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मुख्यमंत्री ने प्राइवेट स्कूलों को डेंगू अभियान का हिस्सा बनाया

नई दिल्ली। पांच साल पहले दिल्ली में दो तरह की शिक्षा व्यवस्था थी, एक सरकारी स्कूल की शिक्षा और एक प्राइवेट स्कूल की शिक्षा। किसी आदमी के पास अगर थोड़ा सा भी पैसा होता था तो वो अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में भेजता था। बहुत मजबूरी में ही कोई अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजता था। ये असंतुलित शिक्षा व्यवस्था थी। पांच साल में हमने इस असंतुलन को खत्म किया है। हमने सरकारी स्कूलों को बहुत अच्छा किया है। उनमें बहुत सुविधाएं मुहैया करवाई हैं। नतीजों को सुधारा है। आज हम कह सकते हैं कि दिल्ली में गरीब हो, अमीर हो, मिडिल क्लास का हो, लोअर मिडिल क्लास का हो, चाहे सरकारी स्कूल में पढ़ता हो या प्राइवेट स्कूल में पढ़ता हो, सबको लगभग एक समान शिक्षा मिल रही है। अब दिल्ली के लोगों के सामने विकल्प है कि वह चाहें तो अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाएं या चाहें तो सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं। अब दोनों जगह एक जैसी शिक्षा मिल रही है।
दिल्ली के प्राइवेट और गवर्नमेंट ऐडेड स्कूल्स के प्रिंसिपल्स और वाइस प्रिंसिपल्स के साथ त्यागराज स्टेडियम में आयोजित के एक संवाद के दौरान मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने ये बातें कहीं। सभी स्कूल अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों को डेंगू और प्रदूषण के खिलाफ जागरूक करें, इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये संवाद किया। डेंगू के खिलाफ 10 हफ्ते 10 बजे 10 मिनट कैंपेन के तहत दिल्ली सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए एक किट भी तैयार करवाई है जिसे स्कूलों के जरिये बच्चों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा प्रदूषण से निपटने के लिए अपने कार्यक्रम के तहत दिल्ली सरकार स्कूलों के जरिये बच्चों को मास्क भी उपलब्ध करवाएगी। इन मुद्दों पर बच्चों से 1 अक्टूबर 12 बजे, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सीधे संवाद साधेंगे मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल।
मुख्यमंत्री ने कहा, सरकारी स्कूल भी हमारे हैं, प्राइवेट स्कूल भी हमारे हैं। आप सब हमारे हैं। अब तक दिल्ली के बच्चों को आप लोग ही अच्छी शिक्षा दे रहे थे। हम एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था चाहते हैं जिसमें एक स्तर पर प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल में प्रतिस्पर्धा हो और एक स्तर पर प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल एक-दूसरे के पूरक भी बनें। हम आप लोगों से सुझाव चाहते हैं। हम आप लोगों से फीडबैक चाहते हैं। अगर कोई प्राइवेट स्कूल कानून नहीं मानता है, तो उसे कानून का पालन कराना हमारा फर्ज है। लेकिन हम आपके कामकाज में दखलअंदाजी बिलकुल नहीं करना चाहते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्लास में सभी विषयों का पीरियड होता है लेकिन डेंगू-चिकनगुनिया का कोई पीरियड नहीं होता जबकि सबसे ज्यादा दिल्ली के लोगों को इन दो-तीन महीनों में डेंगू-चिकनगुनिया दुखी करता है। अगर हम अपने बच्चों को असल जिंदगी के बारे में दो शब्द नहीं पढ़ाएंगे, तो इसका मतलब कोई कमी रह गई है। बतौर दिल्ली के नागरिक हमें वो सभी कदम उठाने हैं जिससे हम डेंगू-चिकनगुनिया से बच सकें। इसके अलावा आप लोग प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल के रूप में इस कार्यक्रम में मौजूद हैं, इसलिए अपने बच्चों को डेंगू-चिकनगुनिया के बारे में भी शिक्षा देनी चाहिए, उन्हें जागरूक करना है। जितनी तबियत के साथ हम अपने बच्चों को बाकी विषय पढ़ाते हैं, उतनी ही तबियत के साथ हमें अपने बच्चों को डेंगू-चिकनगुनिया के बारे में भी बताना चाहिए।
