सरकार की गलत नीतियों के कारण छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है : चौ. अनिल कुमार
नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार की गलत नीतियों के द्वारा 2019 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में किए गए अपने वादों को नजर अंदाज करके दिल्ली के सरकारी स्कूल के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही है। चौ. अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार ने यह वादा किया था कि वह लगभग 3.15 लाख छात्रों की सीबीएससी में पंजीकरण की फीस सरकार भरेगी, लेकिन अब दिल्ली सरकार कोविड महामारी के कारण फंड की कमी की दुहाई देकर 10 और 12वीं कक्षा के छात्रां की सीबीएससी पंजीकरण की फीस जमा करने से पल्ला झाड़ रहे है। चौ. अनिल कुमार ने कहा कि इसके अनुसार प्रत्येक छात्र को 2450-2950 रुपये जमा करने होंगे। लगभग 100 करोड़ रुपये राशि सीधा बौझ आर्थिक संकट झेल रहे दिल्ली के छात्रां के परिवारों पर पड़ेगा, जबकि अरविन्द सरकार अपने खुद की पब्लिसिटी के लिए फंड की कमी नही है क्योंकि उसने कोविड काल में मार्च-जुलाई 2020 तक 151 करोड़ रुपये अपने प्रचार पर खर्च किए है।
प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार शिक्षा सुविधाओं में सुधार करने की बजाय कोविड महामारी की दुहाई देकर लगभग 7000 गेस्ट टीचरों को नौकरी से निकाल दिया है और सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे व सुविधाओं की कमी के कारण एक लाख से अधिक छात्रों की कमी हुई है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 16.10 लाख थी, जबकि 2019-20 में अरविन्द सरकार के कार्यकाल में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 15.19 लाख रह गई है। संवाददाता सम्मेलन में चौ. अनिल कुमार के साथ उपाध्यक्ष जय किशन व अली मेंहदी, आदर्श शास्त्री, प्रवीण तोगडिय़ा, अमरीश सिंह गौतम मौजूद थे।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी लॉकडाउन को बिना किसी योजना के लागू किया। उन्होंने आश्चर्य जताया कि 2.5 लाख बच्चों का अता-पता ही नही है जिसको स्वयं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वीकारा है। उन्होंने कहा कि कहीं यह बच्चे बाल-श्रम में तो नही धकेले गए है, क्योंकि बिना सोचे समझे लॉकडाउन ने गरीब परिवारों की अजीविका पर सीधा हमला किया है।
चौ.अनिल कुमार ने कहा कि फंड की कमी की दुहाई देकर अरविन्द सरकार छात्रों की सीबीएससी में पंजीकरण फीस जमा करने से मना कर रही है, जबकि अपने खुद के प्रचार के लिए जनता के पैसे को बर्बाद किया जा रहा है। कांग्रेस नेता परवेज आलम की आरटीआई के अनुसार अरविन्द सरकार ने कोविड काल में मार्च से जुलाई 2020 तक अपनी पब्लिसिटी में 151 करोड़ रुपये खर्च किए है।
चौ.अनिल कुमार ने दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा स्कूलों में ऑनलाईन क्लॉस पर गौर करते हुए कहा कि सिर्फ औपचारिकताऐं ही पूरी की जा रही है, क्योंकि इस तरह की पढ़ाई से छात्रों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत छात्रों के पास स्मार्ट फोन न होने के कारण ऑनलाईन क्लॉस नहीं ले रहे है। जबकि सरकार ने शिक्षकों को 200 रुपये मासिक डाटा रिचार्ज करने वादा किया था जिसकी सुविधा अभी तक नहीं दी गई है।