राष्ट्रीय – Apni Dilli https://apnidilli.com Hindi News Paper Wed, 11 Jan 2023 06:41:35 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://apnidilli.com/wp-content/uploads/2023/09/cropped-logo-1-32x32.jpg राष्ट्रीय – Apni Dilli https://apnidilli.com 32 32 अब मध्य प्रदेश में होगी वास्तविकता की बात, वाभापा को मिलेगा जनता का साथ : डॉ वरदमूर्ति मिश्र https://apnidilli.com/20156/ Wed, 11 Jan 2023 06:41:35 +0000 http://apnidilli.com/?p=20156 भोपाल । मध्य प्रदेश की सियासत के लिए साल 2023 कई मायनों में अहम होने वाला है। नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव, भाजपा-कांग्रेस जैसेदिग्गजों के लिए कुछ नई समस्याएं और चुनौतियां लेकर आ रहा है। प्रदेश में तेजी सेउभर रहीं क्षेत्रीय या छोटी पार्टियां, तीसरे दल के रूप मेंबड़ी चुनौतियां देने को तैयार हैं। साल के अंत में होने वाले प्रदेश के सियासीघमासान में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादीपार्टी के साथ-साथ पूर्व आईएएसअधिकारी डॉ वरदमूर्ति मिश्र की वास्तविक भारत पार्टी भी दमख़म दिखाने की तैयारी कररही है। 26 वर्षों से अधिक केप्रशासनिक अनुभव के साथ राजनीति में कदम रखने वाले डॉ वरदमूर्ति मिश्र सभी 230सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को उतारने की घोषणा पहले हीकर चुके हैं।राज्य प्रशासनिक सेवा के 1996 बैच के डिप्टी कलेक्टर रह चुके, वाभापा संस्थापक वअध्यक्ष डॉ वरदमूर्ति मिश्र ने कहा, “सन 1956 में मध्य प्रदेश केगठन के बाद से, प्रदेश की सेवा करनेका मौका सिर्फ दो ही राजनीतिक दलों को मिला है। विगत वर्षों में प्रदेश की प्रगतिव उन्नति के लिए कई काम भी हुए हैं, लेकिन अब समय बदलावका है। अब समय अनुभव के साथ नई सोच और युवा जोश को धरातल पर काम करने की आजादीदेने का है, जो नवाचार के साथ-साथ प्रदेश को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, रोजगार और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में मजबूत बना सकें। हमने हर घर कामपहुंचाने की योजना बनाई है। वाभापा में हम राजनीति के साथ कानून, मीडिया, तकनीक, शासन प्रशासन या सामाजिक आर्थिक मामलों के जानकारों के साथ, जनसेवा से जुड़ रहे हैं, ताकि समाज के विभिनक्षेत्रों और वर्गों को उचित उम्मीदवार के साथ सेवा का अवसर मिल सके।”जनता के बीच रहकर काम करने वाले अधिकारी की छवि के साथ डॉ वरदमूर्ति मिश्र नेविभिन्न जिलों में टीम गठन करना शुरू कर दिया है। पार्टी हर स्तर पर, साफ सुथरी छवि वाले, पढ़े लिखे प्रतिष्ठितव्यक्तियों को अपने साथ जोड़ रही है। पार्टी नेतृत्व का दावा है कि प्रदेश मेंसरकार गठन में वास्तविक भारत पार्टी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। चूंकि प्रदेशमें सरकार पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। शिक्षित युवा बेरोजगार काम न मिलने सेप्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। करोड़ों रुपए से प्रदेश में सरकारी अस्पताल बन रहे हैंलेकिन आधे से अधिक मेडिकल स्टॉफ और डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। ऐसे अन्य तमाममुद्दों के साथ पार्टी, प्रदेश की सभी सीटोंपर अपनी उम्मीदवारी पेश करने की कवायद में लग गई है।वाभापा ने 2022 में व्यवस्थापरिवर्तन का एक संकल्प लिया और जनता से मिले भरपूर समर्थन ने इस संकल्प को और अधिकमजबूत बना दिया है। पार्टी का मानना है कि 2023 परिवर्तन का वर्ष है और प्रदेश की जनता ने इस बार परिवर्तन का मन पक्का करलिया है। ]]> लुपिन ने रांची में अपनी पहली रेफरेंस लैबोरेटरी शुरू की  https://apnidilli.com/19243/ Tue, 19 Jul 2022 11:31:38 +0000 http://apnidilli.com/?p=19243 रांची। विश्व की अग्रणी फार्मा कंपनियों में से एक, लुपिन लिमिटेड (लुपिन) ने आज बताया कि लुपिन डायग्नोस्टिक्स ने रांची में अपनी पहली रेफरेंस लैबोरेटरी की शुरुआत की है। रांची में नई रेफरेंस लैबोरेटरी, साइटोजेनेटिक्स, फ्लो साइटोमेट्री, हिस्टोपैथोलॉजी, साइटोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, सीरोलॉजी, हेमेटोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और रूटीन बायोकेमिस्ट्री के क्षेत्र में व्यापक तौर पर नियमित और विशेष परीक्षणों का संचालन करने के लिए तैयार है।
लुपिन डायग्नोस्टिक्स के पास नवीनतम तकनीकें उपलब्ध हैं जिनसे डॉक्टर रोगियों का सटीक निदान कर पाएंगे। झारखंड के लोग अब 10 स्थानों पर निवारक हेल्थ चेकअप, होम कलेक्शन और परीक्षण केंद्रों का लाभ उठा सकते हैं।
लुपिन डायग्नोस्टिक्स के वाइस प्रेसिडेंट एवं हेड रवींद्र कुमार ने कहा कि “हम अपनी डायग्नोस्टिक सेवाओं का विस्तार करने को लेकर रोमांचित हैं। इन सेवाओं के तहत झारखंड में व्यापक परीक्षण और क्यूरेटेड हेल्थ चेकअप पैकेज उपलब्ध हैं। रांची में हमारी रेफरेंस लैबोरेटरी उच्च मानकों वाली निदान प्रदान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह रोगी के स्वास्थ्य का सटीक पता लगाने, सुरक्षित हस्तक्षेप करने और समग्र रूप से रोगी की सेहत में सुधार लाने के लिए डॉक्टरों को सक्षम बनाएगी।”
