Author: Sunil Kumar

हरियाणा

दुष्कर्म का प्रयास व छीनाझपटी के 3 आरोपियों को सुनाई 8 साल कठोर कारावास व जुर्माने की सजा

कुरुक्षेत्र (हितेश सचदेवा)। कुरुक्षेत्र की अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पैशल कोर्ट अदालत ने दुष्कर्म का प्रयास  करने,

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हरियाणा

साइबर अपराधो से बचने के लिए हर नागरिक के लिये जागरूकता जरुरी : एस एस भोरिया

कुरुक्षेत्र (हितेश सचदेवा) । आमजन को साईबर अपराधों और उनसे बचने के बारे में जागरूक करने के लिए पुलिस विभाग

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हरियाणा

अवैध हथियार रखने का आरोपी चोरी की गाड़ी सहित गिरफ्तार, देसी कट्टा व रौंद बरामद

कुरुक्षेत्र (हितेश सचदेवा)। जिला पुलिस कुरुक्षेत्र ने अवैध हथियार रखने के आरोपी को चोरी की गाड़ी सहित गिरफ्तार किया है।

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स्वास्थ्य

कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करना है तो डाइट के साथ-साथ तनावमुक्त बिंदास जीवन जीओ : डॉ. अर्चिता महाजन

डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशनिस्ट डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार

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हरियाणा

हमला कर चोट मारने व जान से मारने की धमकी देने का आरोपी गिरफ्तार

कुरुक्षेत्र (हितेश सचदेवा)।  जिला पुलिस ने हमला कर चोट मारने व जान से मारने की धमकी देने के मामले में

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हरियाणा

बुलेट से पटाखा बजाया तो पडेगा भारी हर्जाना : एस एस भोरिया

कुरुक्षेत्र (हितेश सचदेवा)। जिला पुलिस कुरुक्षेत्र ने बुलेट मोटरसाईकिल से पटाखे बजाने वालों पर शिंकजा कसना शुरु कर दिया है।

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हरियाणा

नशा एक विषैले नाग के समान है, आरम्भ में ही कुचल दें : डॉ. अशोक कुमार वर्मा

कैथल (हितेश सचदेवा) । हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री ओ.पी. सिंह साहब के दिशानिर्देशों एवं

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हरियाणा

चालक प्रशिक्षुओं को नशे के विरुद्ध किया जागरूक

कुरुक्षेत्र (हितेश सचदेवा)। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री ओ.पी. सिंह साहब के दिशानिर्देशों एवं पुलिस

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हरियाणा

कविता ‘अब कहां मिलता है साहब स्वादिष्ट पकवान पहले वाला’

डॉ. अशोक कुमार वर्मा हाँ, देखा है मैंने……………..  चिकनी मिट्टी से बना चूल्हा। हर घर आँगन में धरा पर धरा।  धीरे धीरे पकता था साग हरा हरा। धरा पर बैठ जाती थी घर की बाला। बनाती थी भोजन शुद्धिकरण वाला। सेंकती थी रोटियां, चूल्हा था मिट्टी वाला। सब बैठ जाते थे धरा पर खाने निवाला। होता था भोजन मलाई मक्खन वाला। हाँ आज देख रहा हूँ सब कुछ बदला बदला…………… अब कहां मिलता है साहब स्वादिष्ट पकवान पहले वाला। आज भोजन खड़े होकर बनाते हैं नर नारी। ड्यूटी पर जाना है कुकर में बन रही है तरकारी। पक नहीं रही भाप में गल रही है सब्जी सारी। बड़बड़ाती हुई खड़े-खड़े बेल रही है रोटियां घर की नारी। तवे से उतार शीघ्र सीधे गैस पर फूला रही हैं रोटियां महतारी। घर की बाहर की न जाने कितनी निभा रही हैं जिम्मेदारी।  पति देव को भी है जाना इसीलिए खड़े-खड़े ही खा रहे हैं खाना।

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