रैन बसेरों में महिलाओं की दयनीय स्थिति को लेकर दिल्ली महिला आयोग को ज्ञापन सौंपा
नई दिल्ली । दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के अंतर्गत आने वाले रैन बसेरों में महिलाओं की दयनीय स्थिति और उनके साथ होने वाले अपराध पर नियंत्रण और कार्रवाई हेतु दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली महिला आयोग कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से अध्यक्ष श्रीमती पूनम पाराशर झा, प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती टीना शर्मा और युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री इम्प्रीत सिंह बक्शी शामिल रहे।
श्रीमती पूनम पाराशर झा ने बताया की महिला मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती स्वाति मालीवाल को जगाने आया है क्योंकि दिल्ली के रैन बसेरों में रहने वाली महिलाओं की स्थिति के बारे में सभी भलीभांति परिचित हैं लेकिन दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा होने के बावजूद भी वह इस संदर्भ में किसी तरह का संज्ञान नहीं लेती हैं। जहां एक ओर स्वाति मालीवाल गली-मोहल्ले के छोटे-छोटे विषयों पर भूख-हड़ताल और अनशन पर बैठ जाती हैं, लेकिन जब आम आदमी पार्टी सरकार के द्वारा चलाए जा रही संस्थाओं पर प्रश्न उठता है तो दिल्ली महिला आयोग की तरफ से कोई भी कार्रवाई नहीं होती। क्या आपने कभी दिल्ली के रैन बसेरों में दौरा करके दयनीय स्थिति में रह रही महिलाओं की स्थिति का जायजा लेने की कोशिश की है ?
श्रीमती झा ने कहा कि स्वाति मालीवाल दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी महिला मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में ज्यादा काम करती हैं। इसी वजह से वह खामोश रहती हैं, क्योंकि रैन बसेरे सीधे-सीधे दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के अंतर्गत आते हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के तत्वधान में चलते हैं। इससे यही जाहिर होता है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा सामाजिक रूप से नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से काम करती हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को महिलाओं की चिंता होनी चाहिए और रैन-बसेरों में महिलाओं की जो स्थिति है उसे संज्ञान में लेना चाहिए। आज दिल्ली में 6 वर्ष की बच्ची हो या 90 वर्ष की बूढ़ी औरत कोई भी सुरक्षित नहीं है। महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली आम आदमी पार्टी सरकार भी आज हाशिए पर है। मनमोहक और भ्रामक दावों के साथ आम आदमी पार्टी सत्ता में तो आ गई है लेकिन आज तक महिला सुरक्षा इस संदर्भ में न तो कोई बैठक करती है और न ही इस ओर कोई भी ठोस कदम उठाती है।
श्रीमती टीना शर्मा ने कहा कि रैन-बसेरों में हुए गतिविधियों को लेकर कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सख्त टिप्पणी दी और कार्रवाई के आदेश दिए लेकिन दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर भी संज्ञान नहीं लिया। दिल्ली महिला आयोग अपने आप में एक सम्पूर्ण संस्था है जिससे उम्मीद की जाती है कि अगर मीडिया में कोई भी महिला-अत्याचार की खबर छपे तो महिला आयोग त्वरित स्वयं से कार्यवाही करेगा, लेकिन दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा होने के बावजूद दिल्ली के रैन-बसेरे संगीन अपराधों का अड्डा बने हुये हैं। उन्होंने कहा कि अगर पीड़िता की सुरक्षा और न्याय की जिम्मेदारी दिल्ली महिला आयोग नहीं लेगा तो क्या दिल्ली के रैन-बसेरों में कोई महिला सुरक्षित रह पाएगी।