उन्होंने कहा कि “लुपिन डायग्नोस्टिक्स की सेवाओं के हिस्से के रूप में, मरीज घर पर मुफ्त सैम्पल कलेक्शन कर सकते हैं और रियल टाइम में उनको ट्रैक कर सकते हैं। हमारी पर्सनलाइज्ड और इटेरैक्टिव रिपोर्ट रोगियों और डॉक्टरों को स्वास्थ्य मानकों के ऐतिहासिक रुझानों को समझने की सुविधा प्रदान करती हैं, जिससे डॉक्टरों को साक्ष्य-आधारित उपचार संबंधी निर्णय लेने में मदत मिलती है।”
पूर्वी भारत में व्यापक रूप से सेवा प्रदान करने के लिए, लुपिन डायग्नोस्टिक्स ने असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में प्रोसेसिंग लैबोरेटरी की स्थापना के बाद रांची, झारखंड में एक रेफरेंस लैबोरेटरी स्थापित की है। वर्तमान में, लुपिन डायग्नोस्टिक्स के 100  से अधिक लुपिमित्र (लुपिन के फ्रैंचाइज़ी कलेक्शन सेंटर) हैं, जो पहले से ही पूर्वी भारत में अपने परिचालन के लिए नामांकित हैं।
लुपिन डायग्नोस्टिक्स डॉक्टरों, मरीजों और उपभोक्ताओं को डायग्नोस्टिक सेवाओं की विस्तृत रेंज प्रदान करता है। इसकी कुछ प्रमुख उपभोक्ता-केंद्रित विशेषताओं में जीपीएस-सक्षम तापमान-नियंत्रित सैम्पल मूवमेंट, स्मार्ट रिपोर्ट, प्रत्येक प्रयोगशाला के लिए एनएबीएल मान्यता, ट्रेंड रिपोर्ट एनालिसिस और लाइव होम कलेक्शन बुकिंग और ट्रैकिंग शामिल हैं। कंपनी ने नवी मुम्बई में 45,000 वर्ग फुट क्षेत्रफल वाली अत्याधुनिक नॅशनल रेफरेंस लैबोरेटरी की स्थापना की है, जिसमें विश्व स्तरीय उपकरण, प्रशिक्षित प्रौद्योगिकीविदों के साथ काम करने वाले अनुभवी डॉक्टर उपलब्ध हैं और यहां कड़े गुणवत्ता नियंत्रण प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है।
लुपिन के बारे में
लुपिन इनोवेशन-केंद्रित अंतरराष्ट्रीय दवा कंपनी है जिसका मुख्यालय भारत के मुम्बई में है। कंपनी ब्रांडेड और जेनेरिक फॉर्मूलेशन, बायोटेक्नोलॉजी उत्पादों और एपीआई की विस्तृत रेंज का विकास और व्यवसाय करती है, जो अमेरिका, भारत, दक्षिण अफ्रीका और पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र (एपीएसी), लैटिन अमेरिका (एलएटीएएम), यूरोप और मध्य-पूर्व क्षेत्र के 100 से अधिक बाजारों में उपलब्ध है।
कंपनी की कार्डियोवैस्कुलर, एंटी-डायबिटिक और रेस्पिरेटरी सेगमेंट में नेतृत्वकारी भूमिका है और एंटी-इनफेक्टिव, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल (जीआई), सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) और महिला स्वास्थ्य के क्षेत्रों में अहम मौजूदगी है। प्रिस्क्रिप्शंस (नुस्खे) के आधार पर, लुपिन अमेरिका की तीसरी सबसे बड़ी दवा कंपनी है। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी ने अपने राजस्व का 8.7% अनुसंधान और विकास में निवेश किया।
लुपिन के 15 मॅन्यूफैक्चरिंग सेंटर्स और 7 रिसर्च सेंटर्स हैं। कंपनी में 20,000 से अधिक कर्मचारी वैश्विक स्तर पर काम कर रहे हैं, और यह बायोटेक्नोलॉजी तथा फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में लगातार ‘काम करने के शानदार कार्यस्थल’ के रूप में मान्यता प्राप्त है।
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डालमिया भारत ने झारखंड में श्रावणी मेले के दौरान सामाजिक परिवर्तन की पहल से अपनी क्षेत्रीय उपस्थिति मजबूत की https://apnidilli.com/19187/ Fri, 15 Jul 2022 06:23:34 +0000 http://apnidilli.com/?p=19187 रांची,  झारखंड। डालमिया भारत लिमिटेड (डीबीएल)  फिर से बहाल हुए देवघर के श्रावणी मेले में भागीदारी करते हुए अपनी क्षेत्रीय उपस्थिति को मजबूत कर रहा है। कंपनी ने कांवर की अदम्य भावना का सम्मान करते हुए जय कांवर अवार्ड व शिक्षा को प्रोत्साहित करने जैसे कई सामाजिक परिवर्तन की पहल की शुरुआत की है।
श्रावणी मेले के दौरान डीबीएल विशेषज्ञों को सलाम जैसी पहल के साथ अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता का नवीनीकरण कर रहा है। देवघर के सामाजिक नायकों के साथ साक्षा तालमेल बिठाते हुए पूर्वी क्षेत्र को डालमिया डीएसपी—ढलाई विशेषज्ञ जैसे विषय विशेष की प्रवीणता का लाभ देने के साथ कंपनी ने स्थानीय नायकों को अपने नवस्थापित जय कांवर अवार्ड से सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया है।
अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र में अदम्य धैर्य व प्रवीणता का परिचय देकर सामुदायिक प्रयासों में योगदान देने वाले श्री मयंक राय, श्रीमती सानिया सुमन व श्री कुमार गौरव को अवार्ड सेरेमनी के दौरान सम्मानित किया गया। कंपनी ने उत्सव के आने वाले संस्करण में मेले में आने वाले भक्तों के स्वागत के लिए भगवान शिव की 16 फुट ऊंचे प्रतिरुप व दो कांवर स्थापित कर अपनी मजबूत स्थानीय उपस्थिति को दर्शाया है। डीबीएल के वरिष्ठ एक्जीक्यूटिव्स व चैनल पार्टनरों के द्वारा आधिकारिक रुप से उद्घाटन की गयी जीवंत विशाल प्रतिमा के साथ ही देबारग्राम में निर्मित एक विशेष रुप से तैयार गेट भी शामिल है जहां से पूरे भारत व दुनिया भर से भगवान शिव के दर्शन को आ रहे व पवित्र जल चढ़ाने वाले भक्तों का विंहगम दृश्य नजर आएगा। इसके अतिरिक्त अन्य अभिनव प्रतिष्ठान देवघर शहर के चकाई, चोपा मोर व बासुकीनाथ में स्थापित किए गए हैं।
