बहुओं को सास ससुर की सेवा ज्यादा से ज्यादा करनी चाहिए : पुष्पा गोयल
जीन्द (छबीलदास कंसल)। बहुओं को सास ससुर की सेवा ज्यादा से ज्यादा करनी चाहिए। जितनी ज्यादा सेवा करेंगे उतना ही ज्यादा फल मिलेगा। यह वक्तव्य अखिल भारतीय अग्रवाल समाज महिला विंग जीन्द की संरक्षक एवं प्रमुख समाज सेविका पुष्पा गोयल ने दिया। पुष्पा गोयल वर्तमान दौर में महिला की स्थिति विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रही थी। इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय अग्रवाल समाज जीन्द की महिला विंग द्वारा आयोजित किया गया था।
पुष्पा गोयल ने कहा कि एक तो बच्चों की शादियां ही समय पर नहीं हो रहीं उपर से शादियां हो जाती हैं तो बहुएं सास ससूर के साथ रहना ज्यादा पसंद नही करती। जिस मां बाप ने अपनी सारी जिन्दगी अपने बच्चों को कामयाब बनाने में लगा दी। उन्ही मां बाप को बुढापे में बिना बच्चों के रहना पड़ रहा है। हमें इस गंभीर विषय पर गहन मंथन करना होगा। बहुओं को चाहिए कि वे सास ससूर के साथ रहे और उनकी ज्यादा से ज्यादा सेवा करे।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला विंग की प्रधान पुष्पा अग्रवाल ने की। इस अवसर पर कुसुम तायल, डेजी जैन, नीलम गर्ग, डॉ. रेणु गर्ग, मंजू सिंगला, कोकिला जिंदल, सुमन अग्रवाल, रेनू तायल, बबीता गोयल, रेखा गर्ग, शशि, किरण गोयल, मोनिका गर्ग, सरोज गर्ग, शीतल गर्ग, सरोज गर्ग, रीमा मित्तल, सन्तोष गुप्ता, रीतू सिंगला, राज गुप्ता, करुणा, सुनिता गुप्ता, दिप्ती मित्तल, ममता जिन्दल, निशा गर्ग, संगीता गर्ग, कौशल अग्रवाल, मीरा सिंगला, नेहा बंसल, सरोज बंसल इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित रही।
इस अवसर पर प्रधान पुष्पा अग्रवाल ने कहा कि अग्रवाल समाज की महिला विंग समय समय पर इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। जहां महिला विंग राष्ट्रीय पर्वा को धूमधाम से मनाती है वही महिला उत्थान को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी करती रहती है। आज इसी कडी में यह विचार गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें महिलाओं ने समाज मे फैली कुरीतियों, महिला उत्थान, संयुक्त परिवार, वर्तमान तौर पर महिलाओं की स्थिति इत्यादि विषयों पर अपने अपने विचार रखे। इस विचार गोष्ठी में अनेकों महिलाओं ने विचार रखे कि आज भी समाज में महिलाओं के साथ अनेक कुरीतियां जुड़ी हैं जिन्हे दूर करने के प्रयास किए जाने चाहिएं। अनेकों महिलाओं ने ये विचार भी रखे कि आज कल लोग सिंगल परिवारों में रहना ज्यादा पसंद करने लगे है। इस बारे भी बच्चों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए।