National – Apni Dilli http://apnidilli.com Hindi News Paper Tue, 19 Jul 2022 11:31:38 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 http://apnidilli.com/wp-content/uploads/2023/09/cropped-logo-1-32x32.jpg National – Apni Dilli http://apnidilli.com 32 32 लुपिन ने रांची में अपनी पहली रेफरेंस लैबोरेटरी शुरू की  http://apnidilli.com/19243/ Tue, 19 Jul 2022 11:31:38 +0000 http://apnidilli.com/?p=19243 रांची। विश्व की अग्रणी फार्मा कंपनियों में से एक, लुपिन लिमिटेड (लुपिन) ने आज बताया कि लुपिन डायग्नोस्टिक्स ने रांची में अपनी पहली रेफरेंस लैबोरेटरी की शुरुआत की है। रांची में नई रेफरेंस लैबोरेटरी, साइटोजेनेटिक्स, फ्लो साइटोमेट्री, हिस्टोपैथोलॉजी, साइटोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, सीरोलॉजी, हेमेटोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और रूटीन बायोकेमिस्ट्री के क्षेत्र में व्यापक तौर पर नियमित और विशेष परीक्षणों का संचालन करने के लिए तैयार है।
लुपिन डायग्नोस्टिक्स के पास नवीनतम तकनीकें उपलब्ध हैं जिनसे डॉक्टर रोगियों का सटीक निदान कर पाएंगे। झारखंड के लोग अब 10 स्थानों पर निवारक हेल्थ चेकअप, होम कलेक्शन और परीक्षण केंद्रों का लाभ उठा सकते हैं।
लुपिन डायग्नोस्टिक्स के वाइस प्रेसिडेंट एवं हेड रवींद्र कुमार ने कहा कि “हम अपनी डायग्नोस्टिक सेवाओं का विस्तार करने को लेकर रोमांचित हैं। इन सेवाओं के तहत झारखंड में व्यापक परीक्षण और क्यूरेटेड हेल्थ चेकअप पैकेज उपलब्ध हैं। रांची में हमारी रेफरेंस लैबोरेटरी उच्च मानकों वाली निदान प्रदान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह रोगी के स्वास्थ्य का सटीक पता लगाने, सुरक्षित हस्तक्षेप करने और समग्र रूप से रोगी की सेहत में सुधार लाने के लिए डॉक्टरों को सक्षम बनाएगी।”
उन्होंने कहा कि “लुपिन डायग्नोस्टिक्स की सेवाओं के हिस्से के रूप में, मरीज घर पर मुफ्त सैम्पल कलेक्शन कर सकते हैं और रियल टाइम में उनको ट्रैक कर सकते हैं। हमारी पर्सनलाइज्ड और इटेरैक्टिव रिपोर्ट रोगियों और डॉक्टरों को स्वास्थ्य मानकों के ऐतिहासिक रुझानों को समझने की सुविधा प्रदान करती हैं, जिससे डॉक्टरों को साक्ष्य-आधारित उपचार संबंधी निर्णय लेने में मदत मिलती है।”
पूर्वी भारत में व्यापक रूप से सेवा प्रदान करने के लिए, लुपिन डायग्नोस्टिक्स ने असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में प्रोसेसिंग लैबोरेटरी की स्थापना के बाद रांची, झारखंड में एक रेफरेंस लैबोरेटरी स्थापित की है। वर्तमान में, लुपिन डायग्नोस्टिक्स के 100  से अधिक लुपिमित्र (लुपिन के फ्रैंचाइज़ी कलेक्शन सेंटर) हैं, जो पहले से ही पूर्वी भारत में अपने परिचालन के लिए नामांकित हैं।
लुपिन डायग्नोस्टिक्स डॉक्टरों, मरीजों और उपभोक्ताओं को डायग्नोस्टिक सेवाओं की विस्तृत रेंज प्रदान करता है। इसकी कुछ प्रमुख उपभोक्ता-केंद्रित विशेषताओं में जीपीएस-सक्षम तापमान-नियंत्रित सैम्पल मूवमेंट, स्मार्ट रिपोर्ट, प्रत्येक प्रयोगशाला के लिए एनएबीएल मान्यता, ट्रेंड रिपोर्ट एनालिसिस और लाइव होम कलेक्शन बुकिंग और ट्रैकिंग शामिल हैं। कंपनी ने नवी मुम्बई में 45,000 वर्ग फुट क्षेत्रफल वाली अत्याधुनिक नॅशनल रेफरेंस लैबोरेटरी की स्थापना की है, जिसमें विश्व स्तरीय उपकरण, प्रशिक्षित प्रौद्योगिकीविदों के साथ काम करने वाले अनुभवी डॉक्टर उपलब्ध हैं और यहां कड़े गुणवत्ता नियंत्रण प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है।
लुपिन के बारे में
लुपिन इनोवेशन-केंद्रित अंतरराष्ट्रीय दवा कंपनी है जिसका मुख्यालय भारत के मुम्बई में है। कंपनी ब्रांडेड और जेनेरिक फॉर्मूलेशन, बायोटेक्नोलॉजी उत्पादों और एपीआई की विस्तृत रेंज का विकास और व्यवसाय करती है, जो अमेरिका, भारत, दक्षिण अफ्रीका और पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र (एपीएसी), लैटिन अमेरिका (एलएटीएएम), यूरोप और मध्य-पूर्व क्षेत्र के 100 से अधिक बाजारों में उपलब्ध है।