उक्त पहलों के अतिरिक्त कंपनी देवघर में एक विशेष कार्यक्रम में अपने 20 टाप कांट्रैक्टरों को उनके परिवारों के साथ सम्मानित करेगी। साथ ही संस्था इस क्षेत्र में शिक्षा को प्रोत्साहित करने की मुहिम के तहत इन कांट्रैक्टरों के बच्चों को स्कूल बैग आदि के सहित स्कूल किट भी प्रदान करेगी।
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टीम मानवता ने वृद्धाश्रम में मनाया जन्मदिन https://apnidilli.com/19119/ Fri, 08 Jul 2022 06:46:00 +0000 http://apnidilli.com/?p=19119
बिलासपुर। टीम मानवता औऱ आश्रयनिष्ठा वेलफेयर सोसायटी ने खुशियों के पल, अपनों के संग के तहत बलराज का जन्मदिन कोनी स्थित सुवानी वृद्धाश्रम में मनाया। इस अवसर पर बुजुर्गों को फ़ल, बिस्किट व मिठाई का वितरण किया गया। आश्रयनिष्ठा वेलफेयर सोसायटी की संस्थापिका व सचिव अरुणिमा मिश्रा ने बताया कि संस्था के सदस्यों का जन्मदिन वृद्धाश्रम में मनाने की परंपरा रही है उसका बखूबी निर्वहन किया जा रहा है।कार्यक्रम में अरुणिमा मिश्रा,नितिन त्रिपाठी,हिमांशु कश्यप, मुरारी धीवर, पूजा तिवारी, प्रिंस वर्मा व गोविंद रॉय औऱ सुनील चिंचोलकर उपस्थित थे।
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सेफ एक्सप्रेस ने उत्तराखंड के हरिद्वार में अपना 70वां अल्ट्रा-मॉडर्न लॉजिस्टिक्स पार्क लॉन्च किया https://apnidilli.com/19116/ Fri, 08 Jul 2022 06:43:17 +0000 http://apnidilli.com/?p=19116 हरिद्वार। भारत की सबसे बड़ी सप्लाई चेन एवं लॉजिस्टिक्स कंपनी, सेफएक्सप्रेस ने उत्तराखंड में अपना अल्ट्रा-मॉडर्न लॉजिस्टिक्स पार्क लॉन्च किया। यह स्टेट-ऑफ-द-आर्ट लॉजिस्टिक्स पार्क राष्ट्रीय राजमार्ग-334 के पास सिडकुल बाईपास रोड पर एक महत्वपूर्ण जगह पर स्थित है। उत्तराखंड के हरिद्वार में सेफएक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स पार्क का शुभारंभ करने के अवसर पर सेफएक्सप्रेस के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
हरिद्वार एक प्रमुख औद्योगिक शहर के रूप में तेजी से विकसित हुआ है और इसकी वजह उत्तराखंड राज्य सरकार की एजेंसी द्वारा 2002 में सिडकुल की स्थापना है। इसने कई प्रमुख और महत्वपूर्ण औद्योगिक घरानों को आकर्षित करने में मदद की है जिन्होंने मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित की हैं और हरिद्वार में  काफी आमदनी और रोजगार पैदा किया है।
हरिद्वार, उत्तराखंड में सेफएक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स सुविधा 1 लाख वर्ग फुट के भूमि क्षेत्र में फैली हुई है, जो अल्ट्रा-मॉडर्न ट्रांसशिपमेंट और 3पीएल सुविधाओं के साथ है। यह तेजी से कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और इस क्षेत्र की भंडारण और वेयरहासिंग की जरूरतों को बढ़ावा देगी। नया लॉजिस्टिक्स पार्क क्रॉस-डॉक है, जो एक साथ 30 से अधिक वाहनों की लोडिंग और अनलोडिंग कर सकता है। इसमें 80 फीट से अधिक का कॉलम-लेस स्पैन है, जो फैसिलिटी के भीतर माल की बाधारहित आवाजाही की सुविधा प्रदान करता है। माल की हर मौसम में लोडिंग और अनलोडिंग करने के लिए, फैसिलिटी में 16 फीट चौड़ा कैंटिलीवर शेड मौजूद है।
लॉजिस्टिक्स फैसिलिटी में आपात स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक अग्निशमन उपकरण और प्रशिक्षित लोग हैं। यह फैसिलिटी प्रकृति-अनुकूल पहलों और टेक्नोलॉजी का एक आदर्श मिश्रण है। इस फैसिलिटी में एकीकृत वर्षा जल संचयन व्यवस्था है, इसमें एक समर्पित हरित क्षेत्र है और यह ऊर्जा संरक्षण के लिए दिन के समय सूरज की रोशनी का उपयोग करेगी। लॉजिस्टिक्स फैसिलिटी में परिचालन काफी व्यवस्थित है, जो उत्तराखंड से पूरे भारत में सभी गंतव्य स्थलों के लिए देश का सबसे तेज़ ट्रांजिट-टाइम सुनिश्चित करता है। इस भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मजबूत आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और बहुत ही कुशल गोदाम प्रबंधन प्रणाली भी मौजूद रहेगी।
पूरे क्षेत्र में फैले कई उद्योगों और मैन्यूफैक्चरर्स की मांग बढ़ रही है जिसमें सप्लाई चेन एवं लॉजिस्टिक्स की काफी महत्वपूर्ण भूमिका है। हरिद्वार, उत्तराखंड में सेफएक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स पार्क इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कमी को कम करने और उनकी सप्लाई चेन एवं लॉजिस्टिक्स आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से और कुशलतापूर्वक पूरा करने में मदद करेगा।
