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नरेन्द्र मोदी ने रामलीला मैदान में विशाल धन्यवाद रैली को सम्बोधित किया

नई दिल्ली। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिनके सिरों से अनधिकृत का ठप्पा मिटाया, उन 1731 कच्ची कालोनियों में रहने वाले 40 लाख से अधिक लोग, जिन्हें वर्षों बाद अब उनके घर का मालिकाना हक मिल गया है, वो दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अपनी खुशियां बांटने, अपने लोकप्रिय प्रधानमंत्री का हार्दिक अभिनन्दन करने व आभार प्रकट करने के लिए धन्यवाद रैली में उमड़े जनसैलाब को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने की।
केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन, दिल्ली के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, सह-प्रभारी हरदीप सिंह पुरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू, राज्यसभा सांसद विजय गोयल, सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी, प्रवेश साहिब सिंह, हंसराज हंस, गौतम गम्भीर एवं दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने सम्बोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय महामंत्री राज्यसभा सांसद डॉ.अनिल जैन, विधानसभा चुनाव सह-प्रभारी नित्यानंद राय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम, राष्ट्रीय मंत्री व दिल्ली के सह-प्रभारी तरूण चुघ, महेश गिरी, सरदार आर पी सिंह, सांसद रमेश बिधूड़ी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा, महापौर सरदार अवतार सिंह, अंजू कमलकांत, सुनिता कांगड़ा, प्रदेश महामंत्री व कार्यक्रम संयोजक कुलजीत सिंह चहल, रविन्द्र गुप्ता एवं राजेश भाटिया सहित प्रदेश पदाधिकारी, विधायक, निगम पार्षद, जिला, मण्डल, विभाग, प्रकल्प, प्रकोष्ठों के वरिष्ठ नेता व हजारों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।
मंच पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अनधिकृत कालोनियों के आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों ने स्वागत किया। प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पदाधिकारियों के साथ पार्टी द्वारा एकत्र किये गये 11 लाख हस्ताक्षर प्रधानमंत्री को सौंपे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों की वेश भूषाओं में आकर अपने-अपने पारम्परिक अंदाज में स्वागत किया। धन्यवाद रैली में उमड़े जनसैलाब के कारण रामलीला मैदान छोटा पड़ गया और हजारों लोग सड़कों पर मोदी है तो मुमकिन है के नारे लगाकर अपनी भावनायें प्रकट कर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मुझे संतोष है कि दिल्ली के 40 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का अवसर मुझे और भारतीय जनता पार्टी को मिला है। प्रधानमंत्री उदय योजना के माध्यम से आपको अपने घर, अपनी जमीन और अपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी पर संपूर्ण अधिकार मिला, इसके लिए आपको बहुत.बहुत बधाई। आजादी के इतने दशकों बाद तक दिल्ली की एक बड़ी आबादी को अपने घरों को लेकर डर, चिंता, अनिश्चितता, छल-कपट और झूठे चुनावी वायदों से गुजारना पड़ा है। गैर कानूनी, अनधिकृत, झुग्गी-झोपड़ी कलस्टर, सीलिंग, बुल्डोजर और एक कट ऑफ डेट, इन्हीं शब्दों के इर्द-गिर्द दिल्ली की एक बड़ी आबादी का जीवन सिमट गया था। दिल्ली की जनता को इस चिंता से मुक्त करने और इस समस्या के स्थाई समाधान करने की नीयत और ईमानदारी इन लोगों ने कभी नहीं दिखाई। हालत तो ये थी कि ये लोग कालोनियों से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारियां जुटाने के लिए, बाउंड्री तय करने के लिए साल 2021 तक का समय मांग रहे थे। इन लोगों की इस रफ्तार को देखते हुए ही हमने कहा कि ऐसे नहीं चलेगा। हमने इस साल मार्च में ये काम खुद अपने हाथ में लिया और अब लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में दिल्ली की कालोनियों से जुड़ा बिल पास कराया जा चुका है। इतने कम समय में टेक्नोलॉजी की मदद से दिल्ली की 1700 से ज्यादा कॉलोनियों की बाउंड्री को चिह्नित करने का काम पूरा किया जा चुका है। इतना ही नहीं 1200 से ज्यादा कालोनियों के नक्शे भी पोर्टल पर डाले जा चुके हैं। कॉलोनियों के नियमितीकरण का ये फैसला घर और जमीन के अधिकार से जुड़ा तो है ही, ये दिल्ली के बिजनेस, यहां के कारोबार को भी गति देने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समस्याओं को लटकाकर रखना हमारी प्रवृत्ति नहीं है, ये हमारे संस्कार नहीं है, ये हमारी राजनीति नहीं है। जिन लोगों पर देश की जनता ने अपने घरों को नियमित कराने के लिए भरोसा किया था, वे लोग दिल्ली के सबसे आलीशान और सबसे महंगे इलाकों में दो हजार से ज्यादा सरकारी बंगले, अवैध तरीके से अपने करीबियों को दे रखे थे।
श्री मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वाले, आज जब देश की जनता द्वारा नकार दिए गए हैंए तो इन्होंने अपना पुराना हथियार निकाल लिया है.बांटों और राज करो। सिटिजनशिप अमेंडमेंट कानून भारत के किसी नागरिक के लिए, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान, उनके लिए है ही नहीं। एनआरसी जो अभी आया ही नहीं, जिसके लिए अभी तक नियम.कायदे भी तय नहीं हुए, उसे लेकर हौवा बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं तो मुझे बहुत तकलीफ होती है लेकिन जब उन्हीं में से कुछ के हाथ में तिरंगा देखता हूं, तो सुकून भी मिलता है।

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