कंपनी की कार्डियोवैस्कुलर, एंटी-डायबिटिक और रेस्पिरेटरी सेगमेंट में नेतृत्वकारी भूमिका है और एंटी-इनफेक्टिव, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल (जीआई), सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) और महिला स्वास्थ्य के क्षेत्रों में अहम मौजूदगी है। प्रिस्क्रिप्शंस (नुस्खे) के आधार पर, लुपिन अमेरिका की तीसरी सबसे बड़ी दवा कंपनी है। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी ने अपने राजस्व का 8.7% अनुसंधान और विकास में निवेश किया।
लुपिन के 15 मॅन्यूफैक्चरिंग सेंटर्स और 7 रिसर्च सेंटर्स हैं। कंपनी में 20,000 से अधिक कर्मचारी वैश्विक स्तर पर काम कर रहे हैं, और यह बायोटेक्नोलॉजी तथा फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में लगातार ‘काम करने के शानदार कार्यस्थल’ के रूप में मान्यता प्राप्त है।
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समाज सेविका नीरू बिष्ट को कोरोना वॉरियर का सम्मान  http://apnidilli.com/19201/ Sat, 16 Jul 2022 07:42:17 +0000 http://apnidilli.com/?p=19201 बिलासपुर, छत्तीसगढ़। शहर की सक्रिय समाज सेविका अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन की प्रदेश अध्यक्ष नीरू बिष्ट को कोरोना महामारी के दौरान उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कनाडा इंडिया फाउंडेशन ने कोरोना वॉरियर सम्मान से नवाजा। स्माइल वेलफेयर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ की अध्यक्ष नीरू बिष्ट कोरोना काल के कठिन दौर में अपनी जान की परवाह किये बगैर समाज सेवा में जुटी रहीं और मरीजों के बीच सेनेटाइजर, वेक्सिनेशन, एम्बुलेंस, मरीजों के भोजन में सक्रिय रहीं। नीरू समाज सेवा में अपना ज्यादा से ज्यादा समय बिताती हैं। गरीबों और वृद्धों के हाल जानकर उनकी जरूरतों को पूरा करती हैं और समय समय पर उनके भोजन की भी व्यवस्था करती हैं।

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डालमिया भारत ने झारखंड में श्रावणी मेले के दौरान सामाजिक परिवर्तन की पहल से अपनी क्षेत्रीय उपस्थिति मजबूत की http://apnidilli.com/19187/ Fri, 15 Jul 2022 06:23:34 +0000 http://apnidilli.com/?p=19187 रांची,  झारखंड। डालमिया भारत लिमिटेड (डीबीएल)  फिर से बहाल हुए देवघर के श्रावणी मेले में भागीदारी करते हुए अपनी क्षेत्रीय उपस्थिति को मजबूत कर रहा है। कंपनी ने कांवर की अदम्य भावना का सम्मान करते हुए जय कांवर अवार्ड व शिक्षा को प्रोत्साहित करने जैसे कई सामाजिक परिवर्तन की पहल की शुरुआत की है।
श्रावणी मेले के दौरान डीबीएल विशेषज्ञों को सलाम जैसी पहल के साथ अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता का नवीनीकरण कर रहा है। देवघर के सामाजिक नायकों के साथ साक्षा तालमेल बिठाते हुए पूर्वी क्षेत्र को डालमिया डीएसपी—ढलाई विशेषज्ञ जैसे विषय विशेष की प्रवीणता का लाभ देने के साथ कंपनी ने स्थानीय नायकों को अपने नवस्थापित जय कांवर अवार्ड से सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया है।
अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र में अदम्य धैर्य व प्रवीणता का परिचय देकर सामुदायिक प्रयासों में योगदान देने वाले श्री मयंक राय, श्रीमती सानिया सुमन व श्री कुमार गौरव को अवार्ड सेरेमनी के दौरान सम्मानित किया गया। कंपनी ने उत्सव के आने वाले संस्करण में मेले में आने वाले भक्तों के स्वागत के लिए भगवान शिव की 16 फुट ऊंचे प्रतिरुप व दो कांवर स्थापित कर अपनी मजबूत स्थानीय उपस्थिति को दर्शाया है। डीबीएल के वरिष्ठ एक्जीक्यूटिव्स व चैनल पार्टनरों के द्वारा आधिकारिक रुप से उद्घाटन की गयी जीवंत विशाल प्रतिमा के साथ ही देबारग्राम में निर्मित एक विशेष रुप से तैयार गेट भी शामिल है जहां से पूरे भारत व दुनिया भर से भगवान शिव के दर्शन को आ रहे व पवित्र जल चढ़ाने वाले भक्तों का विंहगम दृश्य नजर आएगा। इसके अतिरिक्त अन्य अभिनव प्रतिष्ठान देवघर शहर के चकाई, चोपा मोर व बासुकीनाथ में स्थापित किए गए हैं।