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निजी हस्पतालों की लूटमार https://apnidilli.com/18807/ Thu, 02 Jun 2022 10:52:39 +0000 http://apnidilli.com/?p=18807 पिंकी सिंघल (शालीमार बाग दिल्ली)। भारत में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के मामले में केरल राज्य प्रथम स्थान पर आता है और दूसरे स्थान पर तमिलनाडु का नाम है ,यह सुनकर मन अति प्रसन्न होता है कि भारत जो कि अभी भी एक विकासशील देश की श्रेणी में ही गिना जाता है ,में भी स्वास्थ्य सेवाएं सभी नागरिकों को बेहतरीन तरीके से उपलब्ध कराई जा रही हैं। देश के हर छोटे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों का निशुल्क इलाज किया जाता है। विभिन्न प्रकार के टेस्ट और दवाइयों के लिए सरकार देशवासियों से एक रूपया तक नहीं लेती। जाहिर है कि जनमानस सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता निभाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है जो कि अति सराहनीय एवं प्रशंसनीय है।
यह तो रही बात भारत के सरकारी अस्पतालों की। सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ सरकार ने देश के प्रत्येक राज्य ,प्रत्येक कस्बे ,शहर और गांव में निजी अस्पतालों को खोलेने और इलाज मुहैया कराने की आज्ञा भी दी हुई है ताकि लोगों के पास अपनी इच्छा अनुसार इलाज कराने के विकल्प और अवसर उपलब्ध हों। देशवासी अपनी इच्छा और सहूलियत के हिसाब से जहां चाहे अपना इलाज करवा सकते हैं। एक तरफ जहां सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता वहीं निजी अस्पतालों की स्थिति अलग है।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य की बात करें, तो ,निजी अस्पतालों ने अस्पताल को मानव सेवा केंद्र ना समझ कर लूट का धंधा बनाया हुआ है। गरीब हो अथवा अमीर ,निजी अस्पतालों के मैनेजमेंट को इस बात से कोई लेना-देना नहीं ।इलाज के नाम पर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है और साथ ही साथ मोटी रकम भी वसूली जाती है। जो लोग इलाज के लिए भारी-भरकम फीस नहीं भर पाते उन्हें निजी अस्पतालों में घुसने तक नहीं दिया जाता है। बात इतने तक ही सीमित होती तो भी कोई समस्या नहीं, परंतु जब निजी अस्पतालों की लापरवाही की वजह से मरीज को अपने प्राण गंवाने पड़ जाते हैं तब स्थिति असहनीय हो जाती है। निजी अस्पतालों द्वारा मनचाही फीस वसूलने के पश्चात भी मरीजों को यथोचित इलाज नहीं मिल पाता। कभी-कभी मरीज के परिवार जनों को मरीज के इलाज के लिए उधार तक लेना पड़ता है,अपना घर और जमीन तक गिरवी रखनी पड़ जाती है और जब यह उधार की राशि भी उनके स्वजनों को बचा नहीं पाती तो उस गरीब पर दोहरी मार पड़ती है ,एक तरफ कर्ज चुकाने की जद्दोजहद दूसरी ओर अपने ही परिवार के सदस्य को सदा सदा के लिए खो देने का असहनीय गम।
निजी अस्पतालों के इस निरंकुशता पूर्ण रवैए पर सरकार को लगाम कसनी ही होगी ।सरकार को कुछ मानदंड तय करने होंगे,जिनका पालन प्रत्येक निजी एवं प्राइवेट अस्पताल को हर हाल में करना ही होगा और ऐसा न करने पर निजी अस्पतालों का लाइसेंस सरकार रद्द कर सकती है और चेतावनी दे सकती है कि उपयुक्त मानदंडों पर जो भी अस्पताल खरा नहीं उतरा, उस निजी अस्पताल को तत्काल बंद करवा दिया जाएगा। साथ ही साथ सरकार यह भी स्पष्ट कर सकती है कि प्रत्येक अस्पताल में गरीबों और असहाय लोगों के इलाज की मुफ्त सुविधाएं उपलब्ध हों ताकि कोई भी व्यक्ति इलाज से वंचित न रहने पाए ।वर्तमान में निसंदेह अधिकतर अस्पतालों में यह सुविधा दी जाती है परंतु हकीकत तो यह है कि यह सुविधा केवल अस्पतालों में लगे नोटिस बोर्ड और फाइलों में बंद कागजों पर ही नजर आती है। परंतु सच तो यह है कि निजी अस्पताल किसी ना किसी बहाने टालमटोल करते हैं और जिन लोगों के पास इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में धन नहीं होता उन्हें वे वापस लौटा देते हैं जो कि बेहद शर्मनाक है ।ऐसे मामलों को सरकार को संज्ञान में लेना चाहिए और  दोषी पाए जाने पर उचित कार्यवाही भी करनी चाहिए।
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विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) https://apnidilli.com/18781/ Mon, 30 May 2022 13:59:11 +0000 http://apnidilli.com/?p=18781 पिंकी सिंघल (शालीमार बाग दिल्ली) । हमें यह मानव जीवन ईश्वर से उपहार स्वरूप मिला है।उपहारों की कीमत नहीं लगाई जाती और उपहारों को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी हमारी होती है  और जो उपहार स्वयं प्रभु ने हमें दिया हो उसके प्रति हमारी जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है। ईश्वर प्रदत्त इस जीवन को सजाना सवारना और संभाल कर रखना हमारा दायित्व ही नहीं,अपितु हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है ।अपने जीवन को अच्छे गुणों से ,अच्छी आदतों से और अच्छे व्यवहार से हम बेहतर से बेहतरीन बना सकते हैं ।अपने भीतर सकारात्मक प्रवृत्तियों को विकसित कर नकारात्मकता को दरकिनार कर हम जीवन की खूबसूरती में चार चांद लगा सकते हैं ।स्वयं को प्रसन्न रख और अपने व्यवहार से दूसरों के जीवन में खुशियां भर कर हम एक सुखद जीवन व्यतीत कर सकते हैं। ऐसा कर कर हम ईश्वर को रिटर्न गिफ्ट भी दे सकते हैं।
