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73वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर मारग्रेटेरियन्स द्वारा एस.डी.एम. सौम्या शर्मा का भव्य स्वागत

नई दिल्ली। स्वतंत्रता सभी को प्रिय है पर क्या हमें इसका अर्थ पता है ‘यदि नहीं तो यह विचारणीय है। यदि हाँ तो हमें समझना होगा कि स्वतंत्रता आत्मविश्वास की जननी है। मनुष्य, पशु-पक्षी सभी को यह प्रिय है। स्वतंत्रता दिवस के पावन राष्ट्रीय पर्व पर सेंट मारग्रेट स्कूल, प्रशांत विहार के नवीं कक्षा के छात्रों द्वारा नारी शक्ति है, दुर्गा है, शांति स्वरूप आदि रूपों को मंचीय अभिव्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करके ये बताया गया कि नारी श्रद्धा की पात्र है और पूजनीय है।Ó
कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि श्रीमती सौम्या शर्मा (उप प्रभागीय न्यायाधीश (एसडीएम), नांगलोई) के स्वागत के साथ किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में उनके साथ उनके पिता डॉ. अशोक शर्मा, चाचा डॉ. पदम कुमार शर्मा तथा मैनेजिंग कमेटी के सदस्य डॉ. कौशिक भी आमंत्रित थे। मुख्य अतिथि, प्रबंधकीय सदस्यों व आमंत्रित अभिभावकों का प्रधानाचार्या श्रीमती रेनू जैन तथा कोर्डिनेटर श्रीमती सुजाता चंडोक द्वारा परम्परागत रूप से स्वागत किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि तथा प्रबंधकीय सदस्यों द्वारा तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्र गान गाया गया। चेयरमैन बी आर गोस्वामी के द्वारा मुख्य अतिथि तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए भाषण दिया गया। प्रधानाचार्या ने छात्रों को देश-सेवा की शपथ दिलवाई। शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ छात्रों को मुख्य अतिथि, चेयरमैन महोदय तथा मैडम चेयरमैन द्वारा प्रशस्ति प्रमाणपत्र दिए गए, जोकि छात्रों के लिए गर्व की बात थी। इस अवसर पर पुरस्कृत छात्रों और उनके अभिभावकों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
नारी की अमर गाथा और समाज की प्रगति में उसके योगदान को दिखाना ही छात्रों का लक्ष्य था। सर्वप्रथम दुर्गा के वैभवशाली तथा भव्य रूप को नृत्य के रूप में प्रस्तुत किया है। गीत रूप में मातृभूमि का आराधन करते युवाओं का अपना अलग ही अंदाज था। मुगलों और अंग्रेजों को युद्ध-भूमि में पराजित कर अपनी विजय पताका फहराने वाली वीरांगनाओं (रानी दुर्गावती, रानी चेन्नम्मा और रानी लक्ष्मीबाई) की वीरता, साहस पर आधारित नृत्य-नाटिका की प्रस्तुति अद्भुत तथा सराहनीय थी द्य भारतीय इतिहास के अनछुए पन्नों की यह दास्तान तारीफ के काबिल थी। आजादी तथा उसके बाद नारी के संघर्ष, त्याग और बलिदान की अनेक घटनाओं को छात्रों द्वारा सफल रूप से प्रस्तुत किया गया।
वर्तमान में नारी का चांद पर जाना, खेल के मैदान में श्रेष्ठ प्रदर्शन करना, कला, साहित्य और सभी क्षेत्रों में अपने विजय निशान बनाते हुए मिसाल कायम करना ही उसको अलग बनता हैं। नारी और शक्ति एक दूसरे के पूरक है। यदि वह कोमल है तो परिवार की ढाल है और वह अपनी पर आ जाए तो दुश्मन के लिए काल है। वैविध्यपूर्ण रंगारंग कार्यक्रम ने सभी का मन मोह लिया। मैनेजिंग डायरेक्टर नवीन गोस्वामी ने मुक्त कंठ से कार्यक्रम की सराहना करते हुए छात्रों और अध्यापकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि
तैरना है तो समुंद्र में तैरो, किनारों पर क्या रखा है,
प्यार करना है तो देश से करो, औरों में क्या रखा है।
विद्यालय का प्रांगण रंग-बिरंगे गुब्बारों तथा फूलों से सजाया गया था, जिसकी छटा दर्शनीय थी। हर चेहरे पर आजादी की विजयी मुस्कान और जनून था। अंत में मुख्य अतिथि ने आसमान में गुब्बारे छोड़ते हुए कार्यक्रम की सफलता पर छात्रों को बधाई दी। प्रधानाचार्या द्वारा अतिथियों तथा अभिभावकों के प्रति धन्यवाद शब्दों के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।

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