हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा मुख्यालय का घेराव किया
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक पर देश में हो रहे चौतरफा बवाल के बीच आज दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केन्द्र की भाजपा सरकार के खिलाफ सीधा मोर्चा खोलते हुए इस बिल को वापस लेने व भाजपा द्वारा राष्ट्रीय एकता व अखंडता को खतरे में डालने के कुथित प्रयास के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व में दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय का घेराव किया व हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर जोरदार नारेबाजी की।
सुभाष चोपड़ा के साथ अ0भा0क0कमेटी के दिल्ली प्रभारी श्री पी.सी. चाको श्री जय प्रकाश अग्रवाल, श्री अरविन्दर सिंह लवली, श्री महाबल मिश्रा,श्री रमेश कुमार, परवेज हाश्मी, कृष्णा तीरथ श्री हारुन यूसूफ, मुकेश शर्मा आदि प्रदर्शनकारियों के आगे नारे लगाते हुए चल रहे थे।
भारी पुलिसबल की तैनाती व दंगा निरोधक दस्ते की मौजूदगी के बावजूद बिल के विरोध में गुस्साऐ कार्यकर्ता न केवल बेरिकेट पर चढ़़ गए बल्कि जैसे ही भाजपा मुख्यालय में घुसने का प्रयास किया, पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त धक्का मुक्की हुई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने “नागरिकता के लिए धार्मिक आधार,नहीं करेगा देश स्वीकार”, “नागरिकता के लिए धार्मिक आधार, संविधान पर है प्रहार”, CAB काला कानून, वापस लो – वापस लो”, “धर्मों में जो करे भेदभाव, नहीं चाहिय वो बदलाव” आदि नारे लगाते हुए राजीव भवन से भाजपा मुख्यालय की ओर कूच किया।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए सुभाष चोपड़ा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक भारतीय संविधान पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में भाजपा देश के संविधान की अवहेलना कर रही है, यह कुथित प्रयास पूरी दुनिया में देश की साख पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका समर्थन करने वाले लोग देश की बुनियाद को कमजोर करना चाहते है। श्री चोपड़ा ने आज यह भी कहा कि यह विधेयक पूरी तरह असंवैधानिक है, इसीलिए कांग्रेस इसके खिलाफ सड़कों पर आई है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री पीसी चाको ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार रहे व जनता के बीच जाकर इस विधयेक के खिलाफ जनमत तैयार करें। उन्होंने इस विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की।
इससे पूर्व पार्टी ने मुकेश शर्मा द्वारा रखे व सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन विधेयक के चलते देश की धर्म, जाति और संस्कृति की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस भाजपा सरकार के उस एजेन्डे के खिलाफ लडे़गी, जिससे संविधान को सुनियोजित साजिश के तहत नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।
राष्ट्रीय महासचिव पीसी चाको, श्री जय प्रकाश अग्रवाल व श्री अरविन्दर सिंह लवली ने इस मौके पर कहा कि विधेयक के खिलाफ नार्थ ईस्ट व असम से शुरु हुआ आंदोलन पूरे देश में फैल रहा है, जिसकी पूरी जिम्मेदार मोदी सरकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए विवादास्पद विधेयकों को संसद में ला रही है। दोनो नेताओं ने कहा कि सभ्य समाज ऐसे प्रयास का कभी समर्थन नही करेगा।
पूर्व सांसद महाबल मिश्रा और श्री रमेश कुमार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार जानबूझ कर देश को साम्प्रदायिकता की आग में झौंकना चाहती है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में जब-जब ऐसे प्रयास हुए है, तब-तब न केवल आर्थिक प्रगति रुकी है बल्कि आम नागरिकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि देश आज नाजुक दौर से गुजर रहा है और मोदी सरकार सभी मोर्चों पर पूरी तरह विफल साबित हुई है।
मुकेश शर्मा ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस विधेयक से जहां एक ओर देश के ताने-बाने को नुकसान पहुचा है, वहीं दूसरी ओर देश के कई हिस्सों में स्थानीय पहचान और संसाधनों को लेकर भी लोग चिंता में है। उन्होंने पूछा कि आखिर केजरीवाल इस विवादास्पद विधेयक पर चुप्पी क्यों साधे हुए है।
प्रदर्शन में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री डा0 नरेन्द्र नाथ, डा0 किरण वालिया, पूर्व विधायक चौ0 मतीन अहमद, हसन अहमद, जय किशन, आसिफ मौहम्मद खान, अल्का लाम्बा, वीर सिंह, कंवर करण सिंह, बलराम तंवर, अशोक अहुजा, शीशपाल, मालाराम गंगवाल, सुरेन्द्र कुमार, नीरज बसौया,रमेश लाम्बा, निगमों में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल, अभिषेक दत्त व रिंकू, निगम में सदन के पूर्व नेता जितेन्द्र कोचर जीतू, पूर्व मेयर सतबीर सिंह,खविन्द्र सिंह कैप्टन, हरचरण सिंह जोश, इंदू, जिला अध्यक्ष विरेन्द्र कसाना, दिनेश कुमार, प्रदीप शर्मा, कैलाश जैन, ए.आर. जोशी, राजेश चौहान, हरी किशन जिंदल, विष्णु अग्रवाल, जगजीवन शर्मा, जय किशन शर्मा, चन्द्र प्रकाश, नौशाद, वाहिद कुरेशी, अनिल वशिष्ठ मौजूद थे।