भारत की अखंडता में पहला बलिदान डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था : जगत प्रकाश नड्डा
नई दिल्ली। भारत की एकता-अखंडता के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र के नाम समर्पित करने वाले महान राष्ट्रभक्त श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने दिल्ली भाजपा प्रदेश कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व दिल्ली भाजपा प्रभारी श्याम जाजू, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, सासंद श्रीमती मीनाक्षी लेखी, वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सिद्धार्थन, प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ मोनिका पंत व प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित थे। मंच का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर ने किया। जगत प्रकाश नड्डा ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर लिखित पुस्तक ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जीÓ हिज डेथ इन डिटेंशन-ए केस फॉर इंक्वायरीÓ का भी विमोचन किया।
दिल्ली भाजपा सह प्रभारी तरुण चुघ, केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, पूर्वी दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल, पूर्व दिल्ली भाजपा अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी, सांसद रमेश बिधूड़ी, प्रवेश साहिब सिंह, हंसराज हंस, गौतम गंभीर, राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर पी सिंह, महेश गिरी, दिल्ली भाजपा पूर्व अध्यक्ष व विधायक विजेंद्र गुप्ता दिल्ली भाजपा पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय अपने-अपने क्षेत्र के वर्चुअल पॉइंट से इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े रहे।
डॉ. मुखर्जी को याद करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि ‘एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगेÓ का नारा देकर जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास हेतु धारा 370 और 35 ए को समाप्त करने की प्रेरणा का बीजारोपण करने वाले जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का लाभ उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी आगे बढ़ रही है। कोरोना संक्रमण ने हम सब लोग के सामने बहुत बड़ी चुनौती की स्थिति लेकर आई थी कि लॉकडाउन में लाखों कार्यकर्ता काम कैसे करेंगे, जनसेवा से कैसे जुड़ेंगे?
श्री नड्डा ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर उनको श्रद्धांजलि देने के लिए और उनके दृष्टिकोण को आत्मसात करते हुए पार्टी को कैसे आगे मजबूत किया जा सकता है इसके चिंतन करने के लिए अवलोकन करने के लिए हम सब लोग एकत्रित हुए हैं। मैं दिल्ली प्रदेश को इसके लिए बधाई देता हूं कि उन्होंने बलिदान दिवस को इस वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से मनाने का तय किया। संक्रमण कितना भी हो हम नहीं रुकेंगे हम नहीं डिगेंगे और हम चलते रहेंगे अपने पथ पर।
श्री नड्डा ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक संभ्रांत परिवार से कोलकाता में शिक्षाविद् परिवार में उनका जन्म 1901 में हुआ, वह एक होनहार विद्यार्थी थे जिन्होंने 16 साल की उम्र में मैट्रिकुलेशन कर ली, 20 साल में ग्रेजुएशन कर, 22 साल की उम्र पोस्ट ग्रेजुएशन की और बांग्ला में भी पोस्ट ग्रेजुएशन की। फिर इंग्लैंड चले गए और 3 साल में वहां से बैरिस्टर की डिग्री लेकर लौटे। बहुआयामी प्रतिभा के धनी डॉक्टर मुखर्जी 33 साल की उम्र में ही कोलकाता यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बने।
श्री नड्डा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी जी शुरुआत से जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने की बात का विरोध किया। लेकिन नेहरू जी और शेख अब्दुल्ला के बीच तब खिचड़ी पक रही थी। तब अस्थाई प्रावधानों के साथ अनुच्छेद 370 लगाया गया। लेकिन शेख अब्दुल्ला के इरादे कुछ और थे और नेहरु जी इसका समर्थन कर रहे थे जिसके कारण हिंदुस्तान और कश्मीर का संविधान अलग हो गया था। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी जम्मू-कश्मीर में जाने के लिए परमिट के खिलाफ भी लड़े थे और नारा था-एक देश में एक निशान, एक विधान और एक प्रधान होगा। जिसके बाद देश में जगह-जगह आंदोलन और प्रदर्शन शुरू हुआ, एक प्रजातांत्रिक लड़ाई शुरू हुई लेकिन डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार कर उन्हें कश्मीर ले जाया गया और उनको जेल में डाल दिया गया। डॉ. मुखर्जी 11 मई को दिल्ली से अरेस्ट हुए थे और 23 जून 1953 को उनकी रहस्यमई तरीके से मृत्यु हुई। खंडित भारत की अखंडता के लिए पहला बलिदान श्रद्धेय मुखर्जी का था।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भारतीय जनता पार्टी के यशस्वी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का स्वागत करते हुए कहा कि बलिदान दिवस के अवसर पर हमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में मैंने विद्यार्थी परिषद का काम किया है और उनकी ओजस्वी भाषण को, उनकी कार्यशैली को, उनकी सरलता को नजदीक से देखा है। कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न हुए संकट के समय में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से प्रेरणा लेकर उनके आह्वान पर पूरे देश में 29 करोड़ से भी ज्यादा फूड पैकेट्स, राशन का वितरण किया है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि हम लोग यहां पर डॉक्टर मुखर्जी के बलिदान को याद करने के लिए और उन्हें नमन करने के लिए इक_े हुए हैं। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी वह शख्सियत थे, वह पुण्यात्मा थे जिनके बलिदान को आज भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता 23 जून 1953 के बाद हर कार्यक्रम, हर रैली में याद करते हैं। जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है, जहां हुए बलिदान मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है। यह नारा लगाते लगाते हम लोग बड़े हुए। डॉ. मुखर्जी देश के शिक्षाविद भी थे, अगर वह चाहते तो बहुत सारे रास्ते उनके लिए खुले हुए थे, बहुत ही कम उम्र में कोलकाता यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बने, 1939 के अंदर बंगाल विधानसभा के सदस्य चुने गए, बंगाल के अंदर तमाम आंदोलनों में भाग लेकर बंगाल के एक प्रखर नेता के रूप में उभरे। अपने देश की अखंडता के लिए डॉ. मुखर्जी ने अपने प्राण न्योछावर किए।