ग्राउंड पर जीरो लेकिन ट्विटर पर हीरो बन रहे हैं केजरीवाल : मनोज तिवारी
नई दिल्ली । दिल्ली में कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद दिल्ली सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हो रही लापरवाही पर चिंता जताते हुए दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी व दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी ने फेसबुक लाइव के जरिए वार्ता की। श्री तिवारी ने कहा कि कई अखबारों ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के कारण हुई मौतों के आंकड़ों को दिल्ली सरकार छुपा रही है। दिल्ली सरकार के हेल्थ बुलेटिन में दिखाया जाता है कि दिल्ली में अभी तक कोरोना वायरस के कारण 66 मौतें हुई है लेकिन आज ही इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने 4 अस्पतालों में हुई मौतों का आंकड़ा जोड़कर यह साफ-साफ लिखा है कि दिल्ली में 116 मौतें हुई हैं। संकट के समय में गलत जानकारी कई समस्याओं को जन्म दे सकता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल किस मंशा से दिल्ली के लोगों को भ्रमित कर रहे हैं यह बहुत ही चिंता का विषय है।
श्री तिवारी ने कहा दिल्ली सरकार लोगों की सहायता करने की बजाए सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करते हुए विज्ञापनों में खुद को चमकाने में व्यस्त है। केजरीवाल सरकार इस समय झूठ-लूट और ट्विटर की राजनीति कर रही है। अरविंद केजरीवाल ग्राउंड पर जीरो हैं लेकिन ट्विटल पर हीरो बन रहे हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले प्रतिदिन बढ़ रहे हैं, मृत्यु के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं ऐसे में मुख्यमंत्री केजरीवाल कहते हैं कि दिल्ली को खोलने का समय आ गया है इसलिए दिल्ली के लोगों को कोरोनावायरस के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए। संकट के समय में दिल्ली के मुख्यमंत्री का इस तरह का बयान कहीं से भी नैतिक नहीं है और न ही इससे दिल्ली के लोगों को कोरोना वायरस से निपटने में सहायता मिलेगी।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को ताक पर रखते हुए बिना किसी योजना के रेड जोन में भी शराब की दुकानें खोल दी जिसके कारण दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले और बढ़ गए। केंद्र की ओर से राशन मिलने के बाद भी दिल्ली में रह रहे मजदूरों को राशन नहीं दिया गया और जब उन्हें अपने राज्य भेजने के लिए रेलवे ने ट्रेन चलाई तो उसके किराए को लेकर भी केजरीवाल सरकार की राजनीति शुरू हो गई। रेलवे ने कई बार यह साफ तौर पर कहा है की श्रमिक मजदूरों को उनके राज्य भेजने के लिए 85% खर्च केंद्र दे रही है और 15% राज्य सरकार लेकिन इसमें भी केजरीवाल सरकार लोगों की वाहवाही लूटने के लिए झूठा प्रचार कर रही है। एक ओर दिल्ली सरकार बिहार सरकार को पत्र लिखकर उसके मजदूरों के ट्रेन किराए पर खर्च किए गए पैसे की मांग करती है और दूसरी ओर दिल्ली सरकार यह भी प्रचार कर रही है कि बिहार जाने के लिए श्रमिक मजदूरों के ट्रेन का किराया वह भर रही है।
श्री तिवारी ने कहा कि संसाधनों के अभाव में केजरीवाल सरकार लोगों की सहायता करने के बजाए वोट साधने में लगे हैं। जान है तो जहान है इसलिए मेरा दिल्ली सरकार से निवेदन है कि इस समय में दिल्ली के लोगों को सुरक्षित रखने की ओर ध्यान दें। जो कोरोना वॉरियर्स संक्रमित हो रहे हैं यथाशीघ्र उनके समुचित इलाज की व्यवस्था करें, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें, गरीब व जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाएं। इस समय की राजनीति से दूर रहें।
श्री तिवारी ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री यह शपथ लेकर मुख्यमंत्री बनता है कि वह उस पद पर बैठकर जनता से झूठ नहीं बोलेगा लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ठीक इसके विपरीत कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही न्यूज़ चैनल आज तक पर एंकर श्री रोहित सरदाना द्वारा अरविंद केजरीवाल से प्रश्न किया गया कि आपने पहले ऑड-ईवन लागू किया फिर आजादपुर मंडी पूरी खोल दी जिसके जवाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादपुर मंडी में सिर्फ 7-8 केस है जो ठीक होकर अपने घर जाएंगे क्योंकि हमें कोरोना के साथ जीना है इसलिए हम दिल्ली को खोल रहे हैं। जबकि उस समय तक आजादपुर मंडी में कुल 33 केस सामने आ चुके थे जहां दो संक्रमित मरीजों की मौत भी हो चुकी थी लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लाइव टीवी पर बेहिचक झूठ बोला।
