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दिल्ली कैबिनेट ने यमुना में जल संचयन परियोजना को दी मंजूरी

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने यमुना फ्लड प्लेन में जल संचयन की एक महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दे दी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में हुई एक प्रेस कांफ्रेस में कहा, “हम अखबारों में पढ़ते हैं कि पूरी दुनिया में पानी की भारी कमी हो रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों में भी पानी की भारी किल्लत के बारे में सुनने को मिलता है। दिल्ली के बारे में सुनने को मिलता है कि यहां अंडरग्राउंड वाटर की स्थिति धीरे-धीरे खराब हो रही है। उन सब परिस्थितियों को देखते हुए और भविष्य को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने यमुना फ्लड प्लेन में यमुना के पानी के संचयन की बहुत बड़ी योजना बनाई है। इससे मौजूदा वक्त में पानी की कमी को दूर करने के साथ-साथ भविष्य के जल संकट से निपटने में भी मदद मिलेगी। दिल्ली कैबिनेट से आज इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।“
उन्होंने ये भी कहा, “आने वाले बारिशों में यमुना फ्लड प्लेन में पानी के संचयन का, ग्राउंड वाटर रिचार्ज का काम शुरू कर दिया जाएगा। इस बार समय कम रह गया, फिर भी ये एक ठोस शुरुआत होगी। इससे ये भी पता चल जाएगा कि इस प्रोजेक्ट की संभावनाएं कितनी हैं। इसके रिजल्ट से ये पता चल सकेगा कि इसकी संभावनाएं कितनी व्यापक हैं। कंसल्टेंट्स और आईआईटी की रिपोर्ट इस ओर संकेत करती हैं कि इस प्रोजेक्ट में बहुत व्यापक संभावनाएं हैं। यमुना का फ्लड प्लेन बहुत बड़ा है। इसमें बहुत पानी संचयन की क्षमता है। ऐसा करके दिल्ली का जल संकट दूर किया जा सकता है। इस बार हम छोटे स्केल पर शुरू करेंगे। इसकी स्टडी के आधार पर अगले साल इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।“
मुख्यमंत्री ने बताया, “इसमें पल्ला से लेकर वजीराबाद तक के स्ट्रेच के किनारों पर पानी का संचयन किया जाएगा। ये पूरी तरह इको फ्रेंडली होगा। इसमें कोई सीमेंट का स्ट्रक्चर नहीं होगा। इसमें छोटे-छोटे पॉन्ड्स बनाये जाएंगे। इन पॉन्ड्स में जब रेगलुर यमुना का फ्लो होगा, तब पानी नहीं पहुंचेगा। बारिश के दिनों में जब यमुना ओवर फ्लो करती है, तब ये ओवर फ्लो वाला पानी इन पॉन्ड्स में जाएगा। जब ये पानी यहां थोड़ी देर ठहरेगा, तब नीचे परकुलेट हो जाएगा। जब पानी यमुना में बहता है तो उसे नीचे परकुलेट होने का टाइम नहीं मिलता लेकिन जब उन पॉन्ड्स में पानी थोड़ी देर ठहरेगा तो नीचे परकुलेट होता जाएगा। इस बार हमें परकुलेशन का रेट पता चल जाएगा। ये पानी नीचे कितनी दूर तक जाएगा ये भी हमें पता चल जाएगा।“
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने ये भी बताया, “दिल्ली में अच्छी बात ये है कि यहां पानी का नीचे का स्लोप यमुना से शहर की तरफ आ रहा है। अगर ये स्लोप उल्टा होता मसलन शहर से यमुना की तरफ होता तो हम पानी स्टोर नहीं कर सकते थे। तब तो शहर का पानी भी यमुना में बह जाता। हम जितना पानी का संचयन करेंगे वो शहर की तरफ नीचे स्टोर होता जाएगा। ये पानी कहां-कहां स्टोर होगा, ये हमें कंसल्टेंट ने बताया है।“
मुख्यमंत्री ये भी कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर हमें केंद्र सरकार की कुछ मंजूरी चाहिए। पिछले हफ्ते हमने प्रस्ताव भेजा था। मैं खुद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत से मिलकर आया था। इस प्रोजेक्ट को लेकर वह बहुत सकारात्मक थे। हमने उसने निवेदन किया था कि बारिशें आनी वाली हैं इसलिए इस प्रस्ताव पर जल्दी निर्णय ले लिया जाए। उन्होंने भी आश्वासन दिया था कि इस पर जल्दी निर्णय ले लिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट पर हमें जल्दी ही केंद्र से मंजूरी मिल जाएगी। इसके अलावा, हमें जहां जल का संचयन करना है, वह जमीनें किसानों की हैं। दिल्ली सरकार किसानों की जमीनें किराये पर लेगी। ये किराया तय करने के लिए हमने पांच अफसरों की एक कमेटी बना दी है। ये कमेटी सोमवार तक अपनी रिपोर्ट दे देगी। मैं उम्मीद करता हूं कि बारिशों से पहले हम इसका पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू कर पाएंगे।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, “इसमें हमें केवल और केवल पॉन्ड्स बनाने हैं। यमुना फ्लड प्लेन बहुत बड़ा प्राकृतिक जलाशय है। अगर आप सीमेंट का इतना बड़ा जलाशय बनाएंगे तो उसमें हजारों करोड़ रुपये लगेंगे। इस प्रोजेक्ट में हमें केवल गड्ढे खोदने हैं। पॉन्ड्स में पानी आएगा और रुकेगा और फिर परकुलेट हो जाएगा। ये पानी बिना पाइप लाइन नीचे ही नीचे शहर में कई किमी तक चला जाएगा। इसके बाद हमें जहां-जहां पता चलेगा कि पानी रुकेगा, वहां हम बोरवेल करके पानी निकाल लेंगे।“
दिल्ली कैबिनेट के एक अन्य अहम फैसले के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी कोशिश है कि दिल्ली सरकार की सभी बिल्डिंग्स के ऊपर रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बन जाएं। इसके अलावा जिन बिल्डिंग्स पर पहले से ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर हैं, उनकी सफाई हो जाए और वे ऑपरेशनल हो जाएं, इस संबंध में हमने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश जारी कर दिये हैं।“

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