कांग्रेस के दलित नेताओं ने यूपी में योगी सरकार के “जंगल राज“ पर जोरदार प्रहार किया
नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस के दलित नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के जंगल राज के तहत यूपी पुलिस ने हाथरस में यौन शोषण का शिकार हुई दलित लड़की का सनातन धर्म के नियमों का उलंघन करते हुए बिना परिवार को बताए आधी रात को दाह संस्कार कर दिया। दलित लड़की के सामूहिक बलात्कार के बाद सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अनुसार सूर्यास्त के पश्चात दाह संस्कार नही किया जा सकता, परंतु यूपी पुलिस ने अपराधियों और माफिया को संरक्षण देने के लिए दलित लड़की का अंतिम संस्कार रिती रिवाजां और मान्यताओं को ताक पर रखकर कर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी महिला असुरक्षित है क्योंकि राजधानी में महिलाओं के साथ अत्यधिक संख्या में यौन शोषण के मामले सामने आ रहे है कि दिल्ली को रेप केपिटल कहा जाता है, जबकि अरविन्द सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए किए गए किसी भी वायदे को पूरा नही किया।
प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधन में दलित नेताओं ने मोदी सरकार के बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि यूपी की बेटियां योगी सरकार कानूनविहिन शासन की उदासीनता का शिकार नही होती तो उन्हें शिक्षित और सशक्त बनाया जा सकता है। संवाददाता सम्मेलन में पूर्व सांसद श्री उदित राज, प्रदेश उपाध्यक्ष जय किशन और अली मेंहदी, पूर्व विधायक वीर सिंह धींगान, अमृता धवन, कु- रिंकू और राज कुमार इंदौरिया भी शामिल थे।
पूर्व सांसद श्री उदित राज ने कहा कि योगी सरकार ने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने वाली एन्काउंटर विशेषज्ञ बन गइ है, जिसका प्रयोग कई मामलों में किया है। परंतु हाथरस की दलित लड़की के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले में पुलिस ने योगी सरकार के संरक्षण में पूरी तरह से अनदेखी करके एफआईआर भी कई दिनों बाद की और अपराधियों के खिलाफ समय रहते कार्यवाही नही की।
श्री जय किशन ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वायदा करने वाली दिल्ली की अरविन्द सरकार राजधानी में महिलाओं के साथ होने वाले क्रूर यौन शोषण के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में 47 फास्ट ट्रेक कोर्ट बनाने का वायदा किया था, परंतु उसे पूरा नही किया जबकि शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 15 फास्ट ट्रेक कोर्ट बनाई गई जिसके द्वारा महिलाओं के साथ अपराधिक मामलों को जल्दी से निपटाया जाता था। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ 51369 केस आज भी लम्बित पड़े है। उन्होंने दलित समाज से अपील की कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के सभी नेताओं का समाज से बहिष्कार करे क्योंकि आज इन दोनों सरकारों के कार्यकाल में दलित सबसे अधिक असुरक्षित है।
अमृता धवन ने कहा कि महिलाओं की हितेषी कहने वाली अरविन्द सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए निर्भया फंड के लिए जारी 390 करोड़ की राशि का सिर्फ 5 प्रतिशत ही खर्च कर पाई है, इससे साफ हो जाता है कि अरविन्द सरकार महिलाओं के प्रति कितनी संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि अरविन्द सरकार ने महिला हैल्पलाईन के लिए जारी 50 लाख रुपये में से एक भी पैसा इस कार्य पर खर्च नही किया, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उसके पीछे भाजपा और आरएसएस ने निर्भया मामले में आंदोलन चलाया था। उन्होंने कहा कि अरविन्द सरकार ने महिलाओं की रक्षा के लिए डीटीसी बसों में सीसीटीवी और मार्शल नियुक्त करने का वायदा किया था, जो वास्तविकता से दूर सिर्फ कागजों में दिखाई देते है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस नेता कु0 रिंकू ने कहा कि दिल्ली में महिलाओं को अंधेरे में घर से निकलने मे डरती है क्योंकि राजधानी की 70 प्रतिशत स्ट्रीट लाईट कार्य नही कर रही है, जिससे राजधानी में कई डार्क स्पॉट है, जबकि आम आदमी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में दिल्ली के डार्क स्पॉट खत्म करने का वायदा किया था। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी लॉकडाउन के बाद सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है और महिलाओं को यात्रा करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि लास्ट माईल कनेक्टिविटी पर परिवहन सुविधा बिलकुल भी नही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के महिला सुरक्षा संबधी सभी वायदे खोखले साबित हुए है।