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बलात्कार और हत्या जैसी अप्रिय घटनाओं के मामले में केन्द्र सरकार बेखबर : शर्मिष्ठा मुखर्जी

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आज प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा हैदराबाद बलात्कार और हत्या के मामले में केन्द्र की मोदी सरकार इस अप्रिय घटना से बिलकुल बेखबर है, जबकि इस तरह की अपराधिक घटनाऐं में देश में लगातार हो रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि इनके शासन में राजधानी में अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है और पिछली गलतियां से कोई सबक नही सीखा। उन्होंने कहा कि दिल्ली महिलाओं के लिए असुरक्षित बन गई है और केजरीवाल सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और रक्षा के लिए बढते अपराधों को देखते हुए कुछ भी नही किया है।
संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश महिला अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी के साथ पूर्व सांसद कृष्णा तीरथ, दिल्ली की पूर्व मंत्री डा0 किरण वालिया, अल्का लाम्बा, रिंकू, पूनम आजाद, अमृता धवन और प्रेरणा सिंह मौजूद थी।
शर्मिष्ठा मुखर्जी व पूर्व सांसद कृष्णा तीरथ ने कहा कि केजरीवाल की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति असंवदेनशीलता इस बात से जाहिर होती है कि उन्होंने पिछले 5 वर्षों में निर्भया फंड का केवल 5 प्रतिशत राशि खर्च की है और 90 प्रतिशत राशि बिना खर्च के पड़ी है।
शर्मिष्ठा मुखर्जी व डा0 किरण वालिया ने कहा कि सितम्बर 2019 की रिपोर्ट के अनुसार केजरीवाल सरकार को नो महीने में केन्द्र सरकार के 16 फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित करने का जवाब देना था उन्होंने कहा कि 14वें वित आयोग में 2015 से 2020 तक अगले 5 वर्षों के लिए फास्ट ट्रेक कोर्ट हेतू 145.05 करोड़ रुपये का प्रावधान था, लेकिन केजरीवाल सरकार ने इसके लिए कुछ भी नही किया। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि केजरीवल ने 45 फास्ट ट्रैक अदालतों को स्थापित करने का वायदा किया था, उसके लिए अभी तक कुछ नही हुआ है।
शर्मिष्ठा मुखर्जी, अल्का लाम्बा, रिंकू और पूनम आजाद ने कहा कि दिल्ली में महिलाओं की बिगड़ती सुरक्षा के कारण ही दिल्ली ’रेप कैपिटल’ बन गई है। एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध की संख्या सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर 2019 तक दिल्ली पुलिस वेबसाइट में दिल्ली में बलात्कारों की संख्या 1877 दर्ज है, मतलब प्रति दिन 6 महिलाओं से बलात्कार। धारा 354 आईपीसी के तहत महिलाओं से छेड़छाड और हमला के 2520 मामले दर्ज है, जिसका औसत प्रतिदिन 8 महिलाओं के साथ अपराध, और महिलाओं के अपहरण के लगभग 2988 मामले जो प्रति दिन 10 महिलाएं है। उन्होंने कहा कि 2012 में जब केजरीवाल निर्भया कांड पर मोमबती लेकर धरने प्रदर्शन पर बैठ जाते थे उस समय दिल्ली में रेप के मामले केवल 706 थे और आज 31 अक्टूबर 2019 तक 1877 मतलब केजरीवाल मुख्यमंत्रीत्व में रेप के मामलों में 165.86 प्रतिशत की बढ़ौत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के हालात को देखते हुए केजरीवाल को मोमबती नही हैलोजन लाईट लेकर प्रदर्शन करना चाहिए परंतु वे चुप बैठे हैं। स्नैचिंग एक अन्य प्रमुख समस्या है जिससे 90 प्रतिशत महिलाऐं प्रभावित होती है। स्नैचिंग के 2013 में 3638 मामलें थे जो 2018 में दोगुने से अधिक 6932 मामले देखे दर्ज हुए है।
शर्मिष्ठा मुखर्जी, अमृता धवन और प्रेरणा सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की पेट योजना ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ एक धोखा के अलावा और कुछ नहीं है। 2015 में शुरु की गई इस योजना के लिए तक आवंटित 928 करोड़ बजट रखा गया जिसमे से केवल 19 प्रतिशत वास्तविक लाभार्थियों के लिए जिलों और राज्यों को भेजा गया है, जबकि इसकी 40 प्रतिशत राशि विज्ञापन पर खर्च की गई है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि मोदी और केजरीवाल सरकार विज्ञापनों की सरकार है क्योंकि दोनो ही धन शक्ति और विज्ञापनों पर चल रही है। दोनों ही विज्ञापन पर करोड़ों का खर्च करते हैं। दोनो सरकारों ने विज्ञापनों पर 1000 करोड़ खर्च किए है।

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