कोरोना योद्धाओं के परिवार के सदस्य को मिले नौकरी व उचित मुआवजा : पम्मा
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरल का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है लोगों की सेवा में लगे कोरोना योद्धा की जान पर बनी हुई है एंग्री मैन का खिताब पा चुके और नेशनल अकाली दल के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, गृह मंत्री श्री अमित शाह जी, व सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि अपनी जान पर खेलकर कोरोना वायरल लोगों की जान बचाने में लगे हुए डॉक्टर, नर्स,पुलिसकर्मी,पत्रकार, सफाई कर्मचारी व अन्य की मृत्यु होने पर उनको शहीद का दर्जा प्रदान किया जाए इतना ही नहीं उनके परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी व उचित मुआवजा प्रदान किया जाए ताकि परिवार किसी का मोहताज हुए बिना का गुजर-बसर कर सके।
श्री पम्मा ने जारी विज्ञप्ति में कहा पूरे विश्व में कोरोना की माहामारी फैली हुई है। देश एक वायरल के खिलाफ जंग लड रहा है। यह एक ऐसा वायरस है जिसकी चपेट में आने से मरीज तो ठीक हो रहे है लेकिन लगातार ऐसे मरीजों के संपर्क में आने वालों की डॉक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी,पत्रकार, सफाई कर्मचारी व अन्य की मौत हो रही है।
परमजीत सिंह पम्मा ने कहा कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे योद्धाओं को सरकार को पूरा मान सम्मान देना चाहिए कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे कोरोना वॉरियर्स अगर जान गवांते हैं तो उनके सरकार शहीद का ऐसे लोगों के परिवार को आर्थिक मदद देते हुए उनके परिवार को एक करोड रूपया साथ उनके परिवार में से एक नौकरी भी दिया जाए।
परमजीत सिंह पम्मा ने कहा कोरोना वॉरियर्स एक जंग की तरह है जिसमें हर योद्धा अलग-अलग क्षेत्र में कार्य करने वाले लोग अपना योगदान दे रही हैं जैसे कोरोना काल में मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर और इससे जुड़ी सेवाओं में लगे कर्मचारियों अपनी जान पर खेलकर उनकी जान बचाने में लगे हुए वहीं दूसरी ओर पुलिसकर्मी लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों की सहायता करना वह जो लोग करुणा से ग्रस्त हैं। उनको हॉस्पिटल तक पहुंचाना भी उनकी जिम्मेवारी हो रही है।
इसी प्रकार पत्रकार और फोटोग्राफर अपनी जान पर खेलकर लोगों को पूरी सूचनाएं व हर तरह की खबर से अवगत करवा रहे हैं वहीं सफाई कर्मचारी भी इस लड़ाई में कहीं भी पीछे नहीं है वह लोगों के घरों व सड़कों की सफाई का ध्यान रखते हुए किसी की भी सेवा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।श्री पम्मा ने कहा कई कोरोना योद्धा अपनी जान तक गंवा चुके हैं। जिसमें पुलिसकर्मी सहित अन्य लोग भी शामिल है उनकी इस सेवा व कुर्बानी को याद रखते हुए हमें ऐसा निर्णय लेना जरूरी है।