उक्त पहलों के अतिरिक्त कंपनी देवघर में एक विशेष कार्यक्रम में अपने 20 टाप कांट्रैक्टरों को उनके परिवारों के साथ सम्मानित करेगी। साथ ही संस्था इस क्षेत्र में शिक्षा को प्रोत्साहित करने की मुहिम के तहत इन कांट्रैक्टरों के बच्चों को स्कूल बैग आदि के सहित स्कूल किट भी प्रदान करेगी।
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टीम मानवता ने वृद्धाश्रम में मनाया जन्मदिन http://apnidilli.com/19119/ Fri, 08 Jul 2022 06:46:00 +0000 http://apnidilli.com/?p=19119
बिलासपुर। टीम मानवता औऱ आश्रयनिष्ठा वेलफेयर सोसायटी ने खुशियों के पल, अपनों के संग के तहत बलराज का जन्मदिन कोनी स्थित सुवानी वृद्धाश्रम में मनाया। इस अवसर पर बुजुर्गों को फ़ल, बिस्किट व मिठाई का वितरण किया गया। आश्रयनिष्ठा वेलफेयर सोसायटी की संस्थापिका व सचिव अरुणिमा मिश्रा ने बताया कि संस्था के सदस्यों का जन्मदिन वृद्धाश्रम में मनाने की परंपरा रही है उसका बखूबी निर्वहन किया जा रहा है।कार्यक्रम में अरुणिमा मिश्रा,नितिन त्रिपाठी,हिमांशु कश्यप, मुरारी धीवर, पूजा तिवारी, प्रिंस वर्मा व गोविंद रॉय औऱ सुनील चिंचोलकर उपस्थित थे।
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सेफ एक्सप्रेस ने उत्तराखंड के हरिद्वार में अपना 70वां अल्ट्रा-मॉडर्न लॉजिस्टिक्स पार्क लॉन्च किया http://apnidilli.com/19116/ Fri, 08 Jul 2022 06:43:17 +0000 http://apnidilli.com/?p=19116 हरिद्वार। भारत की सबसे बड़ी सप्लाई चेन एवं लॉजिस्टिक्स कंपनी, सेफएक्सप्रेस ने उत्तराखंड में अपना अल्ट्रा-मॉडर्न लॉजिस्टिक्स पार्क लॉन्च किया। यह स्टेट-ऑफ-द-आर्ट लॉजिस्टिक्स पार्क राष्ट्रीय राजमार्ग-334 के पास सिडकुल बाईपास रोड पर एक महत्वपूर्ण जगह पर स्थित है। उत्तराखंड के हरिद्वार में सेफएक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स पार्क का शुभारंभ करने के अवसर पर सेफएक्सप्रेस के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
हरिद्वार एक प्रमुख औद्योगिक शहर के रूप में तेजी से विकसित हुआ है और इसकी वजह उत्तराखंड राज्य सरकार की एजेंसी द्वारा 2002 में सिडकुल की स्थापना है। इसने कई प्रमुख और महत्वपूर्ण औद्योगिक घरानों को आकर्षित करने में मदद की है जिन्होंने मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित की हैं और हरिद्वार में  काफी आमदनी और रोजगार पैदा किया है।
हरिद्वार, उत्तराखंड में सेफएक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स सुविधा 1 लाख वर्ग फुट के भूमि क्षेत्र में फैली हुई है, जो अल्ट्रा-मॉडर्न ट्रांसशिपमेंट और 3पीएल सुविधाओं के साथ है। यह तेजी से कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और इस क्षेत्र की भंडारण और वेयरहासिंग की जरूरतों को बढ़ावा देगी। नया लॉजिस्टिक्स पार्क क्रॉस-डॉक है, जो एक साथ 30 से अधिक वाहनों की लोडिंग और अनलोडिंग कर सकता है। इसमें 80 फीट से अधिक का कॉलम-लेस स्पैन है, जो फैसिलिटी के भीतर माल की बाधारहित आवाजाही की सुविधा प्रदान करता है। माल की हर मौसम में लोडिंग और अनलोडिंग करने के लिए, फैसिलिटी में 16 फीट चौड़ा कैंटिलीवर शेड मौजूद है।
लॉजिस्टिक्स फैसिलिटी में आपात स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक अग्निशमन उपकरण और प्रशिक्षित लोग हैं। यह फैसिलिटी प्रकृति-अनुकूल पहलों और टेक्नोलॉजी का एक आदर्श मिश्रण है। इस फैसिलिटी में एकीकृत वर्षा जल संचयन व्यवस्था है, इसमें एक समर्पित हरित क्षेत्र है और यह ऊर्जा संरक्षण के लिए दिन के समय सूरज की रोशनी का उपयोग करेगी। लॉजिस्टिक्स फैसिलिटी में परिचालन काफी व्यवस्थित है, जो उत्तराखंड से पूरे भारत में सभी गंतव्य स्थलों के लिए देश का सबसे तेज़ ट्रांजिट-टाइम सुनिश्चित करता है। इस भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मजबूत आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और बहुत ही कुशल गोदाम प्रबंधन प्रणाली भी मौजूद रहेगी।