श्री तिवारी ने बताया कि कल से हम मुख्यमंत्री केजरीवाल प्रेस विज्ञप्ति, टि्वटर के जरिए जवाब मांग रहे हैं कि वो असली मौतों का आंकड़ा सार्वजनिक करें और इस पर स्पष्टीकरण दें क्योंकि लोग सच जानना चाहते हैं यहां तक कि मीडिया के लोग भी उन पर इल्जाम लगा रहे हैं लेकिन इस पर अभी तक आपका कोई जवाब नहीं आया है। आईटीओ के पास कोरोना कब्रिस्तान डिक्लेअर किए हुए कब्रिस्तान में दिल्ली सरकार ने 86 लाशें दफनाई है लेकिन फिर भी मौत का आंकड़ा 66 ही बता रही है। दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों को भ्रमित कर उनके जान को जोखिम में डाल रही है।
दिल्ली सरकार की राशन वितरण प्रणाली पर सवाल उठाते हुए श्री तिवारी ने कहा कि 8 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में सांसदों ने दिल्ली सरकार की ओर से चलाए जा रहे सामुदायिक किचन का पता मांगा था जिसके जवाब में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा भी था कि शाम तक वह पता सांसदों को दे देंगे लेकिन एक महीने बीत जाने के बाद भी वह पता सांसदों को नहीं मिला। कई बार सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी, श्री प्रवेश साहिब सिंह ने इस मामले को भी उठाया, कल फिर से सांसद श्री गौतम गंभीर ने भी इस मामले को सामने रखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मेरा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से निवेदन है इसे गंभीरता से लें और सत्यता के साथ दिल्ली के लोगों की इस संकट में सहायता करें।
श्री तिवारी ने कहा कि अगर भाजपा दिल्ली और सेवा भारती ना होती तो दिल्ली के लोग तो भूख से बेहाल हो जाते। मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने राशन दिया, धन्यवाद है सेवा भारती का और धन्यवाद है भाजपा दिल्ली के कार्यकर्ताओं का जिन्होंने राशन वितरण प्रणाली को आगे बढ़ाया और खुद भी अन्य संस्थानों के साथ मिलकर भोजन का वितरण कर रहे हैं ताकि दिल्ली का कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि राशन की समस्याओं को लेकर बार-बार दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया जिसे लेकर दिल्ली सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई और अब दिल्ली के मुख्यमंत्री फिर से झूठ कह रहे हैं कि उन्होंने एक करोड़ लोगों को राशन दिया है यानी दिल्ली के हर दूसरे व्यक्ति को उन्होंने राशन पहुंचाया। जबकि प्रधानमंत्री मोदी जी की योजना के अंतर्गत दिल्ली को अप्रैल के लिए आवंटित 36, 367 टन अनाज में से दिल्ली सरकार ने अप्रैल में 1% से भी कम 12,600 लोगों को 63 टन अनाज बांटा है। दिल्ली के लिए केंद्र सरकार ने कुल 768 करोड़ का राशन दिल्ली सरकार को मुहैया कराया। केंद्र की ओर से राशन की पूर्ति होने के बाद भी दिल्ली सरकार के ढुलमुल राशन वितरण प्रणाली के कारण दिल्ली के लोगों तक राशन नहीं पहुंचा।
श्री बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बुक सेंटर्स को खोलने की अनुमति नहीं दी लेकिन बिना किसी योजना और रणनीति के दिल्ली में शराब की दुकानें खुलवा दी जिसके कारण कोरोनावायरस के मामले और बढ़ गए। यहां तक कि पेट्रोल-डीजल के दाम भी बढ़ा दिए। केजरीवाल सरकार के इस फैसले के कारण कोरोना संकट के समय में किसान, निम्न वर्ग, मध्यम वर्ग व ट्रांसपोर्टरों को आर्थिक संकट के दोहरे मार को भी झेलना पड़ रहा है।
श्री बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में न कोरोना वायरस की टेस्टिंग समय पर हो रही है और न ही लोगों को उचित इलाज मिल पा रहा है जिसके कारण आम लोगों के साथ-साथ कोरोना वॉरियर्स को भी अपनी जान गंवानी पड़ी। सुविधाओं के अभाव में कई अस्पतालों ने कोरोना वॉरियर्स कॉन्स्टेबल अमित राणा को इलाज देने से मना कर दिया जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना के बाद दिल्ली के अस्पतालों में आम लोगों के लिए चल रहे इलाज का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रखने में असफल साबित हुई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री जी से हमारा आग्रह है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस को छोड़कर वह दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए काम करें। यह समय कोरोना वायरस से निपटने का है ना कि टीवी चैनलों और विज्ञापनों के जरिए खुद को चमकाने का।