Author: Sunil Kumar

हरियाणा

ऑप्रेशन स्माईल के तहत जिला पुलिस टीम ने 2 बच्चों को किया रेस्क्यू

कुरूक्षेत्र (हितेश सचदेवा) जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य अपराध ब्यूरो के आदेशानुसार हरियाणा

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हरियाणा

विदेश जाने के इच्छुक व्यक्ति सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एजेंट से ही करें सम्पर्क: पुलिस अधीक्षक

कुरूक्षेत्र (हितेश सचदेवा) । शिक्षा या घूमने के लिए विदेश जाने के इच्छुक लोग जागरूकता के अभाव में अक्सर फर्जी

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हरियाणा

नशे के विरुद्ध किया जागरूक, विद्यार्थियों ने ली शपथ

फरीदाबाद (संजय गुप्ता)। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो प्रमुख श्री ओपी सिंह साहब के दिशानिर्देशों एवं पुलिस अधीक्षक श्रीमती पंखुरी

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हरियाणा

सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात नियमों की पालना जरुरी: एस एस भोरिया

कुरूक्षेत्र (हितेश सचदेवा)। देश में सड़क हादसे एक गंभीर समस्या है और इसपर विचार अवश्य होना चाहिए। भारत में सड़क

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हरियाणा

गुम हुए फोन पाकर मोबाइल फोन मालिकों ने फरीदाबाद पुलिस का किया तह दिल से धन्यवाद

फरीदाबाद (संजय गुप्ता)। पुलिस उपायुक्त अपराध हेमेंद्र कुमार मीणा के दिशा निर्देश पर साइबर सेल की टीम द्वारा 80 मोबाइल

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हरियाणा

डीसीपी साइबर जसलीन कौर ने गुमशुदा 40 मोबाइल फोन उनके असल मालिकों तक पहुंचाए

फरीदाबाद (संजय गुप्ता)। डीसीपी साइबर जसलीन कौर के दिशा निर्देश के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए साइबर थाना सेंट्रल की टीम

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हरियाणा

 “नशा मुक्त भारत पखवाडा” के अंतर्गत जागरुकता अभियान में फरीदाबाद पुलिस हरियाणा में दूसरे स्थान पर

फरीदाबाद (संजय गुप्ता)। International Day against Drug Abuse and Illicit Trafficking” घोषित है जिस पर भारत सरकार द्वारा दिनांक 12

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हरियाणा

मोटरसाईकिल चोरी करने के दो आरोपी गिरफ्तार, चोरीशुदा 14 मोटरसाईकिल बरामद

कुरुक्षेत्र (हितेश सचदेवा)। कुरुक्षेत्र पुलिस ने मोटरसाईकिल चोरी करने के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एंटी व्हीकल थेफ़्ट टीम ने मोटरसाईकिल चोरी करने

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हरियाणा

26 जून- अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर विशेष लेख

नशे से घृणा करो नशेड़ी से नहीं करो इनके सुधार का उपाय कोई : डॉ. अशोक कुमार वर्मा 7 दिसंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सर्वसम्मति से पूरे विश्व में 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। तब से विश्व के लोगों को नशीली वस्तुओं और पदार्थों के सेवन और उपभोग से होने वाले दुष्प्रभावों बारे जागरूक करने का कार्य आरम्भ हुआ था। भारत में 14 सितम्बर 1985 से ही नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट नंबर 61 वर्ष 1985 लागू किया था जिसे हिंदी में स्वापक औषधि और मन प्रभावी पदार्थ अधिनियम संख्या 61 वर्ष 1985 कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय समझौतों को लागू करने के साथ साथ आवश्यकतानुसार इसमें 1988, 2001, 2014 और 2021 में चार बार संशोधन भी किया गया था। तत्पश्चात भारत में वर्ष 1988 में स्वापक औषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार की रोकथाम अधिनियम, संख्या 46 वर्ष 1988 लागू किया गया ताकि ऐसे लोगों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई की जा सके। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट या एनडीपीएस अधिनियम 1985, नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों के भंडारण, उपभोग, परिवहन, खेती, कब्ज़ा, बिक्री, खरीद और विनिर्माण को विनियमित करने के लिए एक व्यापक कानून है। यहाँ यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि भारत में वर्ष 1985 तक भांग और इसके डेरिवेटिव, चरस और मारिजुआना प्रतिबंधित नहीं थे लेकिन उपरोक्त अधिनियम के पश्चात प्रतिबंधित किये गए हैं। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2024 में यह आदेश पारित किया गया था कि वर्षा आरम्भ होने से पूर्व जहाँ कहीं भी भांग के पौधे खड़े हों उन्हें नष्ट किया जाए। फलस्वरूप हरियाणा में भांग के पौधों को नष्ट करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया गया। सामान्य रूप से नशे में बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू और शराब को ही गिना जाता है लेकिन आज के समय में ड्रग्स के नशे का सेवन, व्यापार और प्रचलन बहुत अधिक तीव्रता से बढ़ रहा है जिसका परिणाम यह हुआ कि भारत के सबसे समृद्धशाली प्रान्त पंजाब को आज उड़ता पंजाब के नाम से जाना जाता है। वर्ष 1999 में पंजाब की जीडीपी पुरे भारत की जीडीपी के समकक्ष हुआ करती थी लेकिन वहां के लोगों में ड्रग्स का प्रचलन ऐसा बढ़ा कि आज पंजाब प्रान्त में कई गाँव ऐसे हैं जहाँ एक भी पुरुष नहीं है। यद्यपि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के प्रदर्शित आंकड़ों पर दृष्टिपात करें तो केरल में 26,619 प्राथमिकियां दर्ज हुई हैं। महाराष्ट्र में 13830 और पंजाब में 12442 प्राथमिकियां दर्ज हुई है। इस आधार पर पंजाब तीसरे नंबर पर आता है और केरल प्रथम तथा महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है। पंजाब के सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक कारागार, शशि कांत ने इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से हर महीने एक हज़ार किलो हैरोइन की तस्करी देश में हो रही है। यह नशा म्यांमार, कंबोडिया, अफगानिस्तान, व् उत्तर पश्चिम पाकिस्तान से भारत में पहुँच रहा है। मेडिकल स्टोरों पर बिकने वाली नशीली दवाईयों के संज्ञान पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान अपनाते हुए कहा कि इनकी बिक्री पर रोक लगाने के लिए एक ठोस नीति बनाने की जरुरत है। इतना ही नहीं सुनवाई के दौरान ही भारत पाकिस्तान सीमा पर कंटीली तारों के बीच पाइप डालकर नशा पहुचाने का मामला भी उठा। इससे स्पष्ट है कि किस प्रकार नशे की तस्करी से हमारी भावी युवा पीढ़ी के जीवन को संकट है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए माननीय उच्च न्यायलय ने सुझाव भी मांगे थे। राष्ट्रीय

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