पूरे क्षेत्र में फैले कई उद्योगों और मैन्यूफैक्चरर्स की मांग बढ़ रही है जिसमें सप्लाई चेन एवं लॉजिस्टिक्स की काफी महत्वपूर्ण भूमिका है। हरिद्वार, उत्तराखंड में सेफएक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स पार्क इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कमी को कम करने और उनकी सप्लाई चेन एवं लॉजिस्टिक्स आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से और कुशलतापूर्वक पूरा करने में मदद करेगा।
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निजी हस्पतालों की लूटमार http://apnidilli.com/18807/ Thu, 02 Jun 2022 10:52:39 +0000 http://apnidilli.com/?p=18807 पिंकी सिंघल (शालीमार बाग दिल्ली)। भारत में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के मामले में केरल राज्य प्रथम स्थान पर आता है और दूसरे स्थान पर तमिलनाडु का नाम है ,यह सुनकर मन अति प्रसन्न होता है कि भारत जो कि अभी भी एक विकासशील देश की श्रेणी में ही गिना जाता है ,में भी स्वास्थ्य सेवाएं सभी नागरिकों को बेहतरीन तरीके से उपलब्ध कराई जा रही हैं। देश के हर छोटे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों का निशुल्क इलाज किया जाता है। विभिन्न प्रकार के टेस्ट और दवाइयों के लिए सरकार देशवासियों से एक रूपया तक नहीं लेती। जाहिर है कि जनमानस सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता निभाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है जो कि अति सराहनीय एवं प्रशंसनीय है।
यह तो रही बात भारत के सरकारी अस्पतालों की। सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ सरकार ने देश के प्रत्येक राज्य ,प्रत्येक कस्बे ,शहर और गांव में निजी अस्पतालों को खोलेने और इलाज मुहैया कराने की आज्ञा भी दी हुई है ताकि लोगों के पास अपनी इच्छा अनुसार इलाज कराने के विकल्प और अवसर उपलब्ध हों। देशवासी अपनी इच्छा और सहूलियत के हिसाब से जहां चाहे अपना इलाज करवा सकते हैं। एक तरफ जहां सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता वहीं निजी अस्पतालों की स्थिति अलग है।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य की बात करें, तो ,निजी अस्पतालों ने अस्पताल को मानव सेवा केंद्र ना समझ कर लूट का धंधा बनाया हुआ है। गरीब हो अथवा अमीर ,निजी अस्पतालों के मैनेजमेंट को इस बात से कोई लेना-देना नहीं ।इलाज के नाम पर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है और साथ ही साथ मोटी रकम भी वसूली जाती है। जो लोग इलाज के लिए भारी-भरकम फीस नहीं भर पाते उन्हें निजी अस्पतालों में घुसने तक नहीं दिया जाता है। बात इतने तक ही सीमित होती तो भी कोई समस्या नहीं, परंतु जब निजी अस्पतालों की लापरवाही की वजह से मरीज को अपने प्राण गंवाने पड़ जाते हैं तब स्थिति असहनीय हो जाती है। निजी अस्पतालों द्वारा मनचाही फीस वसूलने के पश्चात भी मरीजों को यथोचित इलाज नहीं मिल पाता। कभी-कभी मरीज के परिवार जनों को मरीज के इलाज के लिए उधार तक लेना पड़ता है,अपना घर और जमीन तक गिरवी रखनी पड़ जाती है और जब यह उधार की राशि भी उनके स्वजनों को बचा नहीं पाती तो उस गरीब पर दोहरी मार पड़ती है ,एक तरफ कर्ज चुकाने की जद्दोजहद दूसरी ओर अपने ही परिवार के सदस्य को सदा सदा के लिए खो देने का असहनीय गम।
