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दिल्ली में जल संकट के लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार : राघव चड्ढा

नई दिल्ली। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं ‘आप’ विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली के सिर पर मंडरा रहे जल संकट के लिए हरियाणा की खट्टर सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार और मेमोरंडम ऑफ अंडर स्टैंडिंग समेत अन्य कई कानूनी जिम्मेदारियों के तहत हरियाणा को पानी देना होता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा 120 एमजीडी कम पानी दे रहा है, जिसके चलते दिल्ली में 100 एमजीडी से अधिक पानी के उत्पादन में कमी आई है। उन्होंने कहा कि चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का उत्पादन 90 एमजीडी से घटकर 55, वजीराबाद में 135 से घटकर 80 और ओखला में 20 से घटकर 15 एमजीडी हो गया है। जब से हरियाणा ने दिल्ली वालों का अधिकार मारा है, तब से दिल्ली में पानी का उत्पादन 245 एमजीडी से घटकर 150 या 145 एमजीडी हो गया है। अपर यमुना रिवर बोर्ड के निर्देश के बावजूद हरियाणा ने न तो हमें हमारे हक का पानी दिया और न तो 150 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दिया है। हरियाणा सरकार के निकम्मेपन के चलते दिल्ली के एनडीएमसी के प्रधानमंत्री निवास, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन व अंतर्राष्ट्रीय दूतावास, सेंट्रल दिल्ली, वेस्ट दिल्ली और साउथ दिल्ली के बड़े इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हुई है। डीजेबी उपाध्यक्ष ने हरियाणा के सीएम से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली वालों का अधिकार मत मारिए। हमारे कह का पानी दे दीजिए, दिल्ली में जल संकट को और न गंभीर बनाइए।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि गर्मी का पीक समय चल रहा है। पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी का सामना कर रहा है। साथ ही कोरोना महामारी का प्रकोप हम सब पर छाया हुआ है। इस दौर में पानी कितना महत्वपूर्ण होता है, यह बात हम सभी समझते हैं। दिल्ली एक ऐसा राज्य है, जो किसी वाटर बॉडी के साथ स्थित नहीं है। दिल्ली चारों तरफ से राज्यों से घिरा हुआ है। इसीलिए दिल्ली अपनी जलापूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर करता है। कोई राज्य गंगा नदी, कोई राज्य यमुना नदी से और कोई राज्य घागरा नंगल से पानी छोड़ता है और थोड़ा पानी हम लोग जमीन के नीचे जो पानी है, उसको निकाल कर देते हैं। कुल मिलाकर हम एक अच्छा खासा पानी का उत्पादन कर दिल्ली वालों के घर तक पहुंचाते हैं। चूंकि हर राज्य की यह प्रतिबद्धता, एमओयू और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय हैं, जिसके तहत हर राज्य को निर्धारित किया गया है कि उन्हें दिल्ली के लिए कितना पानी प्रतिदिन छोडऩा है। हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार और मेमोरेंडम ऑफ अंडर स्टैंडिंग जो साइन किए हैं। अपर यमुना रिवर बोर्ड और अन्य प्रकार की कानूनी जिम्मेदारियों के चलते हर राज्य को हमें पानी सौंपना होता है। हमें उत्तर प्रदेश कुछ पानी सौंपता है, हरियाणा और पंजाब कुछ पानी सौंपता देता है और इस तरह से दिल्ली अपनी पानी की जरूरत को पूरा करता है।
राघव चड्ढा ने आगे कहा कि मैं समस्त दिल्ली वासियों की ओर से हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री खट्टर से हाथ जोड़कर विनती करना चाहता हूं कि आपकी हमसे कोई दुश्मनी नहीं है और हमारी आपसे कोई दुश्मनी नहीं है। कानूनी स्तर पर और माननीय मानकों पर आपसे हाथ जोड़कर हम दिल्ली की ओर से विनती करते हैं कि दिल्ली को उसका पानी दे दीजिए। दिल्ली का पानी मत रोकिए।

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