परंतु ,कभी-कभी, गलत संगति और गलत आदतों के वश में आकर हम अपने इस दायित्व को भूल जाते हैं और व्यसनों का शिकार हो जाते हैं। धीरे-धीरे यह हमारी लत बन जाती है और हम इसके नियंत्रण में आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में हमारा खुद पर से नियंत्रण खत्म होने लगता है और हम नशे के नियंत्रण में आकर अपना पूरा जीवन बर्बाद कर लेते हैं ।नशा चाहे जिस भी चीज का हो बुरा ही कहा जाता है ।नशे की स्थिति में हम आत्म नियंत्रण खो बैठते हैं। नशा कई प्रकार का हो सकता है ,जैसे ,सिगरेट ,तंबाकू ,शराब ,जुआ इत्यादि ।इसके अतिरिक्त भी अनेक प्रकार की गलत आदतों के नशे का शिकार होने पर व्यक्ति अपने आप और अपनों को भूल जाता है और नशा ही उसकी पहली प्राथमिकता बनने लगता है जो कि उसके विनाश और पतन का कारण भी बनता है।
प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। तंबाकू भी एक प्रकार का नशा ही होता है। कुछ लोग थकान उतारने ,स्वयं को अवसाद की स्थिति से बाहर निकालने और तनाव को कम करने के लिए तंबाकू का सेवन करते हैं क्योंकि उनके अनुसार तंबाकू का सेवन करने से वे हल्का महसूस करते हैं, उनके मस्तिष्क को शांति मिलती है और वे उन्हें अपने कार्य में दोहरी ताकत के साथ जुट जाते हैं। तंबाकू का सेवन करने वाले लोग शायद यह भूल जाते हैं कि तंबाकू का उनके शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से प्रत्येक वर्ष लाखों लोग अपनी जान गवा देते हैं।
 विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाए जाने का मुख्य प्रयोजन लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराना है। लोगों को यह समझाना है कि तंबाकू सेवन करने से हमारे शरीर का नाश होता है और नकारात्मक प्रवृत्तियां प्रबल होने लगती हैं जो सीधे हमारे विनाश का कारण बनती हैं। इसलिए हमें तंबाकू सेवन नहीं करना चाहिए और ना ही किसी को इसका सेवन करने देना चाहिए। यह हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है ।अपने राष्ट्र के प्रति सच्ची राष्ट्रभक्ति दिखाने का इससे बेहतर माध्यम दूसरा कोई हो ही नहीं सकता क्योंकि नशे की आदत के शिकार नागरिक कभी भी देश के उत्थान और विकास में भागीदार नहीं बन सकते।
तंबाकू ,गुटखा शराब ,सिगरेट ,बीड़ी इस प्रकार के नशे के आदी होने के बाद इंसान यह भूल जाता है कि उसकी इस गंदी आदत का शिकार वह खुद नहीं अपितु उसके साथ-साथ उसके अपने भी होते हैं। यदि इस प्रकार के नशे को समय रहते न रोका जाए, न नियंत्रित किया जाए तो यह विकराल रूप धारण कर लेता है और मनुष्य के पतन का कारण बनता है।
हमारे राष्ट्र के प्रति हमारी बहुत से जिम्मेदारियां होती हैं,जिन जिम्मेदारियों का निर्वहन हम अपने आप को स्वस्थ रखने के बाद ही कर सकते हैं ।यदि हम स्वयं स्वस्थ नहीं होंगे तो एक स्वस्थ राष्ट्र की कल्पना का सपना कभी साकार नहीं हो सकता क्योंकि किसी भी देश की मजबूत नींव उस देश के स्वस्थ नागरिक ही होते हैं। यदि जड़ ही कमजोर होगी तो उस जड़ से उगने वाला पौधा ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगा और कुछ ही समय बाद धराशाई होकर वसुधा पर आ गिरेगा।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस प्रत्येक वर्ष 31 मई को मनाया जाता है और प्रत्येक वर्ष इस दिवस के लिए एक नया थीम भी रखा जाता है। वर्ष 2021 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस का थीम था कमिट टू क्विट अर्थात तंबाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्धता का होना। इस थीम का उद्देश्य लोगों को नशे की तंबाकू की आदत को छोड़ने के लिए प्रतिबद्धता दिलवाना था ।लोगों को यह कसम खिलवाना था कि वे अब से कभी भी तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे और ना ही किसी को करने देंगे।
तंबाकू निषेध दिवस को प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नुक्कड़ नाटक ,रोल प्ले, इत्यादि का मंचन किया जाता है ताकि लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जा सके,उन्हें बताया जा सके कि तंबाकू का सेवन करने से अनेक प्रकार की खतरनाक और लाइलाज बीमारियां हो जाती हैं, जैसे ,फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, गर्भाशय का कैंसर मुंह का कैंसर इत्यादि इत्यादि।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तंबाकू निषेध की इस अंतरराष्ट्रीय मुहिम को सहयोग देने के लिए विश्व भर की अनेक संस्थाएं अपने स्तर पर कार्य कर रही हैं और लोगों के बीच जागरूकता फैला रही हैं ।ये संस्थाएं अपने दायित्वों का निर्वाह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ करते हुए लोगों को समझा रही हैं कि नशा किसी भी प्रकार का हो, यह जानलेवा होता है और हमें हमारे अपनों से दूर कर देता है। इसलिए हमें नशे की आदत का शिकार नहीं बनना चाहिए और ना ही किसी को बनने देना चाहिए ।हमारी अपने प्रति और अपनों के प्रति पूरी जिम्मेदारी बनती है और हमें इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ निभाना चाहिए तभी हम अपने राष्ट्र के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी निभा पाएंगे अपने कर्तव्यों का पूरी शिद्दत के साथ निर्वाह करना हमारा फर्ज है जिसे हमें हर हाल में निभाना ही होगा तभी हम अपने राष्ट्र को प्रगति की राह पर लेकर जा सकते हैं। यकीन मानिए ,फिर वह दिन दूर नहीं जब हम और हमारा राष्ट्र विकसित देशों की श्रेणी में शुमार हो जाएगा और हमारा विश्व गुरु कहलाने का सपना भी बहुत जल्द साकार होगा।