निजी अस्पतालों के इस निरंकुशता पूर्ण रवैए पर सरकार को लगाम कसनी ही होगी ।सरकार को कुछ मानदंड तय करने होंगे,जिनका पालन प्रत्येक निजी एवं प्राइवेट अस्पताल को हर हाल में करना ही होगा और ऐसा न करने पर निजी अस्पतालों का लाइसेंस सरकार रद्द कर सकती है और चेतावनी दे सकती है कि उपयुक्त मानदंडों पर जो भी अस्पताल खरा नहीं उतरा, उस निजी अस्पताल को तत्काल बंद करवा दिया जाएगा। साथ ही साथ सरकार यह भी स्पष्ट कर सकती है कि प्रत्येक अस्पताल में गरीबों और असहाय लोगों के इलाज की मुफ्त सुविधाएं उपलब्ध हों ताकि कोई भी व्यक्ति इलाज से वंचित न रहने पाए ।वर्तमान में निसंदेह अधिकतर अस्पतालों में यह सुविधा दी जाती है परंतु हकीकत तो यह है कि यह सुविधा केवल अस्पतालों में लगे नोटिस बोर्ड और फाइलों में बंद कागजों पर ही नजर आती है। परंतु सच तो यह है कि निजी अस्पताल किसी ना किसी बहाने टालमटोल करते हैं और जिन लोगों के पास इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में धन नहीं होता उन्हें वे वापस लौटा देते हैं जो कि बेहद शर्मनाक है ।ऐसे मामलों को सरकार को संज्ञान में लेना चाहिए और  दोषी पाए जाने पर उचित कार्यवाही भी करनी चाहिए।
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विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) http://apnidilli.com/18781/ Mon, 30 May 2022 13:59:11 +0000 http://apnidilli.com/?p=18781 पिंकी सिंघल (शालीमार बाग दिल्ली) । हमें यह मानव जीवन ईश्वर से उपहार स्वरूप मिला है।उपहारों की कीमत नहीं लगाई जाती और उपहारों को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी हमारी होती है  और जो उपहार स्वयं प्रभु ने हमें दिया हो उसके प्रति हमारी जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है। ईश्वर प्रदत्त इस जीवन को सजाना सवारना और संभाल कर रखना हमारा दायित्व ही नहीं,अपितु हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है ।अपने जीवन को अच्छे गुणों से ,अच्छी आदतों से और अच्छे व्यवहार से हम बेहतर से बेहतरीन बना सकते हैं ।अपने भीतर सकारात्मक प्रवृत्तियों को विकसित कर नकारात्मकता को दरकिनार कर हम जीवन की खूबसूरती में चार चांद लगा सकते हैं ।स्वयं को प्रसन्न रख और अपने व्यवहार से दूसरों के जीवन में खुशियां भर कर हम एक सुखद जीवन व्यतीत कर सकते हैं। ऐसा कर कर हम ईश्वर को रिटर्न गिफ्ट भी दे सकते हैं।
परंतु ,कभी-कभी, गलत संगति और गलत आदतों के वश में आकर हम अपने इस दायित्व को भूल जाते हैं और व्यसनों का शिकार हो जाते हैं। धीरे-धीरे यह हमारी लत बन जाती है और हम इसके नियंत्रण में आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में हमारा खुद पर से नियंत्रण खत्म होने लगता है और हम नशे के नियंत्रण में आकर अपना पूरा जीवन बर्बाद कर लेते हैं ।नशा चाहे जिस भी चीज का हो बुरा ही कहा जाता है ।नशे की स्थिति में हम आत्म नियंत्रण खो बैठते हैं। नशा कई प्रकार का हो सकता है ,जैसे ,सिगरेट ,तंबाकू ,शराब ,जुआ इत्यादि ।इसके अतिरिक्त भी अनेक प्रकार की गलत आदतों के नशे का शिकार होने पर व्यक्ति अपने आप और अपनों को भूल जाता है और नशा ही उसकी पहली प्राथमिकता बनने लगता है जो कि उसके विनाश और पतन का कारण भी बनता है।
प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। तंबाकू भी एक प्रकार का नशा ही होता है। कुछ लोग थकान उतारने ,स्वयं को अवसाद की स्थिति से बाहर निकालने और तनाव को कम करने के लिए तंबाकू का सेवन करते हैं क्योंकि उनके अनुसार तंबाकू का सेवन करने से वे हल्का महसूस करते हैं, उनके मस्तिष्क को शांति मिलती है और वे उन्हें अपने कार्य में दोहरी ताकत के साथ जुट जाते हैं। तंबाकू का सेवन करने वाले लोग शायद यह भूल जाते हैं कि तंबाकू का उनके शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से प्रत्येक वर्ष लाखों लोग अपनी जान गवा देते हैं।
 विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाए जाने का मुख्य प्रयोजन लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराना है। लोगों को यह समझाना है कि तंबाकू सेवन करने से हमारे शरीर का नाश होता है और नकारात्मक प्रवृत्तियां प्रबल होने लगती हैं जो सीधे हमारे विनाश का कारण बनती हैं। इसलिए हमें तंबाकू सेवन नहीं करना चाहिए और ना ही किसी को इसका सेवन करने देना चाहिए। यह हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है ।अपने राष्ट्र के प्रति सच्ची राष्ट्रभक्ति दिखाने का इससे बेहतर माध्यम दूसरा कोई हो ही नहीं सकता क्योंकि नशे की आदत के शिकार नागरिक कभी भी देश के उत्थान और विकास में भागीदार नहीं बन सकते।
तंबाकू ,गुटखा शराब ,सिगरेट ,बीड़ी इस प्रकार के नशे के आदी होने के बाद इंसान यह भूल जाता है कि उसकी इस गंदी आदत का शिकार वह खुद नहीं अपितु उसके साथ-साथ उसके अपने भी होते हैं। यदि इस प्रकार के नशे को समय रहते न रोका जाए, न नियंत्रित किया जाए तो यह विकराल रूप धारण कर लेता है और मनुष्य के पतन का कारण बनता है।
हमारे राष्ट्र के प्रति हमारी बहुत से जिम्मेदारियां होती हैं,जिन जिम्मेदारियों का निर्वहन हम अपने आप को स्वस्थ रखने के बाद ही कर सकते हैं ।यदि हम स्वयं स्वस्थ नहीं होंगे तो एक स्वस्थ राष्ट्र की कल्पना का सपना कभी साकार नहीं हो सकता क्योंकि किसी भी देश की मजबूत नींव उस देश के स्वस्थ नागरिक ही होते हैं। यदि जड़ ही कमजोर होगी तो उस जड़ से उगने वाला पौधा ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगा और कुछ ही समय बाद धराशाई होकर वसुधा पर आ गिरेगा।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस प्रत्येक वर्ष 31 मई को मनाया जाता है और प्रत्येक वर्ष इस दिवस के लिए एक नया थीम भी रखा जाता है। वर्ष 2021 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस का थीम था कमिट टू क्विट अर्थात तंबाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्धता का होना। इस थीम का उद्देश्य लोगों को नशे की तंबाकू की आदत को छोड़ने के लिए प्रतिबद्धता दिलवाना था ।लोगों को यह कसम खिलवाना था कि वे अब से कभी भी तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे और ना ही किसी को करने देंगे।
तंबाकू निषेध दिवस को प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नुक्कड़ नाटक ,रोल प्ले, इत्यादि का मंचन किया जाता है ताकि लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जा सके,उन्हें बताया जा सके कि तंबाकू का सेवन करने से अनेक प्रकार की खतरनाक और लाइलाज बीमारियां हो जाती हैं, जैसे ,फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, गर्भाशय का कैंसर मुंह का कैंसर इत्यादि इत्यादि।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तंबाकू निषेध की इस अंतरराष्ट्रीय मुहिम को सहयोग देने के लिए विश्व भर की अनेक संस्थाएं अपने स्तर पर कार्य कर रही हैं और लोगों के बीच जागरूकता फैला रही हैं ।ये संस्थाएं अपने दायित्वों का निर्वाह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ करते हुए लोगों को समझा रही हैं कि नशा किसी भी प्रकार का हो, यह जानलेवा होता है और हमें हमारे अपनों से दूर कर देता है। इसलिए हमें नशे की आदत का शिकार नहीं बनना चाहिए और ना ही किसी को बनने देना चाहिए ।हमारी अपने प्रति और अपनों के प्रति पूरी जिम्मेदारी बनती है और हमें इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ निभाना चाहिए तभी हम अपने राष्ट्र के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी निभा पाएंगे अपने कर्तव्यों का पूरी शिद्दत के साथ निर्वाह करना हमारा फर्ज है जिसे हमें हर हाल में निभाना ही होगा तभी हम अपने राष्ट्र को प्रगति की राह पर लेकर जा सकते हैं। यकीन मानिए ,फिर वह दिन दूर नहीं जब हम और हमारा राष्ट्र विकसित देशों की श्रेणी में शुमार हो जाएगा और हमारा विश्व गुरु कहलाने का सपना भी बहुत जल्द साकार होगा।
