कैट ने सीलिंग पर बानी मॉनिटरिंग कमेटी के खिलाफ खोला मोर्चा
नई दिल्ली।दिल्ली में हो रही लगातार सीलिंग और मॉनिटरिंग कमेटी के तानाशाही रवैय्ये से परेशान दिल्ली के व्यापारियों ने आज कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा आयोजित एक व्यापारी सम्मेलन में जहाँ मॉनिटरिंग कमेटी को तुरंत भंग किये जानेकी मांग की वहीँ दूसरी ओर प्रदूषण का बहाना लेकर दिल्ली के अनेक व्यापारिक एवं औद्योगिक क्षेत्रों में हो रही सीलिंग तथा सीलिंग के लिए मिले हजारों नोटिस पर रोष जताते हुए दिल्ली में हो रही हर प्रकार की सीलिंग को रोकने हेतु दिल्ली भर में एकसघन अभियान चलाने का निर्णय लिया ! व्यापारियों ने यह भी निर्णय लिया की इसके लिए यदि व्यापारियों को न्यायालय भी जाना पड़ा तो दिल्ली के सभी व्यापारिक संगठन इसके लिए तैयार हैं और अब यह दिल्ली के व्यापार के अस्तित्व की आर पार कीलड़ाई है !सम्मेलन में व्यापारियों ने स्पष्ट रूप से कहा की यदि उन्हें दिल्ली में व्यापार करने से सीलिंग एवं अन्य कारणों से परेशान किया गया तो दिल्ली के व्यापारी मजबूर होकर अन्य राज्यों में पलायन कर जाएंगे ! सम्मेलन में इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार एवंदिल्ली के सांसदों की चुप्पी पर बेहद रोष जताया गया और कहा गया की यदि इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो दिल्ली के चुनाव दूर नहीं है और व्यापारी एक मुश्त होकर किसे वोट देंगे यह तय करेंगे लेकिन जो भी दल इस बारे में व्यापारियों का साथनहीं देगा उसे हारने में व्यापारी कोई भी कसर नहीं छोड़ेंगे और यदि जरूरत पड़ी तो व्यापारी अपने उमीदवार भी मैदान में उतार सकते हैं ! सम्मेलन में केंद्र सरकार से माँग की गई की दिल्ली के व्यापार को बचाने के लिए एक ऐम्नेस्टी स्कीम लायी जाएजिसके अंतर्गत ३१ दिसम्बर २०१८ तक जो जहाँ है जैसा है के आधार पर छूट दी जाए और सरकार यदि ठीक समझे तो एक उचित पेनल्टी ले सकती है और भविष्य के लिए नियम एवं कानूनो के पालन को सख़्ती से लागू किया जाए ।
सम्मेलन में व्यापारी नेताओं ने कहा की मॉनिटरिंग कमेटी ने सभी नियमों एवं कानूनों को ताक पर रख दिया है और जबरदस्ती एक अतिरिक्त संवैधानिक संस्था का ढोंग करते हुए दिल्ली में मनमाने तरीके से सीलिंग कर रही है ! मास्टर प्लान में केंद्रसरकार द्वारा आवश्यक संशोधन करने के बाद भी जिन व्यापारियों की दुकानों की सीलिंग खुल जानी चाहिए थी उनकी सीलिंग मॉनिटरिंग कमेटी ने आज तक नहीं खोली है ! मॉनिटरिंग कमेटी ने अपने नियम स्वयं निर्धारित किये हैं जो बेहद गैर कानूनी है! मॉनिटरिंग कमेटी विशुद्ध रूप से एक तानाशाह के रूप में काम कर रही है और केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा पारित किये गए कानून जिनका पालन सभी के लिए अनिवार्य है उनको धता बताते हुए मनमर्जी से सीलिंग के आदेश जारी कर रही है ! इस मामलेमें सरकार हो या डीडीए अथवा नगर निगम सब एक तरह से पंगु हो गए हैं ! मॉनिटरिंग कमेटी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर खुले आम सीलिंग कर रही है और कोई देखने वाला नहीं है !सम्मेलन में यह भी कहा गया की मॉनिटलरिंग कमेटी के तीनो सदस्य लगभग 75 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं जबकसी सरकार में सेवानिवृति की आयु 60 वर्ष है जबकि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृति की आयु 65 वर्ष हैं ऐसे में यहनियम मॉनिटरिंग कमेटी पर क्यों नहीं लागू होता ! यह नियम इन पर भी लागू कर मॉनिटरिंग कमेटी को तुरंत भंग कर देना चाहिए ! व्यापारियों ने कहा की मॉनिटरिंग कमेटी का गठन केवल रिहायशी क्षेत्रों में कमर्शियल गतिविधियों के लिया हुआ थालेकिन मॉनिटरिंग कमेटी ने दिल्ली के व्यापार को बर्बाड करने का निर्णय लेते हुए अपनी अधिकार सीमा के बाहर जाकर पूरी दिल्ली में सीलिंग के तुग़लकी आदेश दिए हैं ! किसी भी व्यापारी को कानून के मुताबिक अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गयाजो की बेहद गैर कानूनी है !सम्मेलन में इसके खिलाफ दिल्ली भर में एक अभियान चलाने का निर्णय लिया गया ! इस मुद्दे पर कैट शीघ्र ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री श्री अमित शाह, शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप पूरी, दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल से मिलेगा औरमॉनिटरिंग कमेटी को भंग करने की मांग करेगा और कहेगा की सरकार इस मुद्दे पर सख्ती से न्यायलय में जाए और मॉनीटोरोइंग कमेटी को भंग कराये !