पानी के बिलों में होने वाली गलतियां होंगी दूर : राघव चड्ढा
नई दिल्ली। पिछले कुछ समय में गलत मीटर रीडिंग के आधार पर पानी के बिल बनाने की घटनाएं बढ़ी हैं। गलत जानकारी सिस्टम में डालना, पानी के मीटर का बंद होना इसकी कुछ वजहें हैं। शुक्रवार को दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने दिल्ली जल बोर्ड के सभी 41 जोनल रेवेन्यू ऑफिसर्स (जीआरओ) के साथ एक बैठक की, जिसमें यह बातें निकलकर सामने आईं।
बैठक में दिल्ली जल बोर्ड के मेंबर (फाइनेंस) और डायरेक्टर (रेवेन्यू) भी शामिल रहे। बैठक में उपाध्यक्ष ने जीआरओ से दिल्ली जल बोर्ड के बिलिंग तंत्र में सुधार करने को कहा। राघव चड्ढा ने कहा कि उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के ट्विटर हैंडल पर गलत या ज्यादा बिल की कई शिकायतें देखी हैं। हर अधिकारी को ये समझना जरूरी है मीटर रीडिंग करने वाले हर कर्मचारी के टैबलेट में सही जानकारी ही भरी जाए। मीटर रीडिंग के लिए जाने वाले कर्मचारी का बर्ताव भी आम लोगों के साथ अच्छा होना चाहिए क्योंकि मीटर रीडर आमलोगों और सरकार के बीच की एक अहम कड़ी की तरह काम करता है।
गलत बिल बर्दाशत नहीं :- जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि गलत व एवरेज बिलिंग अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दिल्ली में चौबीस घंटे व सातों दिन पानी देने के साथ दिल्ली जल बोर्ड का ये फर्ज है कि हम अपने सभी 25 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को सही और सटीक बिल दें, ताकि दिल्ली के लोगों को दिल्ली जल बोर्ड से किसी प्रकार की शिकायत ना रहे।
एवरेज बिलिंग :- दिल्ली जल बोर्ड की पॉलिसी के मुताबिक, अगर वॉटर मीटर का स्टेटस ओके नहीं है तो उसे एवरेज रीडिंग मानकर एवरेज बिल जारी किया जाता है। ऐसे मामलों में जल बोर्ड मुताबिक 25 कि.ली. महीने के आधार पर बिल जारी किया जाता है। इसके अलावा मीटर का किसी दरवाजे के अंदर बंद होना, उपभोक्ता के घर पर किसी का ना होना आदि स्थिति में भी एवरेज बिल दिया जाता है।
दिल्ली जल बोर्ड की प्रणाली पर एक नजर
- 41 जोन हैं दिल्ली जल बोर्ड के पास
- 1000 मीटर रीडर्स हैं इन जोन में
- 25 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं पानी के
- 2 महीने में जारी किया जाता है बिल (साभार: हिन्दुस्तान लाइव)