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रूस और यूक्रेन में शुरू हुई जंग तो सोशल मीडिया पर आई मीम्स की बाढ़ http://apnidilli.com/17738/ Thu, 24 Feb 2022 11:33:57 +0000 http://apnidilli.com/?p=17738 नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से बना तनाव का माहौल आखिरकार गुरुवार को युद्ध में बदल गया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सेना हथियार डाले और वापस जाए। इस बयान के तुरंत बाद ही यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके और राजधानी कीव में बड़े धमाकों की रिपोर्ट्स सामने आई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रमातोस्क में 2 धमाके हुए हैं। रूसी सिपाही क्रीमिया के रास्ते यूक्रेन में घुस रहे हैं।
बता दें कि बीते नवंबर से दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल है। इस बीच देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर मीम्स के जरिए यूजर्स दोनों देशों को आड़े हाथों ले रहे हैं। वहीं, कुछ मजेदार मीम्स भी शेयर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि दुनिया में तमाम तरह के सिरदर्द हैं, लेकिन सबसे बड़ा सिरदर्द रूस का पड़ोसी देश होना है।
यहां देखिए कुछ वायरल हो रहे मीम्स:
मंजू मेहता भट्ट नाम के एक यूजर ने सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर मीम्स शेयर कर लिखा कि हर चीज की चेन रिएक्शन हो सकती है.
द वेंगाड नाम के यूजर ने एक मीम शेयर करते हुए लिखा कि हमने कर दिया Joe
रिबेल रोज नाम के यूजर ने सोशल मीडिया ऐप कू पर लिखा कि कोई युद्ध अच्छा नहीं है!  यूक्रेन पर हुए हमलों के लिए अमेरिका जिम्मेदार है। पुतिन दे रहे हैं बाइडेन को जवाब।
वेद प्रकाश भट्ट नाम के यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू ऐप पर लिखा कि हम भारतीय क्या करें? जब युद्ध शुरू हो गया है और वापस नहीं जा पा रहे है?
रेवंत राय ने सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर लिखा कि भारत को पुतिन की रणनीति सीखनी चाहिए…और उसी पर अमल करना चाहिए…अपना सपना बनाने और उस पर काम करने के लिए…….”अखंड भारत”
जानकारी के लिए आपको बता दें कि बीते नवंबर से दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल है। वहीं, ताजा हालात ये हैं कि यूक्रेन के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि रूस के हमले से देश की नौसेना को काफी नुकसान पहुंचा है। मिसाइल और रॉकेट से हुए हमले की वजह से कीव और खार्किव में यूक्रेनी सैन्य कमांड पोस्ट तबाह हुए हैं। हालांकि अभी तक इन हमलों में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
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1300 से अधिक विद्यार्थियों ने नशे से दूर रहने का लिया प्रण और कहा अन्य लोगों को भी जागरूक करेंगे http://apnidilli.com/17123/ Thu, 23 Dec 2021 14:12:11 +0000 http://apnidilli.com/?p=17123 करनाल। नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एनसीबी हरियाणा के एडीजीपी श्रीकांत जाधव साहब के मार्गदर्शन और नेतृत्व में कुमारी विद्यावती आनंद डीएवी महिला महाविद्यालय में एक दिवसीय नशा मुक्ति जागरूकता के अंतर्गत 43वां जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम महाविद्यालय की प्राचार्य रेणु मेहता की अध्यक्षता में पूर्ण हुआ. प्रयास संस्था से जुड़े भारतीय रेड क्रॉस सचिव कुलबीर सिंह मलिक मुख्यातिथि के रूप में पधारे जबकि सदस्य सुनीता बस्तली ने सहयोग किया. हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख श्रीकांत जाधव साहब के सन्देश को लेकर उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा महाविद्यालय में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे और विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने के लिए विस्तारपूर्वक जागरूक किया. विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को नशे के