प्रदूषण फैलाने पर किसी के साथ कोई रियायत नहीं : गोपाल राय
नई दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज प्रगति मैदान और फिक्की आॅडिटोरियम में निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण साइट से धूल को उड़ने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार के जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया। पर्यावरण मंत्री ने निरीक्षण के दौरान प्रगति मैदान के गेट-6 पर चल रहे निर्माण कार्य पर नियमों का उल्लंघन नहीं पाया, लेकिन फिक्की ऑडिटोरियम में चल रहे ध्वस्तीकरण में बड़े पैमाने पर दिशा निर्देशों का उल्लंघन पाया। श्री गोपाल राय ने कहा कि फिक्की ऑडिटोरियम में ध्वस्तीकरण का कार्य तत्काल बंद करा दिया गया है। सरकार के दिशा निर्देशों का उल्लंघन होने पर संबंधित व्यक्ति/एजेंसी पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। साथ ही जब तक एंटी स्माॅग गन नहीं लगाया जाता है, तब तक काम नहीं शुरू करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर धूल उड़ने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने एंटी डस्ट अभियान शुरू किया है। इसके तहत दिल्ली के अंदर चल रहे सभी छोटे-बड़े निर्माण साइट्स के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए है, जिसे सभी को पालन करना आवश्यक है और उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सबसे पहले प्रगति मैदान के गेट-6 पर चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर धूल उड़ने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने अभियान शुरू किया है। उसके तहत दिल्ली सरकार ने कई आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली में जहां पर भी 20 हजार वर्ग मीटर से बड़ी साइटें हैं और वहां पर निर्माण का काम चल रहा है, दिल्ली सरकार ने ऐसी बड़ी साइट्स पर एंटी स्माॅग गन लगाने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली में ऐसे 39 निर्माण साइटों को चिंहित किया गया है, जो 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल की हैं। इसमें से पिछले दिनों 33 साइट्स की रिपोर्ट हमारे पास आई है और रिपोर्ट में बताया गया है कि वहां पर एंटी स्माॅग गन लगा दिया गया है। अभी भी 6 निर्माण साइट्स ऐसी हैं, जहां पर अभी तक एंटी स्माग गन नहीं लगाया गया है और इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
छोटी निर्माण साइट्स से उड़ने वाली धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के संबंध में श्री गोपाल राय ने कहा कि छोटी निर्माण साइट्स के लिए भी मानदंड बनाए गए हैं। जहां पर भी निर्माण कार्य हो रहे है, वहां पर दिए गए मानदंड का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी निर्माण साइटों पर ग्रीन पार्क लगाना आवश्यक कर दिया गया है। खासतौर पर जब निर्माण साइट पर कर्मचारी मटेरियल लेकर आते-जाते हैं, उस मटेरियल को ढंक कर ले जाने और लाने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली सरकार ने छोटी से लेकर बड़ी निर्माण साइट्स के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है। सरकार की तरफ से जारी गाइड लाइंस का निर्माण साइट्स पर पालन हो रहा है या नहीं, इसकी 14 टीमें निगरानी कर रही हैं।
गोपाल राय ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अभी हमारी कोशिश यह है कि प्रदूषण को कम करने के लिए जो भी उपाय किए जा सके हैं, उसको सबसे पहले किया जाए। जहां तक आपातकाल में कदम उठाए जाने की बात है, उस पर समय आने पर फैसला करेंगे।
वहीं, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रगति मैदान के बाद फिक्की आॅडिटोरियम में ध्वस्तीकरण का चल रहे कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एंटी डस्ट (धूल विरोधी) अभियान चल रहा है। जाड़े के मौसम में धूल का प्रदूषण भी काफी बढ़ जाता है। दिल्ली के अंदर चिंहित 39 बड़ी निर्माण साइट्स में से सिर्फ 6 साइट्स पर एंटी स्माॅग गन नहीं लगा है, इसमें एक साइट फिक्की की है, जहां ध्वस्तीकरण का काम चल रहा है। हमें कल पता चला कि सरकार के जारी दिशा निर्देश देने के बाद भी यहां पर काम चल रहा है। मैं कल शाम को भी साइट पर निरीक्षण करने आया था, लेकिन साइट बंद थी। इसलिए आज दोबारा साइट का निरीक्षण किया। इस दौरान साइट पर सारा मलबा खुला पड़ा मिला। हमने खुले मलबे को तत्काल ढंकने का निर्देश दिया है और जब तक एंटी स्माग गन नहीं लग जाता है, तब काम नहीं शुरू करने का निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद यहां दोबारा काम शुरू किया जाता है, तो हम नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। साथ ही, दिशा निदे्रशों का पालन नहीं करने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति/एजेंसी पर नियमानुसार जुर्माना भी किया जाएगा, इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। कल तक संबंधित व्यक्ति/एजेंसी को नोटिस भी भेज दी जाएगी। फिक्की में कई नियमों का उल्लंघन पाया गया है और हम सख्त कार्रवाई करेंगे।
गोपाल राय ने स्पष्ट किया कि दिल्ली के अंदर कहीं पर भी निर्माण साइट पर सरकार के जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है, तो वहां कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में किसी को कोई रियायत नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि एंटी स्माॅग गन सिर्फ एक सामाधान है, मुख्य बात धूल है, जिसे उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव चाहिए। पानी के छिड़काव का एक रास्ता एंटी स्माॅग गन है, जो दूर तक पानी का छिड़काव करता है और उसमें सिस्टम है, जो धूल को शीघ्र खींच लेता है। इसलिए एंटी स्माॅग गन एक सुझाव है। धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव करना, उसे ढंकना, गाड़ियों के आने-जाने और मलबे आदि के संबंध में सरकार ने विस्तार से दिशा निर्देश जारी किया है।