कैट ने देश भर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार अभियान की शुरआत की
नई दिल्ली। चीन के लगातार भारत विरोधी रवैये को देखते हुए कन्फेडरशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश भर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का एक राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान : हमारा अभिमानÓ की शुरआत की, जिसमें कैट ने दिसम्बर 2021 तक चीन में निर्मित वस्तुओं के भारत में आयात को 1 लाख करोड़ कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है ! कैट का यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल पर वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान को सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कैट ने यह भी कहा की भारत सहित विश्व भर में कोरोना महामारी जिसके कारण भारत एवं विश्व की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है और इस महामारी ने लोगों के जीवन को पूरी तरह उलट कर रख दिया है, इसके लिए भी चीन जिम्मेवार है और इसको लेकर देश भर के नागरिकों में चीन के प्रति गहरा रोष और आक्रोश है और लोग अब चीनी वस्तुओं से कतराने लगे हैं।
इस अभियान के प्रथम चरण में कैट ने ऐसी 3000 वस्तुओं की सूची बनाई है जो वर्तमान में चीन से आयात होती हैं और जिनका उत्पादन भारत में भी एक लम्बे समय से होता आया है। कैट अपने इस अभियान के अंतर्गत देश भर में व्यापारियों एवं लोगों को जागरूक करेगा की चीनी वस्तुओं की बजाय भारतीय उत्पाद ही बेचे और खऱीदे जाएं।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने नई दिल्ली में आयोजित एक वीडियो संवाददाता सम्मेलन में जिसमें देश के सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेता भी शामिल थे, में कहा कि चीन से भारत में मौटे तौर पर चार प्रकार की वस्तुएं आयात होती हैं जिनमें तैयार माल यानी फिनिश्ड गुड्स, कच्चा माल अर्थात रॉ मैटेरियल, स्पेयरपाट्र्स तथा तकनीकी उत्पाद शामिल हैं। कैट ने पहले चरण में चीन से आयात होने वाले तैयार माल की वस्तुओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है ।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने सम्मेलन में एक फेस मास्क तथा रेल में कैटरिंग के दौरान चाय-पानी पिलाने के लिए एक ग्लास जिन पर पर कैट के अभियान ‘भारतीय सामान-हमारा अभियानÓ का सन्देश अंकित है को जारी करते हुए बताया कि देश भर में बड़े पैमाने पर व्यापारी इस मास्क को पहन कर अभियान का प्रचार करेंगे वहीं दूसरी ओर आगामी दिसंबर तक सभीराजधानी एवं शताब्दी ट्रेनों में लगभग 5 करोड़ ग्लास कैटरिंग में वितरित किये जाएंगे जिसके द्वारा देश के कोने कोने तक कैट के अभियान का सन्देश पहुँचाया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत में रेलवे में कैटरिंग कम्पनी आर के ग्रुप तथा संकल्प फाउंडेशन ने पहला साझेदार बनकर सहयोग किया है। इसी प्रकार से कैट देश भर में बड़ी संख्यां में अनेक संगठनों तथा अन्यसंस्थानों को जोड़ेगा।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की वर्ष 2001 चीनी वस्तुओं का भारत में आयात केवल 2 बिलियन डॉलर था जो अब वर्तमान में बढ़कर 70 बिलियन डॉलर हो गया है जिसका मतलब यह है कि केवल 20 वर्षों में चीन से आयात में 3500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो यह साफ़ दर्शाता है की एक सोची समझी रणनीति के तहत चीन भारत के रिटेल बाजार पर कब्ज़ा जमाने की कोशिशमें लगा हुआ है जिसको भारत के व्यापारी एवं नागरिक किसी भी सूरत में सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों से कैट चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान समय-समय पर चलाता आ रहा है जिसका सकारात्मक परिणाम यह है कि पिछले दो वर्षों में चीन का भारत में आयात 6 बिलियन डॉलर घट गया है। वर्ष 2018 में यह आयात 76 बिलियन डॉलर था जोवर्तमान में 70 बिलियन डॉलर रह गया है।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने इस बात को स्वीकार किया की पिछले दस वर्षों में भारत के व्यापार और उद्योग चीनी वस्तुओं के भारत में बढ़ते प्रवेश को नजर अंदाज किया और इन वस्तुओंका कोई विकल्प तैयार करने की कोशिश नहीं की वहीं सरकारें भी इस मामले में विफल रहीं और भारत के व्यापार पर कब्ज़ा ज़माने के चीन के इरादों को समझ नहीं पाई जिसके चलते देश में विकल्पों को लेकर कोई नीति नहीं बनाई गई। अब इस मुद्दे को हमने समझा है और सरकार से चीनी उत्पादों के मजबूत विकल्प के रूप में भारतीय सामानों को पर्यापत मात्रा में बनाये जाने के मुद्दों को लेकर बात शुरू करेगा और एक रणनीति के तहत भारत के लघु उद्योगों को इस मामले में आवश्यक रूप से समृद्ध करने की बात करेगा।
दोनों व्यापारी नेताओं ने बताया की देश में कोरोना महामारी की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह अभियान फिलहाल वीडियो कांफ्रेंस तथा सोशल मीडिया जिसमें ख़ास तौर पर ट्विटर, फेसबुक,व्हाट्सअप शामिल हैं पर चलाया जाएगा। देश भर में 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन और उनसे जुड़े 7 करोड़ व्यापारी इस अभियान में भाग लेंगे। इस अभियान के तहत व्यापारियों एवं ग्राहकों के बीच एक व्यापक जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा की देश के 130 करोड़ लोगों का पहला संपर्क देश भर में किसी भी व्यापारी की दूकान से होता है, इस दृष्टि से व्यापारी भी अपनी दूकान पर आने वाले ग्राहकों को चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का सन्देश देंगे।