विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई)
पिंकी सिंघल (शालीमार बाग दिल्ली) । हमें यह मानव जीवन ईश्वर से उपहार स्वरूप मिला है।उपहारों की कीमत नहीं लगाई जाती और उपहारों को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी हमारी होती है और जो उपहार स्वयं प्रभु ने हमें दिया हो उसके प्रति हमारी जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है। ईश्वर प्रदत्त इस जीवन को सजाना सवारना और संभाल कर रखना हमारा दायित्व ही नहीं,अपितु हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है ।अपने जीवन को अच्छे गुणों से ,अच्छी आदतों से और अच्छे व्यवहार से हम बेहतर से बेहतरीन बना सकते हैं ।अपने भीतर सकारात्मक प्रवृत्तियों को विकसित कर नकारात्मकता को दरकिनार कर हम जीवन की खूबसूरती में चार चांद लगा सकते हैं ।स्वयं को प्रसन्न रख और अपने व्यवहार से दूसरों के जीवन में खुशियां भर कर हम एक सुखद जीवन व्यतीत कर सकते हैं। ऐसा कर कर हम ईश्वर को रिटर्न गिफ्ट भी दे सकते हैं।
परंतु ,कभी-कभी, गलत संगति और गलत आदतों के वश में आकर हम अपने इस दायित्व को भूल जाते हैं और व्यसनों का शिकार हो जाते हैं। धीरे-धीरे यह हमारी लत बन जाती है और हम इसके नियंत्रण में आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में हमारा खुद पर से नियंत्रण खत्म होने लगता है और हम नशे के नियंत्रण में आकर अपना पूरा जीवन बर्बाद कर लेते हैं ।नशा चाहे जिस भी चीज का हो बुरा ही कहा जाता है ।नशे की स्थिति में हम आत्म नियंत्रण खो बैठते हैं। नशा कई प्रकार का हो सकता है ,जैसे ,सिगरेट ,तंबाकू ,शराब ,जुआ इत्यादि ।इसके अतिरिक्त भी अनेक प्रकार की गलत आदतों के नशे का शिकार होने पर व्यक्ति अपने आप और अपनों को भूल जाता है और नशा ही उसकी पहली प्राथमिकता बनने लगता है जो कि उसके विनाश और पतन का कारण भी बनता है।
प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। तंबाकू भी एक प्रकार का नशा ही होता है। कुछ लोग थकान उतारने ,स्वयं को अवसाद की स्थिति से बाहर निकालने और तनाव को कम करने के लिए तंबाकू का सेवन करते हैं क्योंकि उनके अनुसार तंबाकू का सेवन करने से वे हल्का महसूस करते हैं, उनके मस्तिष्क को शांति मिलती है और वे उन्हें अपने कार्य में दोहरी ताकत के साथ जुट जाते हैं। तंबाकू का सेवन करने वाले लोग शायद यह भूल जाते हैं कि तंबाकू का उनके शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से प्रत्येक वर्ष लाखों लोग अपनी जान गवा देते हैं।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाए जाने का मुख्य प्रयोजन लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराना है। लोगों को यह समझाना है कि तंबाकू सेवन करने से हमारे शरीर का नाश होता है और नकारात्मक प्रवृत्तियां प्रबल होने लगती हैं जो सीधे हमारे विनाश का कारण बनती हैं। इसलिए हमें तंबाकू सेवन नहीं करना चाहिए और ना ही किसी को इसका सेवन करने देना चाहिए। यह हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है ।अपने राष्ट्र के प्रति सच्ची राष्ट्रभक्ति दिखाने का इससे बेहतर माध्यम दूसरा कोई हो ही नहीं सकता क्योंकि नशे की आदत के शिकार नागरिक कभी भी देश के उत्थान और विकास में भागीदार नहीं बन सकते।
तंबाकू ,गुटखा शराब ,सिगरेट ,बीड़ी इस प्रकार के नशे के आदी होने के बाद इंसान यह भूल जाता है कि उसकी इस गंदी आदत का शिकार वह खुद नहीं अपितु उसके साथ-साथ उसके अपने भी होते हैं। यदि इस प्रकार के नशे को समय रहते न रोका जाए, न नियंत्रित किया जाए तो यह विकराल रूप धारण कर लेता है और मनुष्य के पतन का कारण बनता है।
हमारे राष्ट्र के प्रति हमारी बहुत से जिम्मेदारियां होती हैं,जिन जिम्मेदारियों का निर्वहन हम अपने आप को स्वस्थ रखने के बाद ही कर सकते हैं ।यदि हम स्वयं स्वस्थ नहीं होंगे तो एक स्वस्थ राष्ट्र की कल्पना का सपना कभी साकार नहीं हो सकता क्योंकि किसी भी देश की मजबूत नींव उस देश के स्वस्थ नागरिक ही होते हैं। यदि जड़ ही कमजोर होगी तो उस जड़ से उगने वाला पौधा ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगा और कुछ ही समय बाद धराशाई होकर वसुधा पर आ गिरेगा।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस प्रत्येक वर्ष 31 मई को मनाया जाता है और प्रत्येक वर्ष इस दिवस के लिए एक नया थीम भी रखा जाता है। वर्ष 2021 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस का थीम था कमिट टू क्विट अर्थात तंबाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्धता का होना। इस थीम का उद्देश्य लोगों को नशे की तंबाकू की आदत को छोड़ने के लिए प्रतिबद्धता दिलवाना था ।लोगों को यह कसम खिलवाना था कि वे अब से कभी भी तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे और ना ही किसी को करने देंगे।
तंबाकू निषेध दिवस को प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नुक्कड़ नाटक ,रोल प्ले, इत्यादि का मंचन किया जाता है ताकि लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जा सके,उन्हें बताया जा सके कि तंबाकू का सेवन करने से अनेक प्रकार की खतरनाक और लाइलाज बीमारियां हो जाती हैं, जैसे ,फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, गर्भाशय का कैंसर मुंह का कैंसर इत्यादि इत्यादि।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तंबाकू निषेध की इस अंतरराष्ट्रीय मुहिम को सहयोग देने के लिए विश्व भर की अनेक संस्थाएं अपने स्तर पर कार्य कर रही हैं और लोगों के बीच जागरूकता फैला रही हैं ।ये संस्थाएं अपने दायित्वों का निर्वाह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ करते हुए लोगों को समझा रही हैं कि नशा किसी भी प्रकार का हो, यह जानलेवा होता है और हमें हमारे अपनों से दूर कर देता है। इसलिए हमें नशे की आदत का शिकार नहीं बनना चाहिए और ना ही किसी को बनने देना चाहिए ।हमारी अपने प्रति और अपनों के प्रति पूरी जिम्मेदारी बनती है और हमें इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ निभाना चाहिए तभी हम अपने राष्ट्र के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी निभा पाएंगे अपने कर्तव्यों का पूरी शिद्दत के साथ निर्वाह करना हमारा फर्ज है जिसे हमें हर हाल में निभाना ही होगा तभी हम अपने राष्ट्र को प्रगति की राह पर लेकर जा सकते हैं। यकीन मानिए ,फिर वह दिन दूर नहीं जब हम और हमारा राष्ट्र विकसित देशों की श्रेणी में शुमार हो जाएगा और हमारा विश्व गुरु कहलाने का सपना भी बहुत जल्द साकार होगा।