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बाबा साहेब अम्बेडकर जयंती https://apnidilli.com/18360/ Wed, 13 Apr 2022 12:55:14 +0000 http://apnidilli.com/?p=18360 *किसी पर्व से कम नहीं, बाबा भीमराव का जन्मदिन*
*लाए बाबा ही समानता समाज में,हथियारों के बिन*
अम्बेडकर जयन्ती को  भीम जयन्ती और डाॅ. भीमराव अंबेडकर जयंती के नाम से भी जाना जाता है। डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर का जन्म दिन प्रत्येक वर्ष  14 अप्रैल को बिल्कुल त्योहार के जैसे ही समूचे भारत में मनाया जाता है। न केवल भारत, अपितु पूरी दुनिया भर में सभी लोग और विशेष रूप से दलित , आदिवासी , श्रमिक, आर्थिक रूप से अक्षम और बौद्ध धर्म के अनुयायी तो अंबेडकर जयंती को अपने खास अंदाज़ में मनाते हैं।2020 में कोरोना महामारी के चलते यह पर्व ऑफलाइन मोड में नहीं मनाया जा सका,इस वजह से उस वर्ष लोगों ने पहली बार अंबेडकर जयंती को ऑनलाइन माध्यम से मनाया था।
अंबेडकर जयंती के दिन देशभर के लोग बाबा भीमराव अंबेडकर जी को श्रद्धांजलि देकर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने के लिए संकल्प लेते हैं।ऐसा करकर वे बाबा भीमराव अंबेडकर के प्रति अपना धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। गरीबों मजदूरों मुफलिसों और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए बाबा भीमराव अंबेडकर ने जितने प्रयास किए, जितने काम किए, उतना शायद ही किसी और ने गरीबों के उत्थान के लिए किया हो ।इसलिए अधिकतर लोग विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती को इस त्यौहार से कब नहीं मानते और इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं वे साल भर इस दिन का इंतजार करते हैं।
बाबा भीमराव अम्बेडकर जी का जीवन अति संघर्षपूर्ण रहा उन्होंने जीवन पर्यंत महिलाओं कमजोर और पिछड़े लोगों को समाज में उठाने का कार्य किया और भारत के संविधान निर्माण में अपना अभूतपूर्व योगदान भी दिया बाबासाहेब आंबेडकर को भारत रत्न की उपाधि से भी सम्मानित किया गया उनके योगदान को सराहना शायद हम में से किसी की भी कल्पना से परे है। उनके योगदान के बदले उन्हें वापस कुछ लौटाया जा ही नहीं सकता। कहने का तात्पर्य यह है कि उन्होंने देश और समाज के उत्थान के लिए जितने कार्य किए उन कार्यों की एवज में जितना उन्हें सराहा जाए उनकी जितनी तारीफ की जाए कम ही होगी।
अंबेडकर जयंती को समानता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है इसको इस दिवस के रूप में मनाए जाने के पीछे तर्क यह है कि बाबासाहेब चाहते थे कि समाज का प्रत्येक वर्ग समाज में पूरे सम्मान के साथ रहे किसी के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार ना किया जाए विशेष रूप से महिलाओं और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को बाबासाहेब हर प्रकार से सशक्त देखना चाहते थे वे चाहते थे कि समाज का कोई भी वर्ग एक दूसरे को नीचा ना समझें और सभी वर्गों के लोगों को बराबरी का दर्जा हासिल हो। अंबेडकर जयंती को ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है क्योंकि बाबासाहेब जाते थे कि समाज का प्रत्येक वर्ग चाहे वह अमीर को अथवा गरीब शिक्षा प्राप्त करें और शिक्षा प्राप्त करके स्वयं को मजबूत और सशक्त बनाए क्योंकि उनके अनुसार ज्ञान केवल शिक्षित होने पर ही प्राप्त किया जा सकता है क्योंकि शिक्षा हमारे ज्ञान के नेत्रों को खोलती है और हमें समझदार और सशक्त बनाने का कार्य करती है।
*शिक्षा समझाती है सबको,सही राह भी दिखलाती*
*शिक्षा ही तो सम्पूर्ण समाज में समानता है लाती*
बाबासाहेब आंबेडकर जी का जन्म चूंकि महार(अंबेडकर )जाति में हुआ था जिसे उस समय निम्न जाति समझा जाता था तो बचपन से ही बाबासाहेब के मन में एक तड़प थी कि समाज में इस प्रकार का अन्यायपूर्ण व्यवहार किसी के साथ भी नहीं किया जाना चाहिए।लोगों को उनकी जाति और वर्ग के आधार पर आंकना किसी भी तरीके से सही नहीं है ।
*जाति कभी नहीं हो सकती योग्यता का आधार*
*न्यायपूर्ण ही हो सदा यहां सब के संग व्यवहार*
महार(अंबेडकर) जाति में जन्म लेने के कारण बाबासाहेब को अपनी शिक्षा प्राप्त करने में अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ी थी ,इसलिए बचपन से ही उनके मन में था कि वे अपने सभी प्रयासों से समाज में समानता लाएंगे और पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय दिलाएंगे ।बाबासाहेब आंबेडकर की एक खासियत थी कि वे अपने जीवन में कभी भी असफलताओं से हार नहीं मानते थे अपितु असफलताएं उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित ही करती थीं। जितना समाज में उनके साथ भेदभाव किया जाता था वे उतनी ही मजबूती और बहादुरी के साथ आने वाली चुनौतियों का सामना करते थे।
*न हारे हिम्मत कभी न मानी कभी भी हार*
*उत्थान में कमज़ोरों के वो लगे रहे लगातार*
भीमराव अंबेडकर जी का जन्म मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव महू में 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। बाबा साहेब के पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था और उनकी माताजी का नाम भीमाबाई था। बचपन से ही प्रखर बुद्धि होने के कारण बाबासाहेब अंबेडकर शिक्षा के क्षेत्र में नित नई उपलब्धियां हासिल करते थे कम उम्र में ही अधिक समझदारी पा लेने की वजह से ही बाबासाहेब आंबेडकर के मन में अशिक्षित ,गरीब, कमजोर और महिलाओं के प्रति विशेष सहानुभूति थी, क्योंकि उस समय छुआछूत के चलते इस वर्ग के लोगों को समाज में केवल तिरस्कार और प्रताड़ना ही मिलती थी। इस वर्ग का उच्च वर्ग के लोगों द्वारा शोषण किया जाता था जो बाबासाहेब आंबेडकर को बहुत ज्यादा अखरा करता था। इसलिए बचपन में ही बाबासाहेब आंबेडकर ने प्रण लिया था कि वे अपना तमाम जीवन समाज में समानता लाने के लिए लगा देंगे,परंतु पीछे नहीं हटेंगे और उन्होंने यह कर भी दिखाया। अपनी शिक्षा और ज्ञान के बूते ही भीमराव अंबेडकर जी को आजादी के पश्चात भारत के संविधान निर्माण में अध्यक्ष का दर्जा दिया गया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया भी। आजादी के बाद उन्हें कानून मंत्री भी नियुक्त किया गया।आज जिस संविधान के बूते हमारा देश हमारा राष्ट्र आगे बढ़ रहा है ,उन्नति कर रहा है विकासशील देश से विकसित देशों की श्रेणी में आने की होड़ में लगा हुआ है, वह संविधान इन्हीं बाबासाहेब अंबेडकर जी की देन है।
*गरीब, मजलूम और मुफलिसों के विधाता थे*
*भीम राव अंबेडकर जी संविधान के भी निर्माता थे*
पिंकी सिंघल
अध्यापिका
शालीमार बाग दिल्ली
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पानी बिन सब सून https://apnidilli.com/18113/ Sat, 26 Mar 2022 12:46:04 +0000 http://apnidilli.com/?p=18113 सांसें हमारे जीवन का आधार होती हैं,जब तक सांसों का क्रम निरंतर चलता रहता है हम जीवित रहते हैं जैसे ही सांस बंद,जीवन लीला भी समाप्त हो जाती है।सांसों को हवा की आवश्यकता होती है, कहने का तात्पर्य यह हुआ कि जीने के लिए हवा की आवश्यकता है। परंतु केवल सांसों के निरंतर अंदर बाहर जाने से ही जीवन को जिया नहीं जा सकता है। हवा के साथ साथ अन्य अनेक ऐसी चीजें होती हैं जिन पर हमारा जीवन निर्भर होता है और जिनकी अनुपस्थिति में जीवन नहीं जीया जा सकता है।
 जिस प्रकार एक पौधे को बढ़ने के लिए धूप पानी मिट्टी हवा इत्यादि की आवश्यकता होती है उसी प्रकार  संपूर्ण मानव जाति को जीवन जीने के लिए जल की आवश्यकता होती है। पानी का अपना कोई आकार या रंग नहीं होता है परंतु फिर भी यह हमारे जीवन को साकार करता है क्योंकि पानी के बिना कोई रह ही नहीं पाता है।
*ना कोई रंग ना ही आकार,करता फिर भी जीवन साकार*
*पानी बिना कोई रह पाए,पानी पर निर्भर सारा संसार*
सही है कि जल की अनुपस्थिति में कुछ समय गुजारा जा सकता है।यह कुछ समय एक दो या 3 दिन भी हो सकते हैं परंतु यह संभव नहीं कि हम जल के बिना जीवित रह पाएं।जल ही हमारा जीवन है यह तो हमने बचपन से पढ़ा भी है।यह जीवन का आधार माना जाता है।जल की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता इसीलिए प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस भी मनाया जाता है।
*खेतों की फसलों का सार,प्यासे इसके सब नर और नार*
 *जीव जंतु भी निर्भर इस पर,महिमा पानी की अपरंपार*
विश्व जल दिवस मनाने का उद्देश्य केवल लोगों में जागरूकता पैदा करना है कि जल ही जीवन है इसलिए जीवन को बचाने के लिए हमें जल को भी बचाना होगा। यह भी सत्य है कि यदि जल अपनी सीमाओं के बाहर आ जाए तो सुनामी तक ला सकता है इसलिए जल संरक्षण करने की आदत को भी विकसित करना होगा।
*लाता यह सागर में भी ज्वार,नमन है इस को बारंबार*
 *आए जब बाहर सीमाओं से,मच जाए फिर हाहाकार*
 जल को बचाने से तात्पर्य जल को व्यर्थ नहीं बहने देना है और अनावश्यक कार्यों में जल का प्रयोग बिलकुल नहीं करना है। पृथ्वी पर जल संसाधन संकट पहले ही गहराया हुआ है और यह निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। जल के स्रोत जैसे नदी,तालाब ,सागर नहर आदि में जल की मात्रा अब उतनी नहीं रह गई है जितनी होनी चाहिए।
*स्रोत पानी के अनेक प्रकार जिनको करते सब प्रकट आभार*
*बादल में छिप रहता पानी,बरस जाए तो आए बहार*