दिल्ली में 2015 में डेंगू-चिकनगुनिया के 15000 मामले सामने आए थे। पिछले तीन-चार साल में काफी कोशिशों का परिणाम है कि डेंगू-चिकनगुनिया के मामलों में कमी आई है। इस साल विशेषज्ञों ने बताया था कि डेंगू-चिकनगुनिया तीन-चार साल में सिर उठाती है और ये पिछले रिकॉर्ड भी तोड़ देती है। इसलिए हमें डर था कि इस साल डेंगू-चिकनगुनिया के मामले काफी ज्यादा बढ़ जाएंगे। इसलिए हमने 10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट कैंपेन डिजाइन किया। इसका अंडा मच्छर बनने में 7 से 10 दिन लेता है। अगर हम सातवें दिन अपने घर में जमा हुआ पानी उड़ेल दें तो ये अंडा मच्छर नहीं बन पाएगा। हमें अपने घर की चेकिंग करनी है। चेकिंग करने में 10 मिनट से ज्यादा नहीं लगते हैं। ये मच्छर 200 मीटर से ज्यादा नहीं उड़ता। इसका मतलब अगर आपको डेंगू होता है, तो वो मच्छर या तो आपके घर में पैदा हुआ है या पड़ोसी के घर में पैदा हुआ है। अगर हम अपने घर की चेकिंग कर लें और पड़ोसी को भी कह दें कि अपने घर की चेकिंग कर लो, मैं आपको गारंटी देता हूं कि आपके घर में किसी को डेंगू नहीं हो सकता। ये मच्छर सबसे ज्यादा 1 सितंबर से 15 नवंबर के बीच होता है। इसलिए हमें 10 हफ्ते चेकिंग करनी है। आप सबको हर बच्चे को इन सब जानकारियों से जागरूक करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं 1 अक्टूबर, मंगलवार को 12 बजे दिल्ली के सारे बच्चों से मुखातिब होऊंगा। मेरा आपसे अनुरोध है अपने-अपने स्कूल में इसकी व्यवस्था कर लीजिए, इस कैंपेन से संबंधित फिल्म भी हम दिखाएंगे और बच्चों को डेंगू-चिकनगुनिया के बारे में भी बताएंगे। बच्चों से सीधी बातचीत करने की व्यवस्था आप लोग करेंगे, ऐसा आपसे अपेक्षा है। इसके अलावा बहुत जल्द हर बच्चे के लिए आप सबके स्कूल में डेंगू का एक किट भी दे दिया जाएगा। उसमें एक स्टीकर भी होगा। बच्चे अपने घर की चेकिंग करेंगे और अपने घर पर स्टीकर लगा देंगे कि उनका घर डेंगू मुक्त है। आपसे ये भी अनुरोध है कि बच्चों को इस किट के बारे में अच्छे से समझा दीजिएगा।
डेंगू-चिकनगुनिया के साथ-साथ बच्चों को प्रदूषण के बारे में भी जागरूक करना बेहद जरूरी है। अभी तक हम लोग दिल्ली में प्रदूषण से बहुत ज्यादा दुखी रहते थे। प्रदूषण को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहते थे। लेकिन एक अच्छी खबर है। दिल्ली में प्रदूषण बढ़ना कम हो गया है। दिल्ली में प्रदूषण 25 फीसदी कम हो गया है। ये अच्छी बात है लेकिन इसे अभी और काफी कम करना है। अभी कई कदम उठाने हैं। आने वाले दिनों में हम दो-तीन जरूरी कदम उठाने जा रहे हैं। हम सब जानते हैं कि 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की वजह से दिल्ली में धुआं आता है और दिल्ली गैस चैंबर बन जाती है। इसके समाधान के लिए हम पड़ोसी राज्यों की सरकारों से भी बातें कम कर रहे हैं। पड़ोसी राज्यों की सरकारें अपना काम कर रही हैं। लेकिन हमें भी काफी कुछ करना है। इसलिए इस दौरान हम लोग हर घऱ में मास्क भिजवाएंगे। जिस दिन ज्यादा धुआं हो, उस दिन पहन लो। जिस वक्त ज्यादा धुआं हो, उसे पहन लो। ये मास्क हम आप लोगों के स्कूल में भी भिजवा देंगे। हम उम्मीद करते हैं कि हर बच्चे को दो-दो मास्क का पैकेट आप लोग दे देंगे। इस तरह, उसके घर में भी जिसको जरूरत होगी वो मास्क का इस्तेमाल कर लेगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली पर पटाखे चलाने पर बैन लगा दिया है। हम लोग चाहते हैं कि इस साल छोटी दीवाली के दिन सारी दिल्ली के लोग मिलकर एक साथ दीवाली मनाएं। हम दिल्ली में एक मेगा लेजर शो आयोजित करवा रहे हैं, जिसकी जगह के बारे में हम जल्दी सबको बता देंगे, हम चाहते हैं कि दिल्ली के सारे बच्चे वहां आएं, दिल्ली के सारे लोग वहां आएं। सभी लोग लेजर शो देखेंगे और अगले दिन पटाखे नहीं चलाएंगे। ये सारी बातें आपको बच्चों को बतानी है। इसके अलावा 4 नवंबर से 15 नवंबर के बीच, जब सबसे ज्यादा धुआं दिल्ली में आता है, हम ऑड-ईवन करेंगे। मुझे उम्मीद है कि हर संडे 44 लाख बच्चे यानी 44 लाख परिवार 10 मिनट डेंगू के खिलाफ इस लड़ाई में साथ दे रहे होंगे : मनीष सिसोदिया इस मौके पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज दिल्ली के सारे स्कूलों में मिलाकर 44 लाख बच्चे पढ़ते हैं। मुझे उम्मीद है कि हर संडे 44 लाख बच्चे यानी 44 लाख परिवार 10 मिनट डेंगू के खिलाफ इस लड़ाई में साथ दे रहे होंगे। डेंगू के खिलाफ ये बहुत बड़ी लड़ाई होगी। हम सबको इसे एक मिशन बनाना है। श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इसको लेकर दिल्ली के स्कूलों में आने वाले हर एक बच्चे को इतना प्रोत्साहित करना है कि वह अपने घर में जाकर ये जिम्मेदारी खुद ले और अपने मम्मी-पापा से बोले कि अगर आप चाहते हैं कि मुझे डेंगू न हो तो संडे के दिन 10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट के प्रोग्राम में शामिल हो जाइये।

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