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हिंदी विकास मंच द्वारा परिचर्चा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन

नई दिल्ली। हिंदी विकास मंच द्वारा महेश चंद्र शर्मा पूर्व महापौर एवं पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा के सानिध्य में हिंदी दिवस पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर परिचर्चा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन जूम एप के माध्यम से किया गया। इस भव्य कार्यक्रम में सतीश शर्मा ने इस शिक्षा नीति को एक अच्छी शुरूवात बताते हुए स्पष्ट किया कि इसे किस प्रकार प्रभावी बनाया जा सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपायुक्त डॉ. प्रदीप कुमार (आई.आर.एस.) ने बताया कि हिंदी के उत्थान के लिये स्वयं भी निरंतर प्रयासरत रहते हैं। अपनी भाषा के साथ ईमानदारी करके ही हम अपनी भी प्रगति कर सकते है तथा उन्होंने हिंदी विकास मंच को हिंदी ओलंपियाड परीक्षा तथा लगातार हिंदी की सेवा करने वालो को मंच देने के लिये साधुवाद तथा बधाई दी। डॉ. दर्शन पांडेय, राजेश वत्स एवं यशोदा प्रमोद ने शिक्षा नीति पर चर्चा की।
महेश चन्द्र शर्मा ने अपने ओजस्वी उद्बोधन से सम्बोधित किया। 60 वर्षों से भी अधिक अपने शिक्षा जगत के अनुभव को उन्होंने हम सभी को बहुत ही संक्षिप्त किंतु प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया। उनका मानना है कि इस नीति में जो आरंभिक शिक्षा को मातृभाषाओं में करने का प्रावधान किया जा रहा है वह निश्चित ही भारतीय गुरुकल शिक्षा के प्रभाव को पुन: स्थापित करेगा। 18 वेद पुराणों के सूत्र को उन्हें एक वाक्य में पिरोते हुए कहा कि सबका कल्याण,सबका हित और परोपकार ही उन्नत जीवन तथा सफलता की कुंजी है। पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा ने सुप्रसिद्ध चार लाइने सुना कर हास्य रस बिखेर दिया।
कार्यक्रम का संचालन रश्मि सक्सेना व सीमा सूरी, डॉ. पूजा कौशिक, प्रिया शुक्ला, गोपाल शर्मा, नोरिन शर्मा, अंजू गुप्ता, श्रेया आदि ने सुंदर काव्य पाठ किया। कार्यक्रम संयोजक कपिल शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए यह आशा और विश्वास भी दिलाया कि अब वह दिन बहुत दूर नही जब हिंदी राष्ट्रभाषा के गौरव से सम्मानित होगी।

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