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लगातार दूसरे हफ्ते सुधार के संकेत, रिकवरी रेट अब 63.32 फीसदी

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत की खबर है। लगातार दूसरे हफ्ते रिकवरी रेट बढ़कर 63 फीसदी तक पहुंच गया है। पॉजिटिव रेट भी लगातार कम हो रहा है और एक्टिव केस अब स्टेबल हैं। दिल्ली में 10 मई के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब लगातार दो हफ्ते (15-21 जून और 22-28 जून) के आंकड़े सुधार की ओर इशारा कर रहे हैं।
दिल्ली में केस बढ़ने के बावजूद अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या स्थिर है। पिछले एक हफ्ते मे मरीजों के ठीक होने की रफ्तार तेज हुई है। ऐसे भी दिन रहे हैं, जब नए मामलों से ज्यादा संख्या ठीक होने वालों की रही है। अब मृत्यु दर में भी गिरावट आनी शुरू हुई है। नए बेड की जरूरत भी पिछले हफ्ते से कम देखने को मिली है। दिल्ली में टेस्टिंग अब पहले के मुकाबले चार गुना हो गई है। वहीं, नई रणनीति बनाने के लिए सीरो सर्वे भी किया जा रहा है। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के ऑक्सिजन के स्तर को मॉनिटर करने के लिए ऑक्सिमीटर दिए गए हैं। बेड को लेकर लगातार नए प्रयास किए जा रहे हैं। इन सब उपायों से दिल्ली में अब सुधार होता दिख रहा है।

पॉजिटिव रेट घटा, रिकवरी रेट बढ़ा
पिछले दो हफ्तों से टेस्टिंग बहुत ज्यादा हो रही है। 15-21 जून के बीच 79422 टेस्ट हुए थे और पिछले हफ्ते 128402 टेस्ट हुए, जो करीब 61 फीसदी ज्यादा रहे। पिछले हफ्ते पॉजिटिव रेट 23 से घटकर 18 फीसदी रहा है। जून के तीन हफ्तों को देखें तो पॉजिटिव रेट 8-14 जून के बीच 31 फीसदी था, जो अगले हफ्ते 23 और अब 18 फीसदी हो गया है। दिल्ली में अब रिकवरी रेट भी राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर हो गया है। दिल्ली में रिकवरी रेट अब 63.32 फीसदी है और राष्ट्रीय स्तर पर यह 58.8 फीसदी है। रिकवरी रेट बढ़ने के कारण एक्टिव केसों की संख्या भी स्थिर दिखाई दे रही है। अब दिल्ली में रिकवर होने वालों की संख्या एक्टिव केसों से ज्यादा है। पिछले हफ्ते मृत्यु दर 3.16 फीसदी रही है, जबकि 15-21 जून के हफ्ते में यह 3.64 फीसदी थी। पिछले हफ्ते 448 लोगों की कोरोना से मौत हुई है, जबकि उससे पहले हफ्ते में 504 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी।

रोजाना करीब 105 नए बेड की जरूरत
15 से 21 जून तक के आंकड़ों को देखें तो रोजाना 105 नए बेड की जरूरत पड़ रही थी, जो पिछले हफ्ते घटकर 78 बेड रोजाना की रह गई है। जून के पहले हफ्ते में रोजाना 215 और अगले हफ्ते में 171 नए बेड की जरूरत पड़ रही थी। इसका एक बड़ा कारण यह है कि ज्यादातर मरीज हल्के या बिना लक्षणों वाले पाए गए हैं और उनका होम आइसोलेशन में इलाज किया जा रहा है। साथ ही जितने लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, उतने ही लोग ठीक होकर घर भी जा रहे हैं। दिल्ली में अभी 13500 में से करीब 7000 बेड खाली है।

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