बिठाया। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद एक के बाद एक कई बड़े घोटाले दिल्ली के लोगों के सामने आने लगे। दिल्ली की जनता से हर दिन नया झूठ बोला जाने लगाए कभी कहते की केन्द्र सरकार काम नहीं करने देती तो कभी कहते की अधिकारी हमारी नहीं सुनते हैं। जनता को समझ आ गया कि उनके साथ केजरीवाल ने धोखा किया है। मार्शलों की भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ एक अधिकारी पर सारा ठीकरा फोज कर केजरीवाल बचने का प्रयास कर रहे हैं।
रमेश बिधूड़ी ने कहा कि सवाल यह उठता है कि बिना नेता व मंत्रियों की मिली-भगत के कोई भी अधिकारी भर्ती प्रक्रिया में इतना बड़ा घोटाला कैसे कर सकता है? केजरीवाल सरकार ने बाबा साहब के लिखे संविधान का मजाक बनाने की कोशिश की है। इस पूरी भर्ती प्रक्रिया का कोई आधार नहीं है पहली नजर में ही बताया जा सकता है कि इस घोटालें में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी लोग सम्मिलित है। हम इस घोटाले की स्वंतत्र जांच सीण्बीआण्ई से कराने के साथ ही इस पूरे भ्रष्टाचार की शिकायत दिल्ली के उप राज्यपाल से भी करेंगे।

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