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दिल्ली में कहां और कितनी बसों की है जरूरत, डीटीसी करेगा सर्वे

नई दिल्ली। डीटीसी बसों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा रूट पर सुविधाजनक और समय पर बस उपलब्ध हो उसके लिए डीटीसी द्वारा बस रूट की उपयोगिता को लेकर सर्वे किया जाएगा, जिससे यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कत न हो। डीटीसी एक ही रूट पर चलने वाली क्लस्टर और डीटीसी बसों के आवागमन को लेकर भी सर्वे करेगा।

डीटीसी के बेड़े में एक हजार लो फ्लोर एसी बसों की खेप आनी है। उसी के मद्देनजर डीटीसी बस रूट की समीक्षा में जुटा है। डीटीसी के एक अधिकारी के अनुसार, डीटीसी की कोशिश है कि यात्रियों को हर रूट के स्टैंड पर पांच से दस मिनट की अवधि में बस उपलब्ध हो। किस बस रूट पर बसों की कमी और कहां अधिक बसों के परिचालन की आवश्यकता है उन पहलुओं को लेकर सर्वे किया जाएगा।

बंद रूट पर बस दौड़ाना प्राथमिकता
डीटीसी का प्रयास है कि यात्रियों को हर रूट पर बस उपलब्ध हो। अगर किसी बस रूट में बदलाव की जरूरत है तो उस पर भी ध्यान दिया जाएगा। प्राथमिकता के तौर पर बंद हुए रूट पर भी बसों को दौड़ाने की योजना है।

570 रूट पर परिचालन होता था
वर्ष 2015 के फरवरी तक डीटीसी 570 से अधिक रूट पर बसों का परिचालन करता था। वर्तमान में 450 के करीब रूट पर परिचालन हो रहा है। दिल्ली में वर्तमान में 6693 बसें सार्वजनिक क्षेत्र के काफिले में हैं। इसमें 3760 बसें डीटीसी की हैं। इस साल एक हजार लो फ्लोर एसी बसें और जुड़ने के बाद यह संख्या 7693 पहुंच जाएगी। सरकार सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में 11 हजार बसों का लक्ष्य लेकर चल रही है।

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