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 विधानसभा अध्यक्ष से मिला भाजपा विधायक दल

अपनी दिल्ली संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में आज भाजपा विधायक दल ने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष  रामनिवास गोयल से मुलाकात की और विधानसभा के आगामी सत्र में सत्र को दो दिन से बढ़ाकर सात दिन करने और प्रश्नकाल रखने की मांग को लेकर उन्हें एक पत्र सौंपा।

स्पीकर से मिलने के बाद नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय में सभी विधायकों ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि हमने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर उन्हें सत्र को कम से कम एक सप्ताह तक चलाने और उसमें प्रश्न काल रखने की मांग की। क्योंकि पिछले सत्र में प्रश्न काल नहीं रखा गया था और अगले सप्ताह बुलाये जा रहे सत्र में भी प्रश्नकाल नहीं रखा गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के प्रति उत्तरदायी होते हैं और यह सदन ही एक ऐसा मंच है जिसके माध्यम से सभी विधायक प्रश्नकाल में अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हैं और उसके समाधान की मांग करते हैं। यदि सत्र में प्रश्नकाल ही नहीं रखा जाएगा तो विधायक अपनी समस्याओं को कैसे सरकार के सामने उठायेंगे। इसके अलावा हमने अल्पावधिक चर्चा और ध्यानाकर्षण प्रस्तावों को भी विधानसभा की कार्यवाही में शामिल करने और इसमें विधायकों की सहभागिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। कैग की लंबित 11 रिपोर्ट्स को भी सदन पटल पर रखने की मांग हमने की है। विधानसभा अध्यक्ष ने इस संबंध में यथासंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। विधानसभा अध्यक्ष से भेंट करने वाले विधायक दल में भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अभय वर्मा, अजय महावर, अनिल बाजपेयी और जितेंद्र महाजन शामिल थे।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आज पूरी दिल्ली में अराजकता का माहौल है। दिल्ली के 2 करोड़ लोग अनगिनत समस्याओं से जूझ रहे हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आम आदमी पार्टी की सरकार पिछले 6 महीने से बिल्कुल निष्क्रिय है और इन 6 महीनों में आम आदमी पार्टी के नेताओं और मंत्रियों ने अपनी सारी ऊर्जा अरविंद केजरीवाल को जेल जाने से बचाने और बाद में जेल से बाहर निकालने में लगा दी और दिल्ली वालों को राम भरोसे छोड़ दिया। मानसून से पहले दिल्ली के लोग पानी की बूंद बूंद को तरसते रहे, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों समेत जल मंत्री के सिर पर जूं तक नहीं रेंगी। मानसून की बारिश में जगह जगह जलभराव होता रहा, हादसों में 50 लोगों की मौत हो गई और सरकार के नुमाइंदे और आप के मंत्री केजरीवाल की जमानत के लिए न्यायालयों के चक्कर काटते रहे। ऐसी अराजकता वाली स्थिति में दिल्ली की जनता की परवाह किसी को नहीं रही और जब केजरीवाल को जमानत मिल गई तो सारे नेता केजरीवाल के इस्तीफे के बाद उनके त्याग पर चर्चा करने और नए मुख्यमंत्री का चयन करने में लगे रहे। वो ये भूल गए कि जिस जनता ने उन्हें सत्ता सौंपी है, उसकी तरफ भी ध्यान देना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष  ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं। जिस विभाग को भी उठा लें, सभी पर भ्रष्टाचार की मोटी परत चढ़ी हुई है। पिछले दस सालों में आम आदमी पार्टी के नेता शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक परिवहन, सभी के बारे में केवल खोखले दावे कर करके जनता को भ्रमित करते रहे।

इन सभी मुद्दों पर इस सत्र में चर्चा होनी चाहिए और हम सब विपक्ष के नाते सरकार से इन सबका जवाब चाहते हैं और इसीलिए हमने स्पीकर से मांग की है कि इस सत्र को कम से कम सात दिन का रखा जाए और इसमें प्रश्नकाल की भी व्यवस्था की जाए, ताकि सभी विधायक अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन के माध्यम से सरकार के समक्ष रख पाएं।

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