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दधीचि देह दान समिति के क्षेत्रीय कार्यालय का शुभारम्भ

नई दिल्ली। दधीचि देह दान समिति के क्षेत्रीय कार्यालय का शुभारम्भ उत्तरी दिल्ली के गुजरांवाला टाउन में किया गया। लोगों को मरने के बाद अंगदान-देहदान के लिए प्रेरित करके समिति स्वस्थ-सबल समाज के निर्माण में प्रयासरत है। आलोक कुमार द्वारा इस समिति का गठन लगभग 25 वर्ष पूर्व किया गया था। समिति दानकर्ता परिवार और सरकारी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों के बीच सेतु का कार्य करती है। समिति के माध्यम से अब तक 290 देह दान, 700 नेत्र दान, 5 अंग दान, 3 त्वचा दान व 3 अस्थि दान हुए हैं।
दिल्ली व एन.सी.आर. में समिति के 8 विभाग हैं जो जनमानस को इस विषय पर जागरूक कर रहे हैं। समिति के उत्तरी दिल्ली विभाग ने कार्य विस्तार की आवश्यकता के अनुरूप इस दिन क्षेत्रीय कार्यालय शुरू किया। इस अवसर पर हवन के मुख्य यजमान प्रतिष्ठित समाज सेवी ओ. पी. गोयनका रहे। हवन के पश्चात् हुई समिति की मासिक बैठक में महामंत्री कमल खुराना ने समिति की आगामी योजनाओं के विषय में बताया। सभी क्षेत्रों के संयोजकों ने अपने-अपने क्षेत्र में किए जागरूकता कार्यक्रमों की चर्चा के साथ-साथ कुछ नए सुझाव भी रखे। समिति के अध्यक्ष हर्ष मल्होत्रा ने उत्तरी दिल्ली के कार्यकर्ताओं को समिति के कार्य विस्तार के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर समाज के सम्माननीय जनों की उपस्थिति में एक जन सभा का आयोजन किया गया। समिति के अध्यक्ष हर्ष मल्होत्रा ने उपस्थित जन समूह को समिति का परिचय व समिति की कार्य प्रणाली का विस्तृत परिचय दिया। एमडी हॉस्पिटल के डॉक्टर मखीजा ने चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई के लिए देह दान की आवश्यकता व उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वयं के विद्यार्थी जीवन से तुलना करते हुए कहा कि खुशी की बात है कि आज जन साधारण इस विषय को जानता है और समझना चाहता है। लोकप्रिय कवि राजेश चेतन ने अपने अंदाज में जन मानस में देह दान का विषय यह कहते हुए रखा :-
मानवता के हित में हमको जीना है
मानवता के हित में हमको मरना है
नहीं जलाएंगे काया को अग्नि में
देह-अंग दान तो हमने करना है।
कार्यक्रम में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर अवतार सिंह भी उपस्थित थे। इस विषय से प्रभावित होकर उन्होंने देह दान का संकल्प लिया। डॉ. कीर्तिवर्धन साहनी ने आंकड़ों के माध्यम से अंग दान व देह दान की आवश्यकता पर तथ्यपरक जानकारियां दीं। समिति के संस्थापक व संरक्षक आलोक कुमार ने देह दान करने वाले व्यक्ति को स्वस्थ-सबल भारत के निर्माण में सहयोगी बताया। उन्होंने देह-अंग दान के विषय का आध्यात्मिक व भावनात्मक पक्ष सबके समक्ष विस्तृत रूप से रखा। श्री आलाक कुमार का उद्बोधन जनमानस के लिए मर्मस्पर्शी व प्रेरणादायक रहा। उत्तरी दिल्ली के संयोजक विनोद अग्रवाल ने क्षेत्रीय कार्यकर्ता साथियों की समर्पण भावना की सराहना करते हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।

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