अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस का कानून के प्रति अपडेट रहना अति आवश्यक: एस एस भोरिया
कुरूक्षेत्र (हितेश सचदेवा)। पुलिस का कानून के प्रति अपडेट रहना अति आवश्यक है। अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए कानून की जानकारी होना पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जरुरी है। पुलिस को समाज मे हर रोज नई चुनौतियों का सामना करना पडता है जिसके लिए कानून की जानकारी अनिवार्य है। यह बातें पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह भोरिया ने वीरवार को पुलिस लाईन के सभागार में आयोजित सेमिनार के दौरान पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कही।
जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस अधीक्षक श्री सुरेंद्र सिंह भोरिया के आदेशानुसार वीरवार को पुलिस लाईन के सभागार में तीन नए कानूनों को लेकर अनुसंधानकर्ताओं के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया था। सेमिनार में जिला पुलिस के अधिकारियों/कर्मचारियों व अनुसंधानकर्ताओं को सरकार द्वारा संशोधित तीन नए कानूनों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
सेमिनार में सहायक जिला न्यायवादी कार्यालय पुलिस पुलिस अधीक्षक अभिनव बंसल ने कहा कि समय की मांग को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा तीन नए कानूनों को पारित किया गया है जो 1 जुलाई 2024 से देशभर में लागू हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि 01 जुलाई के बाद भारतीय दण्ड सहिंता के स्थान पर भारतीय न्याय सहिंता-2023, भारतीय दण्ड प्रकिया सहिंता के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता-2023 तथा साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 लागू होगा। समय की मांग को देखते हुए पुराने कानूनों में काफी महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं। जिस समय वह कानून बनाये गये थे उस समय तक उनकी महत्वता थी लेकिन आज के समय में कानून पूर्ण रूप से समय के अनुरूप नही होने के कारण सरकार द्वारा मुलभूत परिवर्तन लाकर विधि द्वारा पारित किया गया है। पुलिस विभाग द्वारा परिवर्तित किये गये कानूनों के मुताबिक कार्यवाही करनी होगी जिसको देखते हुए इस सेमिनार का आयोजन किया है।
सहायक जिला न्यायवादी ने बताया कि गम्भीर अपराधिक मामलों में एफएसएल की सहायता लेनी अति आवश्यक है। समय की मांग को देखते हुए डिजिटल व इलेक्ट्रॉनिक सक्ष्यों को मान्यता दी गई है। कानून में बदलाव का मुख्य उदेश्य अपराधियों को अधिक से अधिक सज़ा दिलवाना है। इसके अतिरिक्त तुच्छ मामलो में अपराध करने वालों के लिए कानून में सामाजिक दण्ड देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ मामलो में अनुसंधानकर्ताओं को राजपत्रित अधिकारी की पूर्व अनुमति से परिवाद की जांच करने के लिए समय दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। नए कानूनों में कई गंभीर मामलों में सजा को बढाया गया है ताकि अपराधिक प्रवृर्ति के लोंगो को अधिक से अधिक सजा दी जा सके।
इस मौका पर डीएसपी मुख्यालय अशोक कुमार, डीएसपी शहर थानेसर ओम प्रकाश, सभी थाना प्रभारी, चौकी ईंचार्ज, अपराध शाखा-1 व 2 तथा एएनसी प्रभारी, प्रवाचक पुलिस अधीक्षक उप निरीक्षक कुलदीप सिंह सहित जिलाभर से अनुसंधानकर्ता मौजूद रहे ।