प्रारम्भ से लेकर इसके अंतिम दुष्प्रभाव से अवगत कराते हुए कहा कि जागरूकता के आभाव में युवा नशे की और अग्रसर हो रहे हैं जो एक चिंतन का विषय है. उन्होंने कहा कि युवाओं को जागरूकता के माध्यम से इस बुराई से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक करते हुए कहा कि नशे के सेवन करने वाले व्यक्ति के आचार विचार में बहुत अधिक भिन्नता आ जाती है. ऐसा व्यक्ति एकांत में रहना पसंद करता है और अधिक सोता है. मुख्यातिथि के रूप में पधारे कुलबीर सिंह मलिक ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों को आईडीयू के बारे जागरूक करते हुए कहा कि आज कल ड्रग्स के सेवन के कारण एचआईवी का संकट बहुत अधिक बढ़ गया है और इसके पश्चात ऐसे व्यक्ति का जीवन 2 वर्ष रह जाता है. अंत में सभी ने नशा न करने का वचन दिया और विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 9050890508 पर गुप्त सुचना देने का भी आश्वासन दिया. कार्यक्रम के अंत में छात्राओं ने रेलवे सड़क पर पैदल जागरूकता याता निकाली. वे अपने हाथों में नारे लिखी तख्तियां भी लिए हुए थी जिस पर लिखा था नशा एक बुराई है जीवन की सच्चाई है आदि. इस अवसर पर डॉ. सुनीत भंडारी, डॉ. संगीता, डॉ. अनुराधा, डॉ. दीप्ति शर्मा आदि उपस्थित रहे.

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डीएवी महिला महाविद्यालय में एक दिवसीय नशा मुक्ति शिविर का आयोजन http://apnidilli.com/17120/ Thu, 23 Dec 2021 14:10:47 +0000 http://apnidilli.com/?p=17120 करनाल। नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एनसीबी हरियाणा के एडीजीपी श्रीकांत जाधव साहब के मार्गदर्शन और नेतृत्व में कुमारी विद्यावती आनंद डीएवी महिला महाविद्यालय में एक दिवसीय नशा मुक्ति जागरूकता के अंतर्गत 43वां जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम महाविद्यालय की प्राचार्य रेणु मेहता की अध्यक्षता में पूर्ण हुआ. प्रयास संस्था से जुड़े भारतीय रेड क्रॉस सचिव कुलबीर सिंह मलिक मुख्यातिथि के रूप में पधारे जबकि सदस्य सुनीता बस्तली ने सहयोग किया. हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख श्रीकांत जाधव साहब के सन्देश को लेकर उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा महाविद्यालय में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे और विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने के लिए विस्तारपूर्वक जागरूक किया. विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को नशे के प्रारम्भ से लेकर इसके अंतिम दुष्प्रभाव से अवगत कराते हुए कहा कि जागरूकता के आभाव में युवा नशे की और अग्रसर हो रहे हैं जो एक चिंतन का विषय है. उन्होंने कहा कि युवाओं को जागरूकता के माध्यम से इस बुराई से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक करते हुए कहा कि नशे के सेवन करने वाले व्यक्ति के आचार विचार में बहुत अधिक भिन्नता आ जाती है. ऐसा व्यक्ति एकांत में रहना पसंद करता है और अधिक सोता है. मुख्यातिथि के रूप में पधारे कुलबीर सिंह मलिक ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों को आईडीयू के बारे जागरूक करते हुए कहा कि आज कल ड्रग्स के सेवन के कारण एचआईवी का संकट बहुत अधिक बढ़ गया है और इसके पश्चात ऐसे व्यक्ति का जीवन 2 वर्ष रह जाता है. अंत में सभी ने नशा न करने का वचन दिया और विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 9050890508 पर गुप्त सुचना देने का भी आश्वासन दिया. कार्यक्रम के अंत में छात्राओं ने रेलवे सड़क पर पैदल जागरूकता याता निकाली. वे अपने हाथों में नारे लिखी तख्तियां भी लिए हुए थी जिस पर लिखा था नशा एक बुराई है जीवन की सच्चाई है आदि. इस अवसर पर डॉ. सुनीत भंडारी, डॉ. संगीता, डॉ. अनुराधा, डॉ. दीप्ति शर्मा आदि उपस्थित रहे.

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