निर्माण स्थलों पर प्रदूषण विरोधी निर्देशों का पालन करना होगा
नई दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों समेत दिल्ली वासियों को निर्माण स्थलों पर सरकार द्वारा जारी धूल प्रदूषण विरोधी पांच प्रमुख निर्देशों का पालन करना होगा। उन्हें निर्माण स्थलों को टीन शेड, नेट और हरी चादरों से ढंकना होगा, पानी का नियमित छिड़काव करना होगा और निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों को भी ढंकना होगा। आज से हमने दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट की माइक्रो मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। एमसीडी के 9 डिप्टी कमिश्नरों को दिल्ली में चिंहित 13 हॉटस्पॉट का नोडल अधिकारी बनाया गया है और उन्हें 14 अक्टूबर तक विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि एक्शन प्लान बनाया जा सके। गोपाल राय ने कहा कि ग्रीन एप को लॉच करने से पहले सेंट्रल वार रूम और सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए ट्रेनिंग का कार्य किया जा रहा है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली के अंदर ‘युद्ध, प्रदूषण के विरूद्ध’ अभियान चल रहा है। इसी के तहत दिल्ली सरकार एंटी डस्ट (धूल नियंत्रण) अभियान चला रही है। इस अभियान के लिए पर्यावरण विभाग (डीपीसीसी) द्वारा कुल 14 टीमें बनाई गई हैं, जो दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार निरीक्षण कर रहीं हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि कुछ साईटों की शिकायत विभाग को मिली थी, जो मानको को पूरा किए बिना निर्माण कार्य कर रही थीं। उन साईटों का मैंने दौरा किया। खासकर के उन साईटों का जो 20 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा की हैं। पहले हमने फिक्की सभागार में चल रहे ध्वस्तिकरण कार्य का जायजा लिया और वहॉं अनियमितताएं पाए जाने पर 20 लाख रूपए का जुर्माना लगाया गया। विभाग द्वारा कुल 20 हजार वर्गमीटर से ऊपर 39 साईटों को चिंहित किया, जिसमें से 33 साईटों पर एंटी स्मॉग गन लगाए गए हैं।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि डी.डी.ए., एम.सी.डी., सेंट्रल एजेंसी, पीडब्ल्यूडी, बाढ़ नियंत्रण विभाग इत्यादि कोई भी विभाग और किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा निर्माण कार्य या ध्वस्तीकरण कार्य के लिए 5 दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी है। सभी संबंधित विभाग को यह निर्देश दिए गए है कि वो यह सुनिश्चित करें कि प्रदूषण से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन हो।
*धूल नियंत्रण के प्रमुख दिशा-निर्देश*
1-निर्माण/ध्वस्तीकरण के समय उसकी ऊंचाई से तीन गुना (अधिकतम 10 मीटर) ऊपर तक टीन का कवर लगाना होगा।
2- निर्माण एवं ध्वस्त स्थल पर ग्रीन नेट/तिरपाल लगाना होगा।
3- निर्माण/ध्वस्त स्थल पर पानी के छिड़काव की उचित व्यवस्था एवं धूल को दबाने के लिए पानी का लगातार छिड़काव। 20 हजार वर्गमीटर से ऊपर वाली जगह के लिए एंटी स्मॉग गन लगाना जरूरी है।
4- निर्माण/ध्वस्त स्थल पर अपशिष्ट पदार्थ पूरी तरह से ढंके होने चाहिए।
5- कोई भी गाड़ी, जो निर्माण स्थल या घ्वस्तीकरण स्थल पर आ जा रही है, वह पूरी तरह से धुली होनी चाहिए और उसपर स्थित सामग्री ढंकी होनी चाहिए।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने विभागों एवं दिल्ली के निवासियों से अपील की है कि निर्माण कार्य में इन पॉंचों दिशा-निर्देशों का निश्चित रूप से पालन करे, क्योंकि यह दिल्ली के लोगों के लिए ही हितकर है और उनकों प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी।