धर्मेन्द्र प्रधान ने 10वें सिटी गैस वितरण बोली राउंड के कार्य का शुभारंभ किया
नई दिल्ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 10वें सिटी गैस वितरण (सीजीडी) बोली राउंड के कार्य का शुभारंभ किया। इसमें 124 जिलों के 50 भौगालिक क्षेत्र शामिल होंगे। श्री प्रधान ने 1 मार्च 2019 को इस राउंड के 12 सफल बोलीदाताओं को आशय-पत्र वितरित किये थे।
10वें राउंड के पूरा होने के बाद देश की 70 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या और 52.73 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र सीजीडी के तहत आ जायेगा। पीएनजीआरजी द्वारा 10वें राउंड के लिए अनुमोदित न्यू नतम कार्यक्रम के अनुसार 2.02 करोड़ पीएनजी घरेलू कनेक्श न उपलब्ध कराये जायेंगे।
इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि 9वें और 10वें राउंड की समाप्ति के बाद देश ने सीजीडी में लंबी छलांग लगाई है। पिछले पांच वर्षों के दौरान पीएनजी कनेक्शरनों, सीएनजी वाहनों तथा सीएनजी स्टेशनों की संख्यां दोगुने से भी अधिक हो गई है। भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा का उपभोक्ता है और यह एक दशक में सबसे बड़ा उपभोक्ता बन जायेगा। सरकार का उद्देश्य सभी को स्वैच्छश ईंधन की विश्वतसनीय, सस्ती, टिकाऊ और वैश्विक पहुंच उपलब्ध कराना है। देश में ऊर्जा मिश्रण में गैस की वर्तमान हिस्सेदारी 6.2 प्रतिशत है। 2030 तक प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
श्री प्रधान ने कहा कि देश में ऊर्जा की बढ़ती हुई खपत के कारण सीएनजी की हिस्से दारी में सबसे अधिक वृद्धि होगी। हाईड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहन पहले ही राष्ट्रीय राजधानी में प्रस्तुित किये जा चुके हैं और अनेक ऑटों निर्माता ने नये सीएनजी मॉडल पेश किये हैं। यहां तक कि कोयला भी प्रासांगिक बना रहेगा,क्योंकि कोयला गैसकरण संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गैस बुनियादी ढांचे में पांच लाख करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है। जिसमें, अन्वेषण वितरण, पुन:गैसीकरण, पाइपलाईन नेटवर्क बिछाना शामिल है। घरेलू गैस उत्पापदन 2018-19 में 32.87 बिलियन क्यू बिक मीटर था, जिसके 2020-21 तक बढ़कर 39.3 बिलियन क्यूबिक मीटर हो जाने का अनुमान है। अगले तीन-चार वर्षों में एलएनजी टर्मिनल क्षमता मौजूदा 38.8 एमएमटीपीए से बढ़कर 52.5 एमएमटीपीए हो जाने की उम्मीद है। गैस ग्रिड मौजूदा 16788 किलोमीटर है, इसमें 14788 अतिरिक्ती किलोमीटर जोडऩे का काम प्रगति पर है।
श्री प्रधान ने कहा कि उपयुक्त माहौल बनाया जा रहा है और देश की प्रगति, आयात-निर्भरता कम करने, किसानों को ऊर्जादाता बनाने के लिए साहसिक नीतिगत निर्णय लिये जा रहे हैं। बॉयो डीजल को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसलिए रि-साईकल प्रयुक्त कुकिंग ऑयल को बढ़ावा दिया जा रहा है।