केंद्रीय विद्यालय सैक्टर-22 रोहिणी, दिल्ली में कौशल मेला-2025 का आयोजन
नई दिल्ली (संजय गुप्ता)। केंद्रीय विद्यालय सैक्टर-22 रोहिणी में कौशल मेले का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन केंद्रीय विद्यालय सैक्टर-3 की प्राचार्या श्रीमती अनीता सिंह द्वारा किया गया और साथ में केंद्रीय विद्यालय सैक्टर-22 के प्राचार्य अनिल कुमार, मुख्य अध्यापिका श्रीमती दीपा उपाध्याय एवं अन्य शिक्षक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विनय कुमार कार्य अनुभव शिक्षक एवं अनुराधा शर्मा कला शिक्षिका द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीमती अनीता के कर कमलों द्वारा मेले का उद्घाटन फीता काटकर किया गया।
इस मेले में कक्षा 6 के छात्रों द्वारा विभिन्न कौशलों से संबंधित आर्टीफैक्ट्स को दर्शाया गया जिसमें:-
1. जीव रूपों के साथ कार्य करना
2. मशीनों और उपकरणों के साथ कार्य करना
3. मानव सेवाओं में कार्य करना से संबंधित विभिन्न जीवन के कौशलों को छात्रों द्वारा बनाए गए आर्टीफैक्ट्स द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इन आर्टीफैक्ट्स में लीवर द्वारा खिलौने बनाने, प्रोपेलर के माध्यम से खिलौने बनाने, एवं व्हील और एक्सेल के माध्यम से खिलौने बनाना, साथ ही बिना आग के भोजन बनाना आदि कार्यक्रम सम्मिलित हुए। इसमें बच्चों द्वारा भेलपुरी, फ्रूट चाट, श्रीखंड एवं रायता आदि के स्टॉल लगाए। बच्चों ने सीखा कैसे सामंजस्य के साथ जीना है तथा विभिन्न कार्यों में सामंजस्य से कैसे बनाना है जिससे हमारे द्वारा किए गए कार्य का बेहतर आउटपुट आ सके। केंद्रीय विद्यालय संगठन के बच्चों को यह अवसर प्राप्त है कि वह वोकेशनल एजुकेशन कार्यक्रम के अंतर्गत अपने जीवन कौशल को विभिन्न कार्यों में कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं और विभिन्न परिस्थितियों में आने वाली चुनौतियों का कैसे सामना कर सकते हैं आज सभी बच्चों ने विद्यालय के अंदर जो उन्हें स्थान प्राप्त था मेले के लिए वहां पर सभी कार्य खुद किया और एक बेहतरीन और सुंदर ढंग से अपना स्टॉल लगाया जिसमें बच्चों द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रोजेक्ट और खिलौने तथा कुकिंग विदाउट फायर के अंतर्गत बच्चों द्वारा जो सामान बनाया गया। उसका लाभ विद्यालय के अन्य बच्चों को भी मिला और उन्होंने इन बच्चों से मेले में से खाने पीने का सामान और अन्य खिलौने भी खरीदें इससे जो भी धन प्राप्त हुआ वह उन बच्चों ने आपस में वितरित कर लिया। जिन बच्चों ने इस मेले में प्रतिभाग किया उनका उत्साह देखने ही बनता था। अभिभावकों एवं हम शिक्षकों कि यह जिम्मेदारी है कि हम बच्चों के इस उत्साह को बनाए रखें जिससे बच्चे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशलों को भी अपने जीवन में उपयोग में ला सकें। मेले में प्रतिभाग कर रहे छात्र बहुत उत्साहित रहे और पूरे उत्साह के साथ मेले में अपने कार्य को आनंद लेते हुए पूर्ण किया। सभी बच्चे इस कौशल मेले का हिस्सा बन अपने आप को बहुत गौरवान्वित महसूस किया।