 जनसंख्या वृद्धि इसका मूल कारण है।साथ ही साथ जनसंख्या वृद्धि से होने वाला प्रदूषण भी जल स्रोतों को बुरी तरह प्रभावित करता है,अर्थात जनता अपने स्वार्थों की पूर्ति हेतु और सुखदाई जीवन जीने के लिए पेड़ पौधे काटकर बड़े-बड़े मॉल, बिल्डिंग और फैक्ट्री खड़ी कर देते हैं जिनमें खतरनाक केमिकल्स का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है और यही जल प्रदूषण का सबसे महत्वपूर्ण कारण भी है।
 मनुष्य क्यों नहीं समझता कि अगर इसी प्रकार जल प्रदूषित होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हमें प्रदूषित जल को ही पीना पड़ेगा और जल प्रदूषण से होने वाली बीमारियां हमें घेर लेंगी।इस बात से कोई अनजान नहीं है कि प्रकृति ने हमें असीम मात्रा में जल प्रदान किया है परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि हम जल को व्यर्थ बहाएं। पृथ्वी पर विभिन्न स्रोत हैं उनमें पीने योग्य पानी की मात्रा बहुत कम है।इसलिए हमें पानी को सोच समझकर उपयोग में लाना होगा इसे बेकार में बहने से बचाना होगा।
यदि यही दृष्टिकोण हम सब अपना ले तो प्रकृति के इस अनमोल उपहार और अमूल्य संसाधन को बर्बाद होने से रोका जा सकता है।एक दूसरे की देखा देखी कर पानी को अनावश्यक कार्य पर बहाना और बहते रहते रहने देना अत्यंत गलत दृष्टिकोण है। हमें पानी को ना तो व्यर्थ बहाना है और ना ही किसी को बहाने देना है।
*हरियाली का यह आधार,है बिन पानी सब निराधार*
*एक बूंद ना व्यर्थ गवायेंगे,अब सब लें संकल्प मिलकर इस बार*
 उन क्षेत्रों की कल्पना भी हम नहीं कर सकते जिनमें आज भी पानी के स्रोत उपलब्ध नहीं हैं और वहां के लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल जा कर पानी ढोकर लाना होता है। इसलिए जल का महत्व समझें और एक जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं।ऐसी नई नई तकनीकें अपनाएं जिनसे हम जल की बर्बादी को नियंत्रित कर सकें।
ध्यान रहे प्रदूषित पानी हमारे किसी भी काम का नहीं होता है।प्रदूषित पानी को जितना मर्जी साफ कर लिया जाए परंतु उसे पीने के काम नहीं लाया जा सकता ।इसलिए पानी को दूषित होने से बचाना होगा और प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा चलाई गई मुहिम को सफल बनाने में हमें अपना अहम योगदान देना होगा।
पिंकी सिंघल, अध्यापिका
शालीमार बाग दिल्ली
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रूस और यूक्रेन में शुरू हुई जंग तो सोशल मीडिया पर आई मीम्स की बाढ़ https://apnidilli.com/17738/ Thu, 24 Feb 2022 11:33:57 +0000 http://apnidilli.com/?p=17738 नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से बना तनाव का माहौल आखिरकार गुरुवार को युद्ध में बदल गया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सेना हथियार डाले और वापस जाए। इस बयान के तुरंत बाद ही यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके और राजधानी कीव में बड़े धमाकों की रिपोर्ट्स सामने आई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रमातोस्क में 2 धमाके हुए हैं। रूसी सिपाही क्रीमिया के रास्ते यूक्रेन में घुस रहे हैं।
बता दें कि बीते नवंबर से दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल है। इस बीच देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर मीम्स के जरिए यूजर्स दोनों देशों को आड़े हाथों ले रहे हैं। वहीं, कुछ मजेदार मीम्स भी शेयर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि दुनिया में तमाम तरह के सिरदर्द हैं, लेकिन सबसे बड़ा सिरदर्द रूस का पड़ोसी देश होना है।
यहां देखिए कुछ वायरल हो रहे मीम्स:
मंजू मेहता भट्ट नाम के एक यूजर ने सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर मीम्स शेयर कर लिखा कि हर चीज की चेन रिएक्शन हो सकती है.
द वेंगाड नाम के यूजर ने एक मीम शेयर करते हुए लिखा कि हमने कर दिया Joe
रिबेल रोज नाम के यूजर ने सोशल मीडिया ऐप कू पर लिखा कि कोई युद्ध अच्छा नहीं है!  यूक्रेन पर हुए हमलों के लिए अमेरिका जिम्मेदार है। पुतिन दे रहे हैं बाइडेन को जवाब।
वेद प्रकाश भट्ट नाम के यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू ऐप पर लिखा कि हम भारतीय क्या करें? जब युद्ध शुरू हो गया है और वापस नहीं जा पा रहे है?
रेवंत राय ने सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर लिखा कि भारत को पुतिन की रणनीति सीखनी चाहिए…और उसी पर अमल करना चाहिए…अपना सपना बनाने और उस पर काम करने के लिए…….”अखंड भारत”
जानकारी के लिए आपको बता दें कि बीते नवंबर से दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल है। वहीं, ताजा हालात ये हैं कि यूक्रेन के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि रूस के हमले से देश की नौसेना को काफी नुकसान पहुंचा है। मिसाइल और रॉकेट से हुए हमले की वजह से कीव और खार्किव में यूक्रेनी सैन्य कमांड पोस्ट तबाह हुए हैं। हालांकि अभी तक इन हमलों में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
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