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मदर डेयरी की बढ़ी हुई दूध की कीमतें तुरंत प्रभाव से वापस ली जाएं : सुभाष चोपड़ा

नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार ने पहले से ही आर्थिक मंदी झेल रहे लोगों पर मंहगाई की एक ओर जबरदस्त चोट मारते हुए मदर डेयरी के दूध की कीमतों में अचानक बेतहाशा वृद्धि करके लोगों के गुस्से को पूरे चरम पर पहुंचा दिया है। राजधानी के गुस्साऐ लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथ में दूध की थैलिया लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व में कनॉट प्लेस स्थित पालिका बाजार के सामने धरना देकर तुरंत प्रभाव से दूध की बढी कीमतों को वापस लेने की मांग की।
धरने में प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के अलावा पूर्व अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल, पूर्व सांसद रमेश कुमार, मुख्य प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता मुकेश शर्मा, किरण वालिया, चौ. मतीन अहमद, नसीब सिंह, ब्रहम पाल, वीर सिंह धींगान, जितेन्द्र कुमार जीतू, अमित मलिक, सीपी मित्तल व जिला अध्यक्ष कैलाश जैन, हरी किशन जिंदल, गुरचरण सिंह राजू, विष्णु अग्रवाल, ए.आर.जोशी, इन्द्रजीत, आले मौहम्मद, सचिन बिधूड़ी, प्रवीण भुगरा, श्रीमती पुष्पा सिंह, इंदू, आभा चौधरी, सतेन्द्र शर्मा, नीतू वर्मा, खविन्द्र सिंह कैप्टन, जगजीवन शर्मा, रितू सिंह चौहान, आदि शमिल थे।
कनाट प्लेस में जेसे ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दोपहर 3 बजे धरना शुरु किया वहां हजारों राहगीरों व घूमने वालों ने भी धरने में शिरकत करके न केवल मोदी सरकार को कोसा बल्कि लोगों को यह मानना है कि कांग्रेस सही दिशा में काम कर रही है। धरने पर बैठे लोग हाथों में तिरंग झंडे लिए ‘प्याज की कीमत बेलगाम, दूध के भी बढ़ गए दामÓ, ‘दूध की कीमतों में उछाल, दोषी हैं मोदी केजरीवालÓ, ‘दूध के भी बढ़ गए दाम, गरीब का जीना हुआ हरामÓ, ‘मंहगाई का डंडा बरसे, गरीब का बच्चे दूध को तरसेÓ नारे लिखी हुई तख्तियां लिए हुए थे । उत्साही कार्यकर्ताओं ने केन्द्र व दिल्ली सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की।
इस मौके पर सुभाष चोपड़ा ने कहा कि तीन महीने में दूसरी बार मदर डेयरी के दूध की कीमतें बढ़ाने का तुगलकी फरमान जारी करके मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार की मिली भगत से गरीब व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ कर रख दी है। उन्होंने कहा कि पहले से ही आर्थिक मंदी की मार झेल रहा आम आदमी दूध की कीमतों में अचानक हुई बेहताशा वृद्धि से न केवल दुखी है बल्कि समय आने पर दोनो सरकारों को सबक सिखाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि मदर डेयरी का गठन लोगों को सस्ता दूध व सस्ते मिल्क उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए किया गया था, न कि आम आदमी की जेब काटने के लिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मदर डेयरी अपने रास्ते से भटक गई है। उन्होंने तुरंत प्रभाव से इस वृद्धि को वापस लेने की मांग की।
जय प्रकाश अग्रवाल व रमेश कुमार ने इस मौके पर कहा कि मदर डेयरी के दूध की कीमतों में बेहताशा वृद्धि करने की कोई वजह समझ नही आ रही है। दोनो ने कहा कि सरकार की नीति व नियत दोनो में खोट है और यह सरकार एक के बाद एक ऐसे जन विरोधी फैसले कर रही है जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शासन चलाने का अनुभव शायद उनके पास नहीं है इसलिए अचानक ऐसे फरमान जारी हो जाते है।
मुकेश शर्मा ने इस मौके पर कहा कि सुनियोजित षडयंत्र के तहत मदर डेयरी के दाम बढ़ाने का निर्णय करके केन्द्र सरकार ने अमूल मिल्क जैसे निजी संस्थानों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश के बडे पूंजीपतियों को लाभ पहुचाने में लगी है। मदर डेयरी के दूध के दाम बढ़ाकर उन्होंने कुछ चुनिन्दा बढ़े दूध उत्पादको को फायदा पहुंचाया है जिसकी जांच होनी चाहिए।

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