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केजरीवाल सरकार का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला : आदेश गुप्ता

नई दिल्ली। अरविन्द केजरीवाल ने अपने दो करीबी नेताओं के साथ मिलकर दिल्ली की जनता का 26,000 करोड़ रुपये डकार लिये है। अब तक के सबसे बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सिलसिलेवार दस्तावेज मीडिया को दिखाये। प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, मीडिया रिलेशन विभाग के प्रभारी हरीश खुराना और मीडिया रिलेशन विभाग के प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर मौजूद थे।
आदेश गुप्ता ने कहा दिल्ली जल बोर्ड पिछले 6 सालों में अरविन्द केजरीवाल की करतूतों के कारण ‘दलाली जल बोर्ड’ बन गया है। मात्र पांच वर्षों में अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड को 41,000 करोड़ रुपये का लोन दिया था, जिसमें से 26,000 करोड़ रुपये का कोई हिसाब-किताब ही नहीं है। दिल्ली के टैक्स पेयर का 26000 करोड़ रुपये ह़ड़पने के बाद केजरीवाल सरकार डकार तक नहीं ले रही है।
आदेश गुप्ता ने दिल्ली वित्त निगम और CAG रिपोर्ट दिखाते हुए आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार के खातों से पिछले पांच सालों में 26,000 करोड़ रुपये दिल्ली जल बोर्ड के खातों में स्थनांतरित किए गए, लेकिन उसका हिसाब केजरीवाल, सत्येन्द्र जैन या राघव चढ्ढ़ा देने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने हर घर में नल से जल देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक दिल्ली के एक-चौथाई भाग को पीने के पानी की पाइप लाइन के दर्शन तक नहीं हुए हैं।
आदेश गुप्ता ने कहा कि यही स्थिति सीवरेज प्लांट की भी है। दिल्ली की अनुमानित 18,00 अनाधिकृत कॉलोनियों में से सिर्फ 561 कॉलोनियों में सीवरेज प्लांट डाले गए हैं और उसकी भी स्थिति दयनीय है। ऐसा दिल्ली सरकार की खुद की रिपोर्ट में ही लिखा गया है। साल 2015 में जितना पानी पीने योग्य बनता था, आज 6 साल बाद भी स्थिति वैसी ही है, उसमें 5 प्रतिशत की भी वृद्धि नहीं हुई है। मतलब पिछले 6 सालों में दिल्ली की जनसंख्या तो बढ़ी है, लेकिन जल बोर्ड के काम करने का तरीका जस का तस रहा है। केजरीवाल ये दावा करते हैं कि दिल्लीवालों को यमुना में नहलाकर आचमन कराएंगे, लेकिन यमुना पहले से ज्यादा जहरीली हो गई है।

नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जल के घोटालों की जांच करने के लिए मुख्यमंत्री अविन्द केजरीवाल दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाएं और दिल्ली जल बोर्ड के घोटालों पर चर्चा कराएं, क्योंकि उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वो तथ्यों के साथ हैं, इसलिए दिल्ली की जनता को वो साफ करें कि आखिर 26,000 करोड़ का जो घोटाला किया गया है, उन पैसों को किन-किन मदों में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की नियत यदि साफ है तो उन्हें इन पैसों का हिसाब